बैरन द्वीप पर दो बार हुए हल्के ज्वालामुखी विस्फोट
भारत के इकलौते सक्रिय ज्वालामुखी बैरन द्वीप पर दो हल्के विस्फोट


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अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के बैरन द्वीप पर हाल ही में दो बार हल्के ज्वालामुखी विस्फोट देखे गए हैं। अधिकारियों ने सोमवार, 22 सितंबर, 2025 को इस बात की जानकारी दी। बैरन द्वीप को भारत का एकमात्र सक्रिय ज्वालामुखी होने का गौरव प्राप्त है।
क्या हुआ?
अधिकारियों के अनुसार, पिछले आठ दिनों के भीतर बैरन द्वीप पर दो छोटे ज्वालामुखी विस्फोट हुए। ये विस्फोट 13 सितंबर और 20 सितंबर को देखे गए। हालांकि, राहत की बात यह है कि ये सभी विस्फोट मामूली प्रकृति के थे और इनसे कोई बड़ा खतरा पैदा नहीं हुआ।
भारत का इकलौता सक्रिय ज्वालामुखी
बैरन द्वीप अंडमान और निकोबार द्वीप समूह का एक महत्वपूर्ण भौगोलिक स्थान है। यह भारत का एकमात्र सक्रिय ज्वालामुखी है, जो भूवैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं के लिए विशेष रुचि का विषय रहा है। यह द्वीप पोर्ट ब्लेयर से समुद्र मार्ग से लगभग 140 किलोमीटर दूर स्थित है और पूरी तरह से मानव रहित है।
भौगोलिक स्थिति
यह द्वीप भारतीय और बर्मी टेक्टोनिक प्लेटों के मिलन बिंदु पर स्थित है, जो इसकी ज्वालामुखी गतिविधि का मुख्य कारण है। बैरन द्वीप का कुल क्षेत्रफल 8.34 वर्ग किलोमीटर है। इसके सबसे करीब स्वाराज द्वीप (हैवलॉक द्वीप) और नारकोंडम द्वीप हैं, जो बैरन द्वीप से लगभग 140-150 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं।
विस्फोटों का इतिहास
अंडमान और निकोबार प्रशासन के पास उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, बैरन द्वीप पर पहला ज्वालामुखी विस्फोट 1787 में दर्ज किया गया था। इसके बाद 1991, 2005, 2017 और 2022 में भी हल्के विस्फोट हुए थे। ये लगातार होने वाली गतिविधियां द्वीप के सक्रिय ज्वालामुखी स्वरूप को दर्शाती हैं।