टाटा कैपिटल ने IPO के लिए SEBI के पास अपडेटेड ड्राफ्ट पेपर जमा किए

टाटा कैपिटल ने SEBI के पास IPO के लिए अपडेटेड ड्राफ्ट पेपर जमा किए।

Published · By Tarun · Category: Business & Economy
टाटा कैपिटल ने IPO के लिए SEBI के पास अपडेटेड ड्राफ्ट पेपर जमा किए
Tarun
Tarun

tarun@chugal.com

टाटा संस समर्थित वित्तीय सेवा कंपनी टाटा कैपिटल ने अपने आरंभिक सार्वजनिक पेशकश (IPO) के लिए भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) के पास अपडेटेड ड्राफ्ट पेपर जमा कर दिए हैं। प्रस्तावित IPO में कुल 47.58 करोड़ इक्विटी शेयर शामिल होंगे।

क्या है यह IPO?

सोमवार (4 अगस्त, 2025) को दाखिल किए गए अपडेटेड ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) के अनुसार, यह IPO दो हिस्सों में होगा। इसमें 21 करोड़ नए इक्विटी शेयर जारी किए जाएंगे, जबकि 26.58 करोड़ शेयर 'ऑफर फॉर सेल' (OFS) के तहत बेचे जाएंगे।

कौन बेच रहा है शेयर?

ऑफर फॉर सेल (OFS) के तहत, टाटा संस 23 करोड़ शेयर बेचेगी। इसके अलावा, इंटरनेशनल फाइनेंस कॉरपोरेशन (IFC) 3.58 करोड़ शेयर बेचेगी।

पैसे का क्या होगा?

IPO से जुटाए गए धन का उपयोग कंपनी की 'टियर-1 कैपिटल बेस' को मजबूत करने के लिए किया जाएगा। इससे टाटा कैपिटल अपनी भविष्य की पूंजी आवश्यकताओं को पूरा कर पाएगी, जिसमें आगे ग्राहकों को ऋण देना भी शामिल है।

नियामक प्रक्रिया और अनुमानित आकार

टाटा कैपिटल ने अप्रैल में गोपनीय 'प्री-फाइलिंग' मार्ग से SEBI के पास अपने शुरुआती ड्राफ्ट पेपर जमा किए थे, और उसे जुलाई में SEBI से मंजूरी मिल गई थी। इसके बाद कंपनियों को अंतिम रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (RHP) दाखिल करने से पहले अपडेटेड DRHP जमा करना होता है। सूत्रों के अनुसार, इस IPO का आकार लगभग 2 अरब डॉलर (लगभग 16,000 करोड़ रुपये) हो सकता है, जिससे कंपनी का मूल्यांकन लगभग 11 अरब डॉलर (लगभग 90,000 करोड़ रुपये) तक पहुंच सकता है।

IPO का महत्व

यदि यह IPO सफल होता है, तो यह देश के वित्तीय क्षेत्र में अब तक की सबसे बड़ी शुरुआती शेयर बिक्री (IPO) साबित हो सकता है। यह टाटा समूह की हाल के वर्षों में दूसरी बड़ी लिस्टिंग होगी। इससे पहले नवंबर 2023 में टाटा टेक्नोलॉजीज शेयर बाजार में लिस्ट हुई थी।

क्यों हो रही है लिस्टिंग? (RBI का निर्देश)

यह कदम भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के लिस्टिंग नियमों का पालन करने के लिए उठाया गया है। RBI के निर्देश के अनुसार, 'अपर-लेयर' गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFCs) को इस श्रेणी में नामित होने के तीन साल के भीतर शेयर बाजार में लिस्ट होना अनिवार्य है। टाटा कैपिटल को सितंबर 2022 में 'अपर-लेयर NBFC' के रूप में वर्गीकृत किया गया था।

कंपनी का वित्तीय प्रदर्शन

वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए, टाटा समूह की इस वित्तीय सेवा कंपनी का शुद्ध लाभ (PAT) 3,655 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले वित्तीय वर्ष (2023-24) में 3,327 करोड़ रुपये था। कंपनी का राजस्व (रेवेन्यू) भी बढ़कर 28,313 करोड़ रुपये हो गया, जो पिछले वर्ष 18,175 करोड़ रुपये था।

आईपीओ के प्रबंधक

इस IPO का प्रबंधन कई प्रमुख 'बुक-रनिंग लीड मैनेजर' कर रहे हैं। इनमें एक्सिस कैपिटल, कोटक महिंद्रा कैपिटल कंपनी, बीएनपी पारिबा, एचडीएफसी बैंक, एचएसबीसी सिक्योरिटीज एंड कैपिटल मार्केट्स (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड, सिटीग्रुप ग्लोबल मार्केट्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज, आईआईएफएल कैपिटल सर्विसेज, एसबीआई कैपिटल मार्केट्स और जेपी मॉर्गन इंडिया शामिल हैं।

Related News