जीएसटी कटौती: दिवाली पर सस्ती होंगी गाड़ियां, जानें किस कार पर कितना होगा फायदा
दिवाली पर गाड़ियां और ट्रैक्टर होंगे सस्ते, जानें किस कार पर कितना फायदा.


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गाड़ियां और ट्रैक्टर हुए सस्ते
त्योहारी सीज़न से ठीक पहले, सरकार ने गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) दरों में बड़ा बदलाव किया है। इस बदलाव के बाद, कई तरह की गाड़ियां, कमर्शियल वाहन और कृषि उपकरण सस्ते हो जाएंगे, जिससे ग्राहकों को काफी राहत मिलेगी। खासकर एंट्री-लेवल और मिड-सेगमेंट की गाड़ियों पर जीएसटी और सेस में 13% तक की कमी आएगी। वहीं, बड़ी गाड़ियां भी 5-10% तक सस्ती होंगी। हालांकि, कुछ उच्च क्षमता वाली मोटरसाइकिलों के लिए जीएसटी बढ़ाया गया है।
छोटी गाड़ियों पर सबसे ज्यादा फायदा
पेट्रोल, एलपीजी और सीएनजी से चलने वाली छोटी गाड़ियां, जिनका इंजन 1200 सीसी से कम है और डीजल गाड़ियां, जिनका इंजन 1500 सीसी से कम और लंबाई 4 मीटर से कम है, अब 28% के बजाय 18% जीएसटी के दायरे में आएंगी। इन पर लगने वाला 1% और 3% सेस भी हटा दिया गया है। इससे ये गाड़ियां उन ग्राहकों के लिए और भी आकर्षक हो जाएंगी जो कीमत को लेकर संवेदनशील होते हैं।
बड़ी और मिड-साइज कारों पर भी बचत
मिड-साइज और बड़ी गाड़ियों पर, जिनमें 1500 सीसी से ऊपर के इंजन या 4 मीटर से लंबी गाड़ियां शामिल हैं, जीएसटी की दर 28% से बढ़ाकर 40% कर दी गई है। लेकिन, इन पर लगने वाला सेस पूरी तरह से हटा दिया गया है। पहले यात्री वाहनों पर 17% से 22% तक सेस लगता था। सेस हटने से, इन गाड़ियों की खरीद पर कुल मिलाकर 5-10% की शुद्ध बचत होगी।
इलेक्ट्रिक वाहन और बाइक पर असर
इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) पर 5% का फ्लैट जीएसटी पहले की तरह ही बना रहेगा, इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है। लेकिन, बाइक प्रेमियों के लिए एक बुरी खबर है। 350 सीसी से ऊपर की बड़ी इंजन वाली हाई-एंड मोटरसाइकिलों पर अब 31% (28% जीएसटी + 3% सेस) के बजाय 40% जीएसटी लगेगा, जिससे ये महंगी हो जाएंगी।
वाहन सर्विसिंग और कमर्शियल गाड़ियां भी सस्ती
वाहन सर्विसिंग और मरम्मत की लागत में भी थोड़ी राहत मिलने की उम्मीद है, क्योंकि स्पेयर पार्ट्स पर जीएसटी 28% से घटाकर 18% कर दिया गया है। हालांकि, अलग-अलग आइटम्स पर अलग-अलग टैक्सेशन के कारण अंतिम लाभ वहीं मिलेगा जहां कुल कमी आएगी। बसों और ट्रकों जैसे कमर्शियल वाहनों पर भी जीएसटी 28% से घटाकर 18% कर दिया गया है।
किसानों को भी मिली बड़ी राहत
कृषि उपकरणों पर भी टैक्स घटाया गया है। ट्रैक्टरों के साथ-साथ उनके पार्ट्स जैसे डीजल इंजन, हाइड्रोलिक पंप, बंपर, ब्रेक असेंबली, स्टीयरिंग व्हील, क्लच, टायर और टायर ट्यूब पर जीएसटी 18% से घटाकर 5% कर दिया गया है। सीएनएच इंडिया के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक, नरिंदर मित्तल ने कहा कि "इससे मशीनीकरण को गति मिलेगी और किसानों के लिए कुल परिचालन लागत कम होगी।"
उद्योग विशेषज्ञों का क्या कहना है?
ऑटोमोबाइल स्किल डेवलपमेंट काउंसिल के उपाध्यक्ष विंकेश गुलाटी ने कहा कि एंट्री और मिड-लेवल सेगमेंट में ज्यादा फायदा होगा क्योंकि ये कीमत को लेकर संवेदनशील होते हैं। हुंडई के एमडी व सीईओ, उनसू किम ने कहा कि जीएसटी संशोधन से उपभोक्ता का आत्मविश्वास मजबूत होगा। मर्सिडीज-बेंज इंडिया के एमडी व सीईओ, संतोष अय्यर ने इसे ऑटोमोबाइल उद्योग की लंबे समय से चली आ रही मांग बताया। वहीं, वीई कमर्शियल व्हीकल्स के एमडी व सीईओ, विनोद अग्रवाल ने कहा कि इससे लॉजिस्टिक्स लागत कम होगी और आधुनिक, ईंधन-कुशल वाहनों को अपनाने को बढ़ावा मिलेगा।
डीलरों की चिंताएं
नई दरें 22 सितंबर से लागू होंगी, जिससे डीलरशिप चिंतित हैं। उन्हें डर है कि इस देरी के कारण कुछ ग्राहक अपनी खरीद टाल सकते हैं, और हो सकता है कि उनमें से कुछ बाद में रुचि खो दें। इसके अलावा, सेस हटाने के कारण डीलरों को ₹2,500 करोड़ का नुकसान होने की आशंका है। यह नुकसान पहले से खरीदी गई इन्वेंट्री पर दिए गए सेस क्रेडिट के कारण होगा।