शिवाजी महाराज के 12 किले बने वर्ल्ड हेरिटेज साइट, भारत की ऐतिहासिक जीत
12 मराठा किलों को UNESCO का वर्ल्ड हेरिटेज स्टेटस मिला

भारत के 12 मराठा किलों को मिला वर्ल्ड हेरिटेज स्टेटस
11 जुलाई को पेरिस में UNESCO की वर्ल्ड हेरिटेज कमेटी ने भारत के 'Maratha Military Landscapes' को आधिकारिक वर्ल्ड हेरिटेज साइट घोषित किया। इनमें 12 किले शामिल हैं — 11 महाराष्ट्र में और 1 तमिलनाडु में। जैसे ही UNESCO ने ट्वीट किया, सोशल मीडिया पर देशभर में मराठा गर्व की लहर दौड़ गई।
"Every Indian is elated..." — प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (12 जुलाई, सुबह 9:58 IST)
क्या है खास इन किलों में
ये किले 17वीं से 19वीं सदी के बीच बने थे, जो शिवाजी महाराज की युद्ध नीति और स्वराज्य की भावना को दर्शाते हैं। इन किलों में गुरिल्ला युद्ध, जलदुर्ग निर्माण और रणनीतिक वास्तुशिल्प का अद्भुत मेल देखने को मिलता है।
सोशल मीडिया पर कैसा रहा माहौल
UNESCO के ट्वीट को 9.6 हजार बार रीट्वीट किया गया और प्रधानमंत्री के पोस्ट को 1 लाख से ज्यादा लाइक्स मिले। मुंबई, पुणे, नागपुर और चेन्नई से सबसे ज्यादा यूजर सक्रिय दिखे। भारत के टॉप ट्रेंड्स में #MarathaForts और #UNESCO लगातार 18 घंटे तक छाए रहे।
"UNESCO puts Shivaji’s forts on global map" — वायरल पोस्ट (12.5k लाइक्स)
मराठा गौरव की गूंज
राजनीतिक नेताओं से लेकर इतिहासकारों और ट्रेकिंग ग्रुप्स तक ने इसे 'मराठी अस्मिता की ऐतिहासिक जीत' बताया। शिवाजी महाराज की वीरता को वैश्विक मान्यता मिलने से युवाओं में जोश दिखा।
@IndiaHikes ने इन 12 किलों पर ट्रेक गाइड्स शेयर किए जिन्हें हजारों लाइक्स मिले। @VaibhavP21 ने लाइव थ्रेड में शिवाजी के युद्धों की कहानियां साझा कीं।
लेकिन सवाल भी उठे
कुछ यूजर्स ने पूछा — “390 किलों में से सिर्फ 12 क्यों?” सोशल मीडिया पर चर्चा रही कि तोरणा, सिंहगढ़ जैसे किले भी इस सूची में होने चाहिए थे। वहीं कई एक्टिविस्ट्स ने भीड़ नियंत्रण और संरक्षण फंडिंग की मांग की।
"Great, but will we finally fix broken steps at Rajgad?" — यूजर प्रतिक्रिया
क्या बोले बड़े नाम
प्रधानमंत्री मोदी ने इसे भारत के लिए गर्व का क्षण बताया। गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “ये हिंदू स्वराज के स्तंभ हैं।” विदेश मंत्री जयशंकर ने इसे भारत की विरासत डिप्लोमेसी की जीत बताया। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने केंद्र सरकार और ASI को धन्यवाद देते हुए संरक्षण पर ज़ोर दिया।
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
इस सीरियल नॉमिनेशन की चर्चा 2021 से चल रही थी और जनवरी 2024 में आधिकारिक तौर पर पेश किया गया था। ICOMOS ने पहले भारत को 'डिफर' करने की सलाह दी थी लेकिन भारतीय डेलीगेशन के 59 मिनट के दमदार जवाब के बाद 18 में से 20 देशों ने समर्थन में वोट किया।
राजस्थान के किलों के बाद ये दूसरा मौका है जब भारत को ऐसा वर्ल्ड हेरिटेज दर्जा मिला है। ये किले शिवाजी महाराज की 'स्वराज्य' की अवधारणा और मुगलों के खिलाफ लड़ी गई गुरिल्ला रणनीति की मिसाल हैं।