सेबी का बड़ा फैसला: म्यूचुअल फंड वितरकों के लिए लेनदेन शुल्क खत्म
सेबी ने म्यूचुअल फंड वितरकों के लिए लेनदेन शुल्क खत्म किया।


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क्या हुआ?
बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने म्यूचुअल फंड वितरकों को मिलने वाले लेनदेन शुल्क (ट्रांजेक्शन चार्ज) को खत्म कर दिया है। 8 अगस्त, 2025 को जारी एक सर्कुलर में सेबी ने यह जानकारी दी। यह फैसला निवेशकों और वितरकों दोनों के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
क्या था पुराना नियम?
इससे पहले, जून 2024 में जारी म्यूचुअल फंड से जुड़े मास्टर सर्कुलर के अनुसार, एसेट मैनेजमेंट कंपनियों (AMCs) को म्यूचुअल फंड वितरकों को ₹10,000 से अधिक के प्रत्येक निवेश पर लेनदेन शुल्क देने की अनुमति थी।
शुल्क का ब्योरा
पुराने नियम के तहत, AMC मौजूदा निवेशकों के ₹10,000 से अधिक के निवेश पर ₹100 का लेनदेन शुल्क दे सकती थीं। वहीं, नए निवेशकों को म्यूचुअल फंड से जोड़ने के लिए वितरकों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से, नए निवेशकों से ₹150 का लेनदेन शुल्क लिया जाता था। यह शुल्क निवेश की गई कुल राशि में से काटकर बाकी रकम को ही निवेश किया जाता था।
सेबी ने क्यों लिया ये फैसला?
सेबी ने अपने नवीनतम सर्कुलर में बताया है कि यह नियम अब रद्द कर दिया गया है। नियामक ने यह भी स्पष्ट किया कि यह फैसला सार्वजनिक परामर्श (पब्लिक कंसल्टेशन) के बाद लिया गया है। इसका उद्देश्य बाजार में निष्पक्षता और पारदर्शिता लाना है।
किस पर होगा असर?
सेबी ने यह भी स्पष्ट किया है कि यह नया नियम केवल रेगुलर म्यूचुअल फंड योजनाओं पर लागू होगा। डायरेक्ट योजनाओं (Direct Schemes) पर यह लागू नहीं होगा, क्योंकि उन योजनाओं में निवेशक सीधे फंड हाउस से जुड़ते हैं और कोई वितरक शामिल नहीं होता है।