आरबीआई मौद्रिक नीति: रेपो दर 5.5% पर स्थिर, विकास दर का अनुमान भी बरकरार
आरबीआई ने रेपो दर 5.5% पर स्थिर रखी, विकास दर अनुमान बरकरार।


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भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने अपनी हालिया बैठक में प्रमुख रेपो दर (अल्पावधि ऋण दर) को 5.5% पर अपरिवर्तित रखने का फैसला किया है। यह निर्णय सर्वसम्मति से लिया गया। इसके साथ ही, आरबीआई ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की वृद्धि दर का अनुमान 6.5% पर बरकरार रखा है।
मुख्य अपडेट्स
- रेपो दर 5.5% पर अपरिवर्तित रखी गई।
- मौद्रिक नीति समिति ने सर्वसम्मति से दरों को स्थिर रखने का फैसला किया।
- वित्त वर्ष 2025-26 के लिए जीडीपी वृद्धि का अनुमान 6.5% पर बरकरार।
- वित्त वर्ष 2025-26 के लिए महंगाई दर का अनुमान घटाकर 3.1% किया गया।
- आरबीआई का मानना है कि घरेलू विकास मजबूत बना हुआ है।
- चालू खाता घाटा (CAD) टिकाऊ स्तर के भीतर रहने की उम्मीद है।
- मृत बैंक ग्राहकों के बैंक खातों और लॉकर के लिए दावा निपटान प्रक्रिया को मानकीकृत किया जाएगा।
- आरबीआई का रिटेल-डायरेक्ट प्लेटफॉर्म ट्रेजरी बिलों में एसआईपी (व्यवस्थित निवेश योजना) की सुविधा देगा।
- मौद्रिक नीति समिति की अगली बैठक 29 सितंबर से 1 अक्टूबर 2025 तक होगी।
रेपो दर में कोई बदलाव नहीं
आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति ने बुधवार को अपनी प्रमुख नीतिगत दर, रेपो दर, को 5.5% पर अपरिवर्तित रखने का निर्णय लिया। यह लगातार तीसरी बार है जब केंद्रीय बैंक ने दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। इस फैसले के पीछे वैश्विक व्यापार मोर्चे पर अनिश्चितता और बढ़ती महंगाई जैसे कारकों को माना जा रहा है।
महंगाई और जीडीपी का अनुमान
आरबीआई ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए खुदरा महंगाई (CPI) के अनुमान को जून में लगाए गए 3.7% से घटाकर अब 3.1% कर दिया है। केंद्रीय बैंक के अनुसार, जून में खुदरा महंगाई 77 महीने के निचले स्तर 2.1% पर आ गई, जिसका मुख्य कारण खाद्य महंगाई में गिरावट थी। हालांकि, आरबीआई ने चेताया कि वित्त वर्ष 2025-26 की चौथी तिमाही तक महंगाई दर 4% से ऊपर जा सकती है।
जीडीपी के मोर्चे पर, आरबीआई ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान 6.5% पर स्थिर रखा है। आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि घरेलू गतिविधियां मजबूत बनी हुई हैं, जिन्हें ग्रामीण मांग और सरकारी पूंजीगत खर्च से समर्थन मिल रहा है।
आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा का बयान
आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि वैश्विक व्यापार मोर्चे पर अनिश्चितताओं के बावजूद, केंद्रीय बैंक आर्थिक विकास को समर्थन देने के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रहा है। उन्होंने कहा, "हम ऐसी स्थिति में जो कुछ भी आवश्यक होगा, वह करते रहेंगे।" मल्होत्रा ने अमेरिकी टैरिफ के संभावित प्रभाव पर कहा कि जब तक जवाबी टैरिफ नहीं लगाए जाते, तब तक इसका अर्थव्यवस्था पर कोई बड़ा असर पड़ने की उम्मीद नहीं है। उन्होंने भारत की जीडीपी वृद्धि दर की तुलना वैश्विक अर्थव्यवस्था से करते हुए कहा कि भारत अच्छा प्रदर्शन कर रहा है।
