रुपये को लगा झटका: डॉलर के मुकाबले 8 पैसे टूटकर 87.66 पर बंद

रुपया डॉलर के मुकाबले 8 पैसे टूटकर 87.66 पर बंद हुआ।

Published · By Bhanu · Category: Business & Economy
रुपये को लगा झटका: डॉलर के मुकाबले 8 पैसे टूटकर 87.66 पर बंद
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सोमवार (11 अगस्त, 2025) को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये में 8 पैसे की गिरावट दर्ज की गई। दिन के कारोबार के अंत में रुपया 87.66 (अस्थायी) पर बंद हुआ। आयातकों की ओर से डॉलर की लगातार मांग और कच्चे तेल की कीमतों में उछाल के कारण रुपये पर दबाव बढ़ गया।

क्या हुआ?

सोमवार (11 अगस्त, 2025) को भारतीय रुपये ने शुरुआती बढ़त गंवा दी और अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 8 पैसे की गिरावट के साथ 87.66 (अस्थायी) पर बंद हुआ। दिन भर आयातकों की ओर से डॉलर की निरंतर मांग और कच्चे तेल की कीमतों में आए उछाल ने रुपये पर दबाव बनाए रखा।

क्यों गिरी रुपये की कीमत?

विदेशी मुद्रा व्यापारियों के अनुसार, कच्चे तेल की बढ़ती कीमतें, आयातकों द्वारा डॉलर की लगातार मांग और विदेशी फंड के बाहर जाने के कारण रुपये ने अपनी शुरुआती बढ़त खो दी।

बाजार में रुपये का उतार-चढ़ाव

अंतरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में, घरेलू मुद्रा 87.56 पर खुली। दिन के कारोबार के दौरान यह 87.48 से 87.66 के दायरे में रही और अंत में अपने पिछले बंद भाव से 8 पैसे गिरकर 87.66 (अस्थायी) पर बंद हुई। शुक्रवार (8 अगस्त, 2025) को रुपया दिन के दौरान के नुकसान की भरपाई करते हुए अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 87.58 पर अपरिवर्तित बंद हुआ था।

विशेषज्ञों की राय

मिराए एसेट शेयरखान के कमोडिटीज रिसर्च के रिसर्च एनालिस्ट अनुज चौधरी ने बताया, "अमेरिकी डॉलर इंडेक्स में कमजोरी और घरेलू बाजारों में सकारात्मकता के कारण भारतीय रुपया मजबूती के साथ खुला था। हालांकि, कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों और विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) के बाहर जाने के कारण रुपये ने अपनी शुरुआती बढ़त गंवा दी।"

चौधरी ने आगे कहा, "भारत और अमेरिका के बीच व्यापार शुल्क से जुड़े मुद्दों को लेकर अनिश्चितता के बीच हमें रुपये में नकारात्मक रुख देखने की उम्मीद है। FII की लगातार निकासी भी घरेलू मुद्रा पर दबाव डाल सकती है। हालांकि, कमजोर अमेरिकी डॉलर निचले स्तरों पर रुपये को सहारा दे सकता है। इस हफ्ते अमेरिकी मुद्रास्फीति के आंकड़ों से पहले निवेशक सतर्क रह सकते हैं। USD-INR स्पॉट प्राइस 87.35 से 88 के दायरे में कारोबार करने की उम्मीद है।"

कच्चे तेल और डॉलर इंडेक्स की स्थिति

फ्यूचर्स ट्रेडिंग में ब्रेंट क्रूड की कीमतें 0.03% बढ़कर $66.61 प्रति बैरल हो गईं। डॉलर इंडेक्स, जो छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले ग्रीनबैक की ताकत को मापता है, 0.10% बढ़कर 98.28 हो गया।

विदेशी मुद्रा भंडार में भारी गिरावट

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के आंकड़ों के अनुसार, 1 अगस्त को समाप्त हुए सप्ताह में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार $9.322 बिलियन घटकर $688.871 बिलियन रह गया। हाल के दिनों में यह सबसे बड़ी गिरावटों में से एक है। इससे पिछले सप्ताह में कुल भंडार $2.703 बिलियन बढ़कर $698.192 बिलियन हो गया था।

विदेशी निवेशकों का रुख

कई दिनों बाद विदेशी संस्थागत निवेशक (FIIs) शुद्ध खरीदार बने। एक्सचेंज डेटा के अनुसार, शुक्रवार (8 अगस्त, 2025) को उन्होंने ₹1,932.81 करोड़ के शेयर खरीदे।

घरेलू शेयर बाजार का हाल

घरेलू शेयर बाजार में, सेंसेक्स 746.29 अंक उछलकर 80,604.08 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 221.75 अंक चढ़कर 24,585.05 पर बंद हुआ।

अंतर्राष्ट्रीय घटनाक्रम और रुपये पर असर

व्यापार युद्ध को लेकर अनिश्चितता ने रुपये पर दबाव डाला, ऐसा विदेशी मुद्रा व्यापारियों ने बताया। 6 अगस्त को, संयुक्त राज्य अमेरिका ने सभी भारतीय आयातों पर मौजूदा 25% शुल्क के अतिरिक्त 25% शुल्क की घोषणा की, जिससे कुल शुल्क 50% हो गया। यह 27 अगस्त से प्रभावी होगा।

इस बीच, निवेशक अमेरिका और भारत के उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) मुद्रास्फीति के आंकड़ों का इंतजार कर रहे हैं और 15 अगस्त को होने वाली अमेरिका-रूस वार्ता से भी संकेत मिलने की उम्मीद कर रहे हैं। भारत ने शनिवार (9 अगस्त, 2025) को यूक्रेन युद्ध पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और उनके रूसी समकक्ष व्लादिमीर पुतिन के बीच अगले सप्ताह होने वाली वार्ता का स्वागत किया। भारत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस लगातार रुख को दोहराया कि यह 'युद्ध का युग नहीं' है। भारत लगातार बातचीत और कूटनीति के माध्यम से रूस-यूक्रेन संघर्ष को समाप्त करने का आह्वान करता रहा है।

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