न्यायमूर्ति सूर्यकांत: न्याय मानवीय प्रयास, तकनीक सहायक
न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने कहा, न्याय मानवीय प्रयास है, तकनीक सहायक

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क्या है मुख्य बात?
सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश, न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने कहा है कि न्याय देना एक गहरा मानवीय प्रयास है और तकनीक इसमें केवल एक शक्तिशाली सहायक हो सकती है। उनका कहना है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) भले ही शोध करने, ड्राफ्ट बनाने या विसंगतियों को उजागर करने में मदद कर सकती है, लेकिन यह "गवाह की आवाज में कंपन, याचिका के पीछे की पीड़ा या किसी निर्णय के नैतिक महत्व को महसूस नहीं कर सकती।"
कहां कही गई यह बात?
न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने श्रीलंका के बार एसोसिएशन द्वारा आयोजित 'राष्ट्रीय कानून सम्मेलन' में मुख्य भाषण दिया। उन्होंने 'कानूनी पेशे की सहायता में तकनीक: एक वैश्विक परिप्रेक्ष्य' विषय पर बोलते हुए 24 अक्टूबर को यह बात कही।
तकनीक है मददगार, पर न्याय मानवीय कार्य
न्यायमूर्ति कांत ने अपने संबोधन में साफ किया कि कानूनी पेशे में तकनीक एक मजबूत सहयोगी है, लेकिन न्याय प्रदान करना हमेशा एक मानवीय काम ही रहेगा। उन्होंने कहा, "हमारे पेशे का सार डेटा या एल्गोरिदम में नहीं, बल्कि विवेक और करुणा में निहित है। न्यायाधीश का निर्णय, वकील का तर्क, मुकदमेबाज की गरिमा, और प्रत्येक निष्पक्ष सुनवाई को जीवंत करने वाली सहानुभूति – ये न्याय के वे जीवित तत्व हैं जिन्हें कोई भी मशीन दोहरा नहीं सकती।"
एआई की भूमिका की सीमाएं
न्यायमूर्ति कांत ने विस्तार से बताया कि जहां AI कानूनी शोध में, मसौदा तैयार करने में या कानूनी दस्तावेज़ों में असंगतियों को इंगित करने में बहुत सहायक हो सकता है, वहीं यह उन मानवीय पहलुओं को नहीं समझ सकता जो न्याय के लिए महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने कहा, "एआई किसी गवाह की कांपती आवाज, किसी याचिका के पीछे की वेदना, या किसी फैसले के नैतिक भार को नहीं समझ सकता।"
मानवीय पहलू का महत्व
उन्होंने जोर देकर कहा, "आइए हम बिलकुल स्पष्ट रहें: हम वकील या न्यायाधीश को बदल नहीं रहे हैं, हम केवल उनकी पहुंच बढ़ा रहे हैं और सेवा करने की उनकी क्षमता को परिष्कृत कर रहे हैं। तकनीक को मार्गदर्शक बनने दें, और इंसान को शासन करने दें।" न्यायमूर्ति कांत, जो वरिष्ठता के आधार पर अगले भारत के मुख्य न्यायाधीश बनने की कतार में हैं, ने यह बात कही।
भविष्य की दिशा
न्यायमूर्ति कांत ने यह भी स्वीकार किया कि कानूनी क्षेत्र तकनीक, विशेषकर AI, को नजरअंदाज नहीं कर सकता। उन्होंने कहा, "हम एक निर्णायक मोड़ पर खड़े हैं – हम तकनीक का विरोध करके रुक सकते हैं, या हम इसे आकार दे सकते हैं और इसका मार्गदर्शन कर सकते हैं, इसके डिजाइन में अपने कानूनी और नैतिक मूल्यों को स्थापित कर सकते हैं, ताकि यह न्याय को मजबूत करे, न कि उसकी जगह ले।"











