सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस की बेंच पर फेंके गए कागज़, CJI ने दिखाया संयम

सुप्रीम कोर्ट में CJI की बेंच पर कागज़ फेंके गए, CJI ने संयम दिखाया।

Published · By Tarun · Category: Politics & Government
सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस की बेंच पर फेंके गए कागज़, CJI ने दिखाया संयम
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क्या हुआ?

सोमवार, 6 अक्टूबर 2025 को सुप्रीम कोर्ट में एक चौंकाने वाली घटना हुई। सुनवाई के दौरान एक व्यक्ति ने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) और जस्टिस के. विनोद चंद्रन की बेंच पर कागज़ों का एक पुलिंदा फेंक दिया। यह घटना उस वक्त हुई जब बेंच के सामने अर्जेंट मामलों की मौखिक सुनवाई चल रही थी।

घटना का विवरण

कोर्ट की कार्यवाही सामान्य से एक घंटा देरी से सुबह 11:30 बजे शुरू हुई थी, क्योंकि कोर्ट एक हफ्ते की छुट्टी के बाद खुला था और कई ज़रूरी मामलों की सुनवाई होनी थी। जब जज अपनी दाहिनी ओर मुड़कर वकील शिवम सिंह के एक ज़रूरी मामले का ज़िक्र सुन रहे थे, तभी बेंच की बाईं ओर से कागज़ों का पुलिंदा उड़ता हुआ आया।

CJI का संयमित रवैया

शुरुआत में CJI और जस्टिस चंद्रन दोनों हैरान रह गए, लेकिन उन्होंने तुरंत खुद को संभाला। CJI ने वकील शिवम सिंह से अपनी बात जारी रखने को कहा। उन्होंने कोर्टरूम में मौजूद अन्य वकीलों से कहा, "ऐसी बातों पर ध्यान न दें। अपनी बात जारी रखें... अगर हम विचलित नहीं हुए, तो आप क्यों हो रहे हैं? बस इसे नज़रअंदाज़ करें।" वकील शिवम सिंह ने बाद में बताया कि वह जजों से ज़्यादा घबरा गए थे।

कौन था आरोपी?

सुरक्षाकर्मी उस व्यक्ति को तुरंत कोर्टरूम से बाहर ले गए। उसकी पहचान वकील राकेश किशोर के रूप में हुई है। बाहर ले जाते समय राकेश किशोर 'सनातन' के नारे लगा रहे थे।

विवाद का कारण

सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) ने इस घटना को CJI की हालिया टिप्पणियों से जोड़ा है। SCBA के मुताबिक, यह घटना खजुराहो विष्णु मूर्ति जीर्णोद्धार मामले में CJI की न्यायिक टिप्पणियों पर 'गुमराह करने वाली प्रतिक्रिया' का नतीजा थी। CJI ने उस मामले में सभी धर्मों के प्रति सम्मान पर ज़ोर दिया था और सोशल मीडिया पर उनकी टिप्पणियों को तोड़-मरोड़कर पेश किए जाने के बाद उन्होंने खुले कोर्ट में स्पष्टीकरण दिया था कि वह सभी धर्मों में विश्वास करते हैं और 'सच्ची धर्मनिरपेक्षता' में यकीन रखते हैं। SCBA ने इस घटना को न्यायिक स्वतंत्रता पर सीधा हमला और संवैधानिक मूल्यों का उल्लंघन बताया है।

मामले पर कार्रवाई

इस घटना के बाद बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) ने वकील राकेश किशोर को तुरंत निलंबित कर दिया है। राकेश किशोर दिल्ली बार काउंसिल में पंजीकृत हैं। BCI के चेयरमैन, सीनियर एडवोकेट मनन कुमार मिश्रा द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि राकेश किशोर ने कोर्ट की कार्यवाही के दौरान अपने स्पोर्ट्स शूज़ उतारकर उन्हें भी फेंकने की कोशिश की थी। सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट्स-ऑन-रिकॉर्ड एसोसिएशन (SCAORA) ने भी इस घटना पर गहरा दुख और असहमति व्यक्त की है। SCAORA ने इसे वकीलों के लिए अशोभनीय आचरण बताया और सुप्रीम कोर्ट से इस मामले का स्वतः संज्ञान लेने और अवमानना की कार्यवाही शुरू करने का आग्रह किया है।

पहले भी हो चुकी है ऐसी घटना

ऐसी ही एक घटना 2009 में भी हुई थी, जब एक महिला ने तत्कालीन जस्टिस अरिजीत पसायत (अब सेवानिवृत्त) पर अवमानना मामले की सुनवाई के दौरान चप्पल फेंकी थी। वह चप्पल जज को लगी नहीं थी, क्योंकि उन्होंने समय रहते सिर झुका लिया था। उस महिला को हिरासत में ले लिया गया था।

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