मैनकाइंड फार्मा को ऑटोइम्यून बीमारियों की नई दवा के परीक्षण की मंजूरी

मैनकाइंड फार्मा को ऑटोइम्यून बीमारियों की नई दवा के परीक्षण की मंजूरी मिली।

Published · By Tarun · Category: Health & Science
मैनकाइंड फार्मा को ऑटोइम्यून बीमारियों की नई दवा के परीक्षण की मंजूरी
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मैनकाइंड फार्मा को केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) से एक बड़ी मंजूरी मिल गई है। कंपनी ने सोमवार को घोषणा की कि उसे ऑटोइम्यून बीमारियों के इलाज के लिए विकसित किए जा रहे एक नए मॉलिक्यूल (दवा के अणु) के पहले चरण के क्लिनिकल ट्रायल शुरू करने की अनुमति मिल गई है। यह एक महत्वपूर्ण कदम है जो कई गंभीर बीमारियों से जूझ रहे मरीजों के लिए उम्मीद जगाता है।

इन बीमारियों में होगा कारगर

यह नया मॉलिक्यूल कई ऑटोइम्यून बीमारियों के इलाज के लिए तैयार किया जा रहा है। इनमें गठिया (रूमेटाइड आर्थराइटिस), अल्सरेटिव कोलाइटिस (आंतों की सूजन), प्लाक सोरायसिस (त्वचा संबंधी बीमारी) और एलोपेसिया (बाल झड़ने की समस्या) जैसी गंभीर बीमारियां शामिल हैं। ये सभी बीमारियाँ तब होती हैं जब शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली गलती से अपने ही स्वस्थ ऊतकों पर हमला करने लगती है।

शोध और शुरुआती परिणाम

यह खास मॉलिक्यूल, जिसे MKP11093 नाम दिया गया है, मैनकाइंड रिसर्च सेंटर में विकसित किया गया है। कंपनी ने बताया कि प्रीक्लिनिकल स्टडीज (मनुष्यों पर परीक्षण से पहले के अध्ययन) में इसके काफी मजबूत परिणाम देखने को मिले हैं। इसने एक सुरक्षित और चुनिंदा प्रोफाइल का प्रदर्शन किया है, जिससे यह संकेत मिलता है कि यह संभावित रूप से प्रभावी और सुरक्षित हो सकता है।

कंपनी का बयान

मैनकाइंड फार्मा के मुख्य परिचालन अधिकारी (COO) अर्जुन जुनेजा ने इस विकास पर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि MKP11093 का विकास एक बड़ी उपलब्धि है। यह कंपनी की उस कोशिश को दर्शाता है जिसके तहत वे एक 'बेस्ट-इन-क्लास JAK इनहिबिटर' उपलब्ध कराना चाहते हैं। उनका लक्ष्य है कि दवा के उपचार की क्षमता को अधिकतम किया जाए और साथ ही पारंपरिक तरीकों से जुड़ी सुरक्षा चिंताओं का भी समाधान किया जाए।

पहले चरण के ट्रायल में क्या होगा?

कंपनी ने बताया कि पहले चरण का क्लिनिकल ट्रायल जल्द ही शुरू होने की उम्मीद है। इस ट्रायल में स्वस्थ स्वयंसेवकों पर MKP11093 की सुरक्षा, सहनशीलता और फार्माकोकाइनेटिक्स (शरीर में दवा कैसे काम करती है) का मूल्यांकन किया जाएगा। यह अध्ययन सिंगल और मल्टीपल-असेंडिंग डोज (अलग-अलग खुराक) के माध्यम से किया जाएगा ताकि दवा के प्रभाव और सुरक्षा को गहराई से समझा जा सके।

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