सेना प्रमुख ने अग्रिम चौकियों पर जवानों संग मनाई दिवाली, ऑपरेशनल तैयारियों का लिया जायजा
सेना प्रमुख ने अग्रिम चौकियों पर जवानों संग मनाई दिवाली।


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केंद्रीय सेक्टर में सैनिकों के साथ मना दीपोत्सव
भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने रविवार, 19 अक्टूबर 2025 को केंद्रीय सेक्टर के ऊंचे इलाकों में तैनात सैनिकों के साथ दीपावली का त्योहार मनाया। इस अवसर पर उन्होंने सभी सैनिकों और उनके परिवारों को शुभकामनाएँ दीं। सेना प्रमुख का यह दौरा सैनिकों का मनोबल बढ़ाने और सीमावर्ती क्षेत्रों में ऑपरेशनल तैयारियों का जायजा लेने के लिए था।
पिथौरागढ़ में जवानों का बढ़ाया हौसला
अपनी यात्रा के दौरान, जनरल द्विवेदी पिथौरागढ़ और आसपास के अग्रिम चौकियों पर पहुँचे। उन्होंने प्रतिकूल मौसम और चुनौतीपूर्ण भूभाग की स्थितियों में भी सैनिकों के अदम्य साहस और कर्तव्य के प्रति समर्पण की जमकर प्रशंसा की।
ऑपरेशनल तैयारी पर दिया जोर
भारतीय सेना के अनुसार, जनरल द्विवेदी ने दूरदराज के इलाकों में तैनात कर्मियों से बातचीत की। उन्होंने उनकी सहनशीलता, बहादुरी और देश सेवा के प्रति अटूट समर्पण की सराहना की। उन्होंने 'सर्विस बिफोर सेल्फ' (सेवा पहले, स्वयं बाद में) के मूल सिद्धांत का आह्वान करते हुए, उभरती सुरक्षा चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए भारतीय सेना की पूरी तैयारी को दोहराया।
स्थानीय लोगों और पूर्व सैनिकों से मुलाकात
सेना प्रमुख ने इस दौरान पूर्व सैनिकों और स्थानीय समुदायों के लोगों से भी मुलाकात की। उन्होंने राष्ट्र के प्रति उनके अमूल्य योगदान और सशस्त्र बलों के साथ उनके मजबूत जुड़ाव को स्वीकार किया। यह सेना और स्थानीय जनता के बीच सामंजस्य को दर्शाता है।
सुरक्षा चुनौतियों की समीक्षा
केंद्रीय सेक्टर में तैनात टुकड़ियों की ऑपरेशनल स्थिति की समीक्षा करते हुए, सेना प्रमुख को चल रही क्षमता वृद्धि परियोजनाओं के बारे में जानकारी दी गई। इनमें उन्नत निगरानी प्रणालियाँ, विशेष गतिशीलता प्लेटफॉर्म, अगली पीढ़ी की प्रौद्योगिकियों का एकीकरण और टोही संपत्तियों का बेहतर उपयोग शामिल है। उन्होंने सैनिकों के व्यावसायिकता, अनुशासन और सामरिक फुर्ती के साथ-साथ ऊँचे पहाड़ों में नए उपकरणों के अभिनव उपयोग की भी सराहना की।
कुमाऊं क्षेत्र का रणनीतिक महत्व
जनरल द्विवेदी ने कुमाऊं क्षेत्र के रणनीतिक महत्व पर जोर दिया, जो नेपाल और चीन के साथ सीमाओं का एक महत्वपूर्ण प्रवेश द्वार है। उन्होंने स्थानीय आबादी की देशभक्ति और लचीलेपन की भी प्रशंसा की। उन्होंने कुमाऊं रेजिमेंट की गौरवशाली विरासत का भी जिक्र किया।
कल्याणकारी योजनाओं का भी लिया जायजा
सेना प्रमुख ने ऑपरेशन सद्भावना और वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम के तहत चल रही पहलों की भी समीक्षा की। इनमें गार्ब्यांग और कालापानी में टेंट-आधारित होमस्टे, सड़क और ऊर्जा बुनियादी ढाँचा, चिकित्सा सहायता और पॉलीहाउस के माध्यम से कृषि सहायता शामिल है। उन्होंने जोर देकर कहा कि कुमाऊं में भारतीय सेना "करुणा के साथ शक्ति" का उदाहरण है, जो देश की सीमाओं की रक्षा करने के साथ-साथ सीमावर्ती समुदायों को सशक्त भी करती है।
राष्ट्र के प्रति सेना की प्रतिबद्धता
अपनी यात्रा के समापन पर, जनरल द्विवेदी ने ऑपरेशनल उत्कृष्टता बनाए रखने, नागरिक-सैन्य सामंजस्य को बढ़ावा देने और राष्ट्र के प्रति कर्तव्य, सम्मान और सेवा की उच्चतम परंपराओं को बनाए रखने के भारतीय सेना के अटूट संकल्प को दोहराया।