बीजेपी का ममता बनर्जी पर गंभीर आरोप: 'एसआईआर' पर बयान हिंसा भड़काने वाला

बीजेपी ने ममता बनर्जी के बयान को 'खतरनाक' बताया, हिंसा भड़काने का आरोप।

Published · By Bhanu · Category: Politics & Government
बीजेपी का ममता बनर्जी पर गंभीर आरोप: 'एसआईआर' पर बयान हिंसा भड़काने वाला
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भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के एक बयान पर कड़ी आपत्ति जताई है। बीजेपी ने शुक्रवार (10 अक्टूबर, 2025) को आरोप लगाया कि विशेष गहन संशोधन (एसआईआर) प्रक्रिया को लेकर ममता बनर्जी का बयान 'खतरनाक' है और यह परोक्ष रूप से 'हिंसा भड़काने' का संकेत देता है।

ममता बनर्जी का बयान

गुरुवार (9 अक्टूबर) को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने चुनाव आयोग के अधिकारियों पर राज्य सरकार के अधिकारियों को 'धमकाने' और 'राजनीतिक प्रभाव' में काम करने का आरोप लगाया था। उन्होंने यह भी दावा किया था कि बीजेपी 'एसआईआर' के नाम पर 'आग से खेल' रही है।

एसआईआर प्रक्रिया और बीजेपी का रुख

बीजेपी सांसद और प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने ममता बनर्जी के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि एसआईआर प्रक्रिया का उद्देश्य स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव सुनिश्चित करना है। उन्होंने सवाल उठाया कि जब कानून-व्यवस्था राज्य का विषय है, तो एक मुख्यमंत्री इस तरह से चुनावी प्रक्रिया को कैसे धमका सकती हैं?

बीजेपी ने उठाए सवाल

त्रिवेदी ने ममता बनर्जी से पूछा, "क्या आप वही ममता बनर्जी नहीं हैं, जिन्होंने घुसपैठियों के मुद्दे पर लोकसभा स्पीकर की कुर्सी पर कागज फेंके थे, क्योंकि उस पर चर्चा नहीं हो रही थी?" उन्होंने याद दिलाया कि उस समय ममता घुसपैठियों के खिलाफ थीं।

सिद्धांतों पर सवाल

त्रिवेदी ने कहा, "आज, जब एक निष्पक्ष और पारदर्शी प्रक्रिया के माध्यम से अपात्र मतदाताओं की पहचान की जा रही है, तो वही ममता बनर्जी इसका विरोध कर रही हैं।" उन्होंने इसे राजनीति में अपने मूल सिद्धांतों को छोड़ने और राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण मामलों पर भी समझौता करने का खतरनाक उदाहरण बताया।

बंगाल में हिंसा और अदालती टिप्पणियां

बीजेपी नेता ने यह भी कहा कि अतीत में अदालतों ने पश्चिम बंगाल में हिंसा को 'संरक्षण' दिए जाने पर कड़ी टिप्पणियां की हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि ऐसी स्थिति में, अगर मुख्यमंत्री खुद इस तरह के बयान देती हैं, तो यह बेहद गंभीर और चिंताजनक है। त्रिवेदी ने कहा, "अगर संविधान खतरे में है, तो वह इसी तरह की सोच के कारण है।"

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