शेयर बाजार पर असर
आरबीआई द्वारा दरों को स्थिर रखने के फैसले के बाद ब्याज दर-संवेदनशील ऑटो, रियल एस्टेट और बैंक शेयरों में बुधवार को 5% तक की गिरावट दर्ज की गई। बॉश, हुंडई मोटर इंडिया, हीरो मोटोकॉर्प, अपोलो टायर्स, महिंद्रा एंड महिंद्रा, प्रेस्टीज एस्टेट्स प्रोजेक्ट्स, डीएलएफ, गोदरेज प्रॉपर्टीज, फीनिक्स मिल्स और ब्रिगेड एंटरप्राइजेज के शेयर गिरे। बैंकिंग शेयरों में भी इंडसइंड बैंक, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, एक्सिस बैंक और भारतीय स्टेट बैंक के शेयर लाल निशान में बंद हुए।
उद्योग जगत की प्रतिक्रिया
मौद्रिक नीति पर विभिन्न उद्योग विशेषज्ञों और अर्थशास्त्रियों ने मिली-जुली प्रतिक्रिया दी है। ईईपीसी के अध्यक्ष पंकज चड्ढा ने रेपो दर को अपरिवर्तित रखने के आरबीआई के फैसले का स्वागत किया लेकिन उम्मीद जताई कि आने वाले महीनों में दरों में कटौती की जाएगी, जिससे एमएसएमई सहित उद्योगों को मदद मिलेगी।
नाइट फ्रैंक इंडिया के चेयरमैन और एमडी शिशिर बैजल ने कहा कि दरों को स्थिर रखने का आरबीआई का फैसला अनिश्चित आर्थिक माहौल में उसके कैलिब्रेटेड दृष्टिकोण को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह रियल एस्टेट क्षेत्र के लिए स्थिरता प्रदान करता है और घर खरीदारों के लिए सामर्थ्य बनाए रखने में मदद करता है।
कोटक महिंद्रा बैंक की मुख्य अर्थशास्त्री उपासना भारद्वाज ने कहा कि वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच एमपीसी का दरों को अपरिवर्तित रखने का फैसला सही है, भले ही महंगाई नियंत्रण में है और विकास पर नकारात्मक जोखिम बना हुआ है।
बैंकिंग प्रणाली में एनपीए की स्थिति
आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बताया कि बैंकिंग प्रणाली में गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (NPA) की स्थिति संतोषजनक बनी हुई है। उन्होंने कहा कि शुद्ध एनपीए 0.5-0.6% पर है।
बैंक ग्राहकों के लिए नए नियम
आरबीआई ने मृतक बैंक ग्राहकों के बैंक खातों और लॉकर में दावा निपटान प्रक्रिया को मानकीकृत करने का भी निर्णय लिया है। इसके अलावा, आरबीआई का रिटेल-डायरेक्ट प्लेटफॉर्म अब ट्रेजरी बिलों में एसआईपी की सुविधा भी प्रदान करेगा, जिससे छोटे निवेशकों की सरकारी प्रतिभूतियों तक पहुंच बढ़ेगी।
मौद्रिक नीति समिति के सदस्य
मौद्रिक नीति समिति में आरबीआई के तीन सदस्य और सरकार द्वारा नियुक्त तीन बाहरी सदस्य शामिल हैं। वर्तमान में इसमें आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा, डिप्टी गवर्नर पूनम गुप्ता, कार्यकारी निदेशक राजीव रंजन, और बाहरी सदस्य नागेश कुमार, सौगता भट्टाचार्य और राम सिंह शामिल हैं।
अगली बैठक कब?
मौद्रिक नीति समिति की अगली बैठक 29 सितंबर से 1 अक्टूबर, 2025 के बीच होनी निर्धारित है।