नाइजीरिया में भुखमरी का गहराता संकट: 6 महीने में 600 से अधिक बच्चों की मौत

नाइजीरिया में भुखमरी का गहराता संकट: 6 महीने में 600 से अधिक बच्चों की मौत।

Published · By Tarun · Category: World News
नाइजीरिया में भुखमरी का गहराता संकट: 6 महीने में 600 से अधिक बच्चों की मौत
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नाइजीरिया, जो अफ्रीका की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था और प्रमुख तेल उत्पादकों में से एक है, इन दिनों एक गंभीर भुखमरी संकट का सामना कर रहा है। देश के उत्तरी राज्यों में स्थिति बेहद चिंताजनक है, जहां पिछले छह महीनों में 600 से अधिक बच्चों की कुपोषण के कारण मौत हो गई है। डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर्स (MSF) नामक मेडिकल चैरिटी ने इस स्थिति को 'खतरनाक कुपोषण संकट' बताया है।

संकट की गंभीरता

MSF द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, इस साल जनवरी से जून के बीच बच्चों में गंभीर तीव्र कुपोषण (Severe Acute Malnutrition) के मामलों में पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में 208% की भारी वृद्धि दर्ज की गई है। चैरिटी ने 25 जुलाई को एक बयान में बताया कि "2025 की शुरुआत से अब तक हमारे केंद्रों में सही समय पर इलाज न मिलने के कारण 652 बच्चों की जान जा चुकी है।" इस संकट से सिर्फ बच्चे ही नहीं, बल्कि गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाएं भी बुरी तरह प्रभावित हैं। MSF के एक सर्वे में 750 माताओं में से आधे से अधिक को तीव्र कुपोषण का शिकार पाया गया, जिनमें से 13% गंभीर कुपोषण से ग्रस्त थीं। अध्ययनों से पता चलता है कि यह संकट गर्भवती महिलाओं और उनके बच्चों के स्वास्थ्य के लिए बड़ा खतरा है, जिससे मातृ जटिलताओं और बच्चों में लंबे समय तक विकास संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।

संकट की मुख्य वजहें

यह केवल स्वास्थ्य संकट से कहीं अधिक है। यह उत्तरी नाइजीरियाई क्षेत्र की रोजमर्रा की हकीकत को दर्शाता है, जो सालों से संघर्ष, जलवायु परिवर्तन के दबाव और गरीबी से जूझ रहा है।

संघर्ष और विस्थापन की भूमिका

उत्तरी नाइजीरिया कई सालों से संघर्ष और विस्थापन के कारण लाखों लोगों को उनके घरों से बेघर कर चुका है। पूर्वोत्तर में बोको हराम का विद्रोह अभी भी जारी है, जबकि पश्चिमोत्तर में डाकुओं का आतंक और संसाधनों को लेकर होने वाली झड़पें अस्थिरता और जबरन पलायन का एक दुष्चक्र पैदा कर रही हैं। दशकों से चले आ रहे इस संघर्ष ने लाखों लोगों को उनके खेतों और बाजारों से दूर कर दिया है, जिससे खाद्य असुरक्षा बढ़ गई है। बोको हराम के कारण होने वाली हिंसा ने लोगों की आजीविका छीन ली है, कृषि को बाधित किया है और भोजन व स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच को मुश्किल बना दिया है, जिससे बच्चों में कुपोषण तेजी से बढ़ा है। एक अध्ययन के मुताबिक, अगर बोको हराम का संघर्ष न होता, तो प्रभावित इलाकों में बच्चों में कुपोषण की दर 13% कम होती।

