राज्यसभा में CISF कर्मियों की मौजूदगी पर हंगामा, विपक्ष ने सरकार पर उठाए सवाल
राज्यसभा में CISF कर्मियों की मौजूदगी पर हंगामा, कार्यवाही स्थगित।


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संसद के मॉनसून सत्र के दौरान मंगलवार (5 अगस्त, 2025) को राज्यसभा में केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) के कर्मियों की मौजूदगी को लेकर भारी हंगामा हुआ। विपक्ष के नेता और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस मुद्दे पर सरकार को घेरा, जिसके बाद सदन की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
खड़गे का सरकार पर आरोप
उपसभापति हरिवंश ने सदन को बताया कि खड़गे ने 1 अगस्त को उन्हें CISF कर्मियों की मौजूदगी को लेकर एक पत्र लिखा था। हरिवंश ने पत्र मीडिया में साझा किए जाने पर आपत्ति भी जताई। हालांकि, मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि प्रदर्शन करना विपक्ष का अधिकार है और CISF कर्मियों की मौजूदगी इन अधिकारों के खिलाफ है। उन्होंने सरकार पर सवाल उठाते हुए पूछा, "क्या सदन कुर्सी (सभापति) से चल रहा है या केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह चला रहे हैं?"
उपसभापति ने आरोपों को नकारा
उपसभापति हरिवंश ने मल्लिकार्जुन खड़गे के दावों को खारिज करते हुए कहा कि सदन के भीतर CISF का कोई जवान तैनात नहीं है, केवल मार्शल ही सुरक्षा में लगे हैं। उन्होंने विपक्ष के सदन में और विशेषकर सदन के वेल (केंद्रीय स्थान) में किए जा रहे प्रदर्शनों पर भी आपत्ति जताई। उन्होंने 1 अगस्त की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि कुछ प्रदर्शनकारी सदस्य बोलने वाले सदस्यों के पास चले गए और उनके माइक के पास नारेबाजी की, जो सदन की गरिमा के खिलाफ है।
सरकार ने भी आरोपों का खंडन किया
केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू ने भी सदन के भीतर CISF कर्मियों की मौजूदगी से इनकार किया। उन्होंने आरोप लगाया कि मल्लिकार्जुन खड़गे इस मुद्दे पर सदन को "गुमराह" कर रहे हैं। वहीं, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री और सदन के नेता जे.पी. नड्डा ने भी विपक्ष के "अलोकतांत्रिक" विरोध प्रदर्शनों की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि विपक्ष "अराजकता" पर उतर आया है। नड्डा ने स्पष्ट किया, "जो भी व्यक्ति सदन में अनुशासन और मर्यादा बनाए रखने के लिए अध्यक्ष के आदेश से मौजूद होता है, वह मार्शल होता है। वह किसी अर्धसैनिक बल का सदस्य नहीं होता। उसे मार्शल ही माना जाता है और इसीलिए वह यहां है।"
राज्यसभा दोपहर 2 बजे तक स्थगित
विपक्ष का हंगामा जारी रहने के कारण, राज्यसभा की कार्यवाही को दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया।
लोकसभा में भी हंगामा
इस बीच, लोकसभा में भी विपक्षी दलों ने कई मुद्दों पर अपना विरोध जारी रखा, खासकर बिहार में चुनावी सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के मुद्दे पर। हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए शुरू होने के 30 मिनट के भीतर ही स्थगित करनी पड़ी।