उत्तर कोरिया ने बातचीत के लिए रखी शर्त: "परमाणु निरस्त्रीकरण की जिद छोड़े अमेरिका"

उत्तर कोरिया ने अमेरिका से परमाणु निरस्त्रीकरण की जिद छोड़ने को कहा।

Published · By Tarun · Category: World News
उत्तर कोरिया ने बातचीत के लिए रखी शर्त: "परमाणु निरस्त्रीकरण की जिद छोड़े अमेरिका"
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क्या कहा किम जोंग उन ने?

उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन ने कहा है कि अगर अमेरिका उनके देश के परमाणु हथियार छोड़ने की जिद छोड़ देता है, तो बातचीत से बचने का कोई कारण नहीं है। उत्तर कोरिया की सरकारी समाचार एजेंसी केसीएनए ने सोमवार (22 सितंबर, 2025) को यह जानकारी दी। किम जोंग उन ने रविवार (21 सितंबर, 2025) को सुप्रीम पीपुल्स असेंबली में एक भाषण के दौरान यह बात कही।

किम की शर्त और बयान

किम जोंग उन ने अपने बयान में कहा, "अगर अमेरिका हमें परमाणु मुक्त करने की बेतुकी जिद छोड़ देता है, वास्तविकता को स्वीकार करता है और वास्तविक शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व चाहता है, तो हमारे पास अमेरिका के साथ बैठकर बात न करने का कोई कारण नहीं है।" उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि अमेरिका और दक्षिण कोरिया से गंभीर खतरों का सामना करने के लिए अपने देश की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए परमाणु हथियार बनाना उत्तर कोरिया के अस्तित्व का मामला है।

डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकातें

केसीएनए ने यह भी बताया कि किम जोंग उन को अभी भी पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सुखद यादें हैं। ट्रंप के पहले राष्ट्रपति कार्यकाल के दौरान दोनों नेताओं की तीन बार मुलाकात हुई थी।

बातचीत के प्रस्ताव ठुकराए

किम जोंग उन ने हाल ही में वाशिंगटन और सियोल (दक्षिण कोरिया) की ओर से आए बातचीत के प्रस्तावों को अस्वीकार कर दिया। उन्होंने इन प्रस्तावों को "दिखावटी" बताया, क्योंकि उनका मानना है कि उनका मूल इरादा उत्तर कोरिया को कमजोर करना और उनके शासन को नष्ट करना है। उन्होंने कहा कि दक्षिण कोरिया का उनके परमाणु कार्यक्रमों को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने का प्रस्ताव इसी बात का प्रमाण है।

दक्षिण कोरिया की प्रतिक्रिया और पहल

दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति ली जे म्यूंग ने जून में पदभार संभालने के बाद से शांति की पहल की है। उन्होंने कहा है कि प्योंगयांग (उत्तर कोरिया) के साथ बातचीत आवश्यक है और उन्होंने विश्वास बहाली तथा अंततः उत्तर कोरिया के परमाणु कार्यक्रम को समाप्त करने के लिए कदम उठाने का प्रस्ताव दिया है।

ली ने एक साक्षात्कार में कहा कि उत्तर कोरिया के साथ बातचीत फिर से शुरू करने में बड़ी बाधाएं हैं, लेकिन उन्हें अभी भी विश्वास है कि प्योंगयांग के परमाणु कार्यक्रम को समाप्त करने का चरणबद्ध दृष्टिकोण एक यथार्थवादी विकल्प है। ली ने यह भी कहा कि उत्तर कोरिया को बातचीत की मेज पर वापस लाने के लिए सही परिस्थितियां बनाना आवश्यक है, और इन प्रयासों में डोनाल्ड ट्रंप की महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है।

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