डब्ल्यूएचओ की नई कोविड-19 गाइडलाइन: अब बिना ज़रूरत एंटीबायोटिक नहीं
डब्ल्यूएचओ ने कोविड-19 के लिए नई एंटीबायोटिक गाइडलाइन जारी की।


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विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कोविड-19 के इलाज से जुड़े अपने क्लीनिकल केयर दिशानिर्देशों को अपडेट किया है। इन नए दिशानिर्देशों में सलाह दी गई है कि अगर किसी मरीज में बैक्टीरियल इन्फेक्शन (जीवाणु संक्रमण) होने का संदेह न हो, तो एंटीबायोटिक दवाओं का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
क्या हैं नए दिशानिर्देश?
डब्ल्यूएचओ ने बताया है कि हल्के या गैर-गंभीर कोविड-19 वाले उन मरीजों के लिए, जिनमें बैक्टीरियल इन्फेक्शन होने की संभावना कम है, एंटीबायोटिक दवाओं के इस्तेमाल से सख्ती से बचना चाहिए। वहीं, गंभीर कोविड-19 वाले मरीजों के लिए भी, जिनमें बैक्टीरियल इन्फेक्शन का कम संदेह हो, एंटीबायोटिक न देने की सलाह दी गई है।
एंटीबायोटिक पर क्यों बदली सलाह?
डब्ल्यूएचओ ने स्पष्ट किया है कि ये सिफारिशें नए वैज्ञानिक प्रमाणों और बीमारी के फैलाव व गंभीरता में आए बदलावों पर आधारित हैं। इन बदलावों का एक बड़ा कारण एंटीबायोटिक प्रतिरोध (antimicrobial resistance) से निपटना भी है। संगठन ने बताया कि यह फैसला एंटीबायोटिक से इलाज किए गए कोविड-19 मरीजों के परिणामों के एक हालिया विश्लेषण के बाद लिया गया है। 'एम्पिरिकल एंटीबायोटिक्स' वे दवाएं होती हैं जो संक्रमण का सटीक कारण (किस तरह का बैक्टीरिया) पता चलने से पहले ही दे दी जाती हैं। डब्ल्यूएचओ का कहना है कि अब ऐसे मामलों में भी एंटीबायोटिक न देने की सलाह है, जब तक बैक्टीरियल इन्फेक्शन का स्पष्ट संदेह न हो।
किसके लिए हैं ये गाइडलाइन?
ये अपडेटेड दिशानिर्देश उन सभी लोगों के लिए हैं जो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कोविड-19 और पोस्ट-कोविड-19 स्थितियों से जूझ रहे मरीजों की स्वास्थ्य सेवा में शामिल हैं। इनमें डॉक्टर, स्वास्थ्यकर्मी, अस्पताल प्रबंधक और अस्पताल प्रशासक शामिल हैं।
समय के साथ बदलाव
डब्ल्यूएचओ ने यह भी बताया कि 2020 में जारी अपने पहले संस्करण के बाद से ये दिशानिर्देश महामारी की नई जानकारी और बदलती परिस्थितियों के साथ विकसित हुए हैं। इस दौरान कोविड-19 संक्रमण दर में समग्र कमी आई है और बीमारी की गंभीरता भी घटी है। आपातकालीन उपाय भी हटा दिए गए हैं, और अब कोविड-19 मरीजों की देखभाल सामान्य स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियों के साथ एकीकृत हो गई है। इसी बदलते माहौल को देखते हुए, मौजूदा सभी दिशानिर्देशों की समीक्षा की गई है।