दिमाग खाने वाले अमीबा का बढ़ता खतरा: केरल में 19 मौतें, जानें सबकुछ

केरल में 'दिमाग खाने वाले अमीबा' से 19 मौतें, जानें लक्षण और बचाव।

Published · By Bhanu · Category: Health & Science
दिमाग खाने वाले अमीबा का बढ़ता खतरा: केरल में 19 मौतें, जानें सबकुछ
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परिचय: क्या है दिमागी अमीबा रोग?

अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस (Amoebic Meningoencephalitis) एक बेहद दुर्लभ लेकिन जानलेवा संक्रमण है जो केंद्रीय तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करता है। इसे 'दिमाग खाने वाले अमीबा' के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि यह मस्तिष्क के ऊतकों को नष्ट कर देता है और सूजन पैदा करता है। यह आमतौर पर झीलों और नदियों जैसे ताजे पानी के वातावरण में पाए जाने वाले स्वतंत्र-जीवित अमीबा के कारण होता है। इस साल, 17 सितंबर 2025 तक, केरल में अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस के लगभग 70 मामले सामने आए हैं, जिनमें से 19 लोगों की मौत हो चुकी है। कई मरीज अभी भी इलाज करवा रहे हैं।

यह कब और कैसे फैलता है?

यह बीमारी अक्सर साल के गर्म महीनों और गर्म जलवायु वाले क्षेत्रों में अधिक होती है। अमीबा नाक के रास्ते शरीर में प्रवेश करता है और मस्तिष्क तक पहुंच जाता है, जहां यह मस्तिष्क के ऊतकों को नष्ट करना शुरू कर देता है और उनमें सूजन पैदा करता है। हाल के मामलों में, बच्चों को इसके प्रति अधिक संवेदनशील पाया गया है। यह संक्रमण एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैलता। साथ ही, दूषित पानी को निगलने से भी यह बीमारी नहीं होती।

दिमागी अमीबा के प्रकार

अमीबिक एन्सेफलाइटिस के दो मुख्य प्रकार होते हैं:

  • प्राइमरी अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस (PAM): यह नेगलेरिया फाउलेरी (Naegleria fowleri) नामक अमीबा के कारण होता है। यह अमीबा गर्म ताजे पानी की झीलों, तालाबों और नदियों में पनपता है। दुर्लभ मामलों में, यह खराब रखरखाव वाले स्विमिंग पूल में भी जीवित रह सकता है।
  • ग्रेन्युलोमेटस अमीबिक एन्सेफलाइटिस (GAE): यह अन्य प्रकार के अमीबा के कारण होता है।

खतरनाक नेगलेरिया फाउलेरी

नेगलेरिया फाउलेरी को 'दिमाग खाने वाला अमीबा' कहा जाता है क्योंकि यह मस्तिष्क को संक्रमित करता है और उसके ऊतकों को नष्ट कर देता है। ये संक्रमण, हालांकि दुर्लभ होते हैं, लेकिन बेहद घातक होते हैं। इस बीमारी से पीड़ित लगभग 97% मरीज जीवित नहीं बच पाते हैं। PAM आमतौर पर स्वस्थ बच्चों, किशोरों और युवा वयस्कों में होता है और तेजी से फैलने व देर से निदान के कारण इसकी मृत्यु दर बहुत अधिक है।

लक्षण और पहचान

PAM के शुरुआती लक्षण बैक्टीरियल मेनिन्जाइटिस से मिलते-जुलते होते हैं, जबकि GAE के लक्षण मस्तिष्क फोड़े (brain abscess), एन्सेफलाइटिस या मेनिन्जाइटिस जैसे हो सकते हैं। दोनों ही प्रकार के दिमागी अमीबा संक्रमण घातक हो सकते हैं और कुछ ही लोग इससे बच पाते हैं। मरीजों में आमतौर पर पिछले एक से नौ दिनों के दौरान गर्म, रुके हुए ताजे पानी में तैरने, गोता लगाने या नहाने का इतिहास मिलता है। हालांकि, कुछ मामलों में ऐसा कोई ज्ञात इतिहास भी नहीं होता।

इस संक्रमण का पता सेरेब्रोस्पाइनल फ्लूइड (CSF) के पीसीआर (PCR) टेस्ट से लगाया जा सकता है। लेकिन, PAM एक दुर्लभ स्थिति होने के कारण, इसका पता लगाना कभी-कभी मुश्किल हो सकता है।

केरल सरकार के बचाव के प्रयास

केरल सरकार ने अब इस बीमारी के इलाज के लिए एक प्रोटोकॉल तैयार किया है और शुरुआती निदान व उपचार का प्रयास कर रही है।

यह अमीबा कहां पाया जाता है?

घातक नेगलेरिया प्रजातियां मिट्टी और ताजे या खारे पानी (झीलों, नदियों, तालाबों) में सर्वव्यापी होती हैं। आमतौर पर, वे शुष्कता और अत्यधिक पीएच जैसी पर्यावरणीय परिस्थितियों के प्रति संवेदनशील होती हैं और समुद्री पानी में जीवित नहीं रह पाती हैं।

बचाव के महत्वपूर्ण तरीके

संक्रमण से बचने के लिए विशेषज्ञों ने कुछ उपाय सुझाए हैं:

  • ताजे पानी में कूदते या गोता लगाते समय नाक को बंद रखें या नोज क्लिप पहनें।
  • गर्म पानी में प्रवेश करते समय सिर को ऊपर रखें।
  • उथले पानी में खुदाई करने से बचें।
  • नाक के रास्ते साफ करने के लिए आसुत या उबले हुए पानी का उपयोग करें।
  • कुओं, टैंकों और स्विमिंग पूल का क्लोरीनीकरण (chlorination) और नियमित सफाई भी अनुशंसित की जा रही है।

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