नाइजीरिया में 'डाकुओं का संकट' पहले किसानों और चरवाहों के बीच जमीन और पानी को लेकर शुरू हुआ था, जो अब एक पूर्ण डाकू संकट में बदल गया है। ये सशस्त्र समूह अब संगठित आपराधिक नेटवर्क के रूप में काम कर रहे हैं, उन ग्रामीण समुदायों को निशाना बना रहे हैं जिनकी राज्य द्वारा ऐतिहासिक रूप से उपेक्षा की गई है। इस हिंसा ने कृषि और खाद्य आपूर्ति श्रृंखलाओं को तबाह कर दिया है, जिससे कुपोषण की स्थिति और बिगड़ गई है।

जलवायु परिवर्तन का असर

नाइजीरिया, खासकर उत्तरी और पूर्वोत्तर क्षेत्र, बढ़ते तापमान और बार-बार सूखे का सामना कर रहा है। कमजोर खाद्य प्रणालियां, खराब सार्वजनिक बुनियादी ढांचा और लगातार बनी रहने वाली असुरक्षा इस क्षेत्र को जलवायु झटकों के प्रति और भी संवेदनशील बनाती है। जलवायु परिवर्तन के कारण खाद्य कीमतें बढ़ती हैं और दुर्लभ भूमि व पानी के लिए प्रतिस्पर्धा तेज होती है, जिससे विस्थापन और संघर्ष भी बढ़ता है। बाढ़ और सूखा परिवारों को भीड़भाड़ वाले शिविरों में जाने के लिए मजबूर करते हैं, जहां स्वच्छ पानी, स्वास्थ्य सेवा और भोजन की कमी होती है, जिससे बच्चों में कुपोषण तेजी से बढ़ता है।

स्वास्थ्य सेवाओं की कमी

नाइजीरिया की स्वास्थ्य प्रणाली गंभीर चुनौतियों का सामना कर रही है, जिसमें अपर्याप्त बुनियादी ढांचा, धन की कमी और चिकित्सा कर्मियों की भारी कमी शामिल है। उत्तरी नाइजीरिया में खराब स्वास्थ्य प्रणाली कुपोषण संकट को बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान देती है, खासकर बच्चों में। कुपोषण प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर करता है, जिससे बच्चे संक्रमण और बीमारियों के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाते हैं, और इस प्रकार मृत्यु का खतरा बढ़ जाता है। 2021 के आंकड़ों के अनुसार, देश भर में 62 लाख से अधिक बच्चों को कोई टीकाकरण नहीं मिला है। पश्चिमोत्तर क्षेत्र में बाल टीकाकरण का स्तर सबसे कम है।

अंतर्राष्ट्रीय सहायता में कटौती और अधूरी नीतियां

नाइजीरिया ने 2001 में अपनी राष्ट्रीय खाद्य और पोषण नीति पेश की थी, जिसे 2016 में संशोधित किया गया था, जिसका लक्ष्य 2025 तक "सभी नाइजीरियाई लोगों के लिए बेहतर पोषण" प्राप्त करना था। लेकिन लगभग एक चौथाई सदी बाद भी ये लक्ष्य अधूरे हैं।

इस संकट को प्रमुख दानदाताओं, जैसे संयुक्त राज्य अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम और कई यूरोपीय देशों द्वारा बजट में की गई भारी कटौती से और भी बल मिला है। इन कटौतियों का कुपोषित बच्चों पर सीधा असर पड़ा है। संयुक्त राष्ट्र विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) ने घोषणा की है कि गंभीर धन की कमी के कारण वह जुलाई के अंत तक नाइजीरिया के संघर्ष-प्रभावित पूर्वोत्तर में लगभग 13 लाख लोगों के लिए भोजन और पोषण सहायता बंद कर देगा।

निष्कर्ष

नाइजीरिया में कुपोषण संकट जलवायु झटकों, चल रहे संघर्ष, सीमित स्वास्थ्य और सामाजिक सेवाओं, और अंतर्राष्ट्रीय सहायता में कमी का एक मिला-जुला परिणाम है। पोषण में सुधार के उद्देश्य से मौजूदा नीतियों और कार्यक्रमों के बावजूद, लाखों बच्चे तीव्र कुपोषण का अनुभव