दिल्ली में जहरीली हुई हवा, अस्पतालों में बढ़े सांस के मरीज; डॉक्टर ने दी खास सलाह
दिल्ली में जहरीली हवा से अस्पतालों में बढ़े सांस के मरीज।

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क्या है स्थिति?
दिल्ली में हवा की गुणवत्ता बेहद खराब होने के चलते अस्पतालों में सांस लेने में तकलीफ और श्वसन संबंधी बीमारियों के मरीजों की संख्या में भारी बढ़ोतरी दर्ज की गई है। डॉक्टर लोगों को मास्क पहनने और प्रदूषित इलाकों में जाने से बचने की सलाह दे रहे हैं।
हवा की गुणवत्ता का हाल
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में बुधवार, 23 अक्टूबर, 2025 को लगातार तीसरे दिन हवा की गुणवत्ता 'बहुत खराब' श्रेणी में रही। शाम 4 बजे शहर का 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 353 दर्ज किया गया।
कौन हैं सबसे ज्यादा प्रभावित?
वायु प्रदूषण से सबसे ज्यादा खतरा बच्चों और बुजुर्गों को होता है, क्योंकि उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है और फेफड़ों की क्षमता भी कम होती है। इसके अलावा, अस्थमा, क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD) और दिल की बीमारियों से जूझ रहे लोगों पर भी प्रदूषण का गहरा असर पड़ रहा है।
डॉक्टरों की चिंता और लक्षण
दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन के सदस्य अनिल बंसल ने बताया, "प्रदूषण के इस अत्यधिक स्तर से सिर्फ वे लोग ही नहीं, जो पहले से संवेदनशील हैं और जिन्हें गंभीर समस्या होने की आशंका अधिक है, बल्कि स्वस्थ लोग भी खांसी, घरघराहट, गले में जलन और सांस फूलने की शिकायत कर रहे हैं।" उन्होंने आगे कहा कि अब बुजुर्ग आबादी पर सबसे बुरा असर दिख रहा है, जिनमें निमोनिया और रेस्पिरेटरी फेलियर (सांस संबंधी अंगों का काम न करना) के मामले बढ़ रहे हैं।
बचाव के लिए क्या करें?
- प्रदूषण के चरम समय, खासकर शाम और सुबह के शुरुआती घंटों में, घर से बाहर कम निकलें।
- बाहर जाते समय फेस मास्क जरूर पहनें, ताकि हवा में मौजूद महीन कण फेफड़ों तक न पहुंचें।
- घर के अंदर HEPA (हाई एफिशिएंसी पार्टिकुलेट एयर) फिल्टर वाले एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें।
- खिड़की-दरवाजे बंद रखें ताकि प्रदूषित हवा घर में न घुसे।
- खूब पानी पिएं और अपने शरीर को हाइड्रेटेड रखें।
- कोई भी दवा लेने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें।











