संसद में 'वोट चोरी' और बिहार SIR के खिलाफ विपक्ष का प्रदर्शन

बिहार में 'वोट चोरी' और SIR प्रक्रिया के खिलाफ विपक्ष का प्रदर्शन।

Published · By Bhanu · Category: Politics & Government
संसद में 'वोट चोरी' और बिहार SIR के खिलाफ विपक्ष का प्रदर्शन
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क्या है पूरा मामला?

बिहार में चुनाव आयोग की 'विशेष गहन पुनरीक्षण' (SIR) प्रक्रिया और कथित 'वोट चोरी' के आरोपों को लेकर विपक्षी सांसदों ने संसद भवन परिसर में शुक्रवार, 8 अगस्त 2025 को जोरदार प्रदर्शन किया। 'इंडिया' गठबंधन के कई सांसदों ने इस दौरान अपने हाथों में पोस्टर और तख्तियां ले रखी थीं, जिस पर विरोध से जुड़े नारे लिखे हुए थे।

संसद परिसर में प्रदर्शन

इस विरोध प्रदर्शन में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा, टीएमसी के अभिषेक बनर्जी, कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई, जेएमएम सांसद महुआ माजी और रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी के एन.के. प्रेमचंद्रन सहित कई अन्य विपक्षी सांसद शामिल हुए। ये सभी सांसद संसद के मकर द्वार के पास जमा हुए और उन्होंने SIR प्रक्रिया को वापस लेने की मांग करते हुए नारे लगाए।

विपक्ष के मुख्य आरोप

विपक्षी दलों का आरोप है कि SIR प्रक्रिया का मकसद बिहार में मतदाताओं को सूची से हटाना है। उनका कहना है कि यह इस साल के आखिर में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले मतदाताओं के अधिकारों को छीनने की कोशिश है। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने गुरुवार, 7 अगस्त 2025 को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में 'वोट चोरी' के आरोप लगाए थे, जिसका जिक्र इस प्रदर्शन में भी किया गया। कुछ सांसदों के पास ऐसे पोस्टर भी थे जिन पर चुनाव आयोग और सरकार के बीच मिलीभगत के आरोप लगाए गए थे।

नारे और तख्तियां

प्रदर्शनकारी सांसदों के सामने एक बड़े बैनर पर लिखा था, "हमारा वोट। हमारा अधिकार। हमारी लड़ाई।" एक और बैनर पर लिखा था, "SIR - साइलेंट इनविजिबल रिगिंग" (SIR - चुपचाप अदृश्य धांधली)। सांसद "स्टॉप SIR" लिखी तख्तियां भी लिए हुए थे, जो उनकी मुख्य मांगों में से एक थी।

संसद में गतिरोध जारी

यह विरोध प्रदर्शन का 13वां दिन था। विपक्ष ने सोमवार को झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन के निधन के कारण प्रदर्शन नहीं किया था। मॉनसून सत्र 21 जुलाई से शुरू होने के बाद से बिहार में SIR के मुद्दे को लेकर संसद में लगातार गतिरोध बना हुआ है। 'ऑपरेशन सिंदूर' पर चर्चा को छोड़कर, बाकी समय संसद में कोई खास कामकाज नहीं हो पाया है और कई बार कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी है, जिसका मुख्य कारण SIR का मुद्दा ही रहा है।

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