रिलायंस इंडस्ट्रीज का दूसरी तिमाही में शानदार मुनाफा, 14.3% बढ़कर ₹22,092 करोड़ हुआ
रिलायंस इंडस्ट्रीज का मुनाफा 14.3% बढ़कर ₹22,092 करोड़ हुआ।


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क्या रहा नतीजा
रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) ने चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के लिए अपने नतीजों की घोषणा की है। कंपनी का कंसोलिडेटेड नेट प्रॉफिट (एकमुश्त शुद्ध लाभ) 30 सितंबर को समाप्त हुई तिमाही में 14.3% बढ़कर 22,092 करोड़ रुपये हो गया है। यह बढ़ोतरी मुख्य रूप से कंपनी के ऑयल टू केमिकल्स (O2C), जियो और रिटेल (खुदरा) व्यवसायों के शानदार प्रदर्शन के कारण हुई है। इस तिमाही में कंपनी का कुल राजस्व भी पिछले साल की तुलना में 9.9% बढ़कर 2,83,548 करोड़ रुपये रहा।
जियो प्लेटफॉर्म्स का प्रदर्शन
जियो प्लेटफॉर्म्स लिमिटेड (JPL) के राजस्व में पिछले साल के मुकाबले 14.9% की बढ़ोतरी हुई है। इसका मुख्य कारण मोबिलिटी (मोबाइल सेवा) और होम (घर) दोनों सेगमेंट में ग्राहकों की संख्या में लगातार वृद्धि, प्रति ग्राहक औसत राजस्व (ARPU) में सुधार और डिजिटल सेवाओं का लगातार विस्तार रहा है। कंपनी के EBITDA (ब्याज, कर, मूल्यह्रास और परिशोधन से पहले की कमाई) में भी 17.7% का इजाफा हुआ, जो राजस्व वृद्धि और मार्जिन में विस्तार के कारण संभव हुआ।
रिलायंस रिटेल ने भी दिखाया दम
रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड (RRVL) का राजस्व भी 18.0% बढ़ा है। यह बढ़ोतरी अलग-अलग उपभोग बास्केट में हुई महत्वपूर्ण वृद्धि के कारण हुई। RRVL का EBITDA 16.5% बढ़ा, जिसका श्रेय स्टोर की संख्या में बढ़ोतरी, हाइपरलोकल डिलीवरी (घर-घर डिलीवरी) पर फोकस और परिचालन दक्षता में सुधार को जाता है।
ऑयल टू केमिकल्स (O2C) का हाल
कंपनी के ऑयल टू केमिकल्स (O2C) व्यवसाय का राजस्व 3.2% बढ़ा। इस सेगमेंट में बिक्री के लिए उत्पादन में 2.3% की वृद्धि दर्ज की गई। जियो-बीपी के माध्यम से ईंधन खुदरा परिचालन ने परिवहन ईंधन की घरेलू बिक्री को और बढ़ाया है। हाई स्पीड डीजल (HSD) की बिक्री मात्रा में 34% और मोटर स्पिरिट (MS) की बिक्री मात्रा में 32% की बढ़ोतरी हुई। O2C का EBITDA 20.9% बढ़ा, जिसका मुख्य कारण परिवहन ईंधन की मार्जिन में तेज वृद्धि और घरेलू ईंधन खुदरा बिक्री में लगातार मात्रात्मक वृद्धि थी।
ऑयल एंड गैस सेगमेंट की स्थिति
इसके उलट, ऑयल एंड गैस सेगमेंट का राजस्व 2.6% कम हुआ। कंपनी ने बताया कि KGD6 ब्लॉक में प्राकृतिक रूप से उत्पादन में कमी और कंडेंसेट (एक प्रकार का तेल) की कीमतों में गिरावट इसका मुख्य कारण रही। हालांकि, KGD6 गैस की बेहतर कीमत और CBM (कोल बेड मीथेन) की अधिक मात्रा से कुछ हद तक इसकी भरपाई हुई। इस सेगमेंट का EBITDA भी 5.4% घटा, जिसका कारण KGD6 गैस की कम मात्रा और समय-समय पर होने वाले रखरखाव गतिविधियों के कारण बढ़ी हुई परिचालन लागत थी।
मुकेश अंबानी ने क्या कहा
रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर मुकेश डी. अंबानी ने कहा, "O2C, जियो और रिटेल व्यवसायों के मजबूत योगदान से दूसरी तिमाही में रिलायंस का प्रदर्शन दमदार रहा।" उन्होंने बताया कि डिजिटल सेवाओं का कारोबार लगातार बढ़ रहा है और जियो के नेटवर्क व प्रौद्योगिकी नेतृत्व के कारण घरों और मोबिलिटी सेवाओं में ग्राहकों की संख्या में सकारात्मक गति बनी हुई है। अंबानी ने रिटेल व्यवसाय की वृद्धि पर भी खुशी जताई और कहा कि सभी फॉर्मेट्स में बिक्री बढ़ी है, जिससे राजस्व और EBITDA दोनों में मजबूत वृद्धि हुई है। उन्होंने नई ऊर्जा, मीडिया और उपभोक्ता ब्रांड्स जैसे नए विकास इंजनों में हो रही प्रगति पर संतोष व्यक्त किया। अंबानी ने यह भी कहा कि AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) के क्षेत्र में उनकी पहल का उद्देश्य रिलायंस को उभरती प्रौद्योगिकियों में सबसे आगे रखना और इन क्षमताओं का लाभ भारत और भारतीयों के लिए उठाना है।
पूंजीगत खर्च
30 सितंबर, 2025 को समाप्त हुई तिमाही के लिए कंपनी का पूंजीगत खर्च (कैपिटल एक्सपेंडिचर) 40,010 करोड़ रुपये रहा। यह खर्च मुख्य रूप से O2C क्षमता विस्तार, जियो दूरसंचार नेटवर्क और डिजिटल सेवाओं को बढ़ाने, खुदरा कारोबार के विस्तार और नई ऊर्जा गिगा फैक्ट्रियों के निर्माण में किया गया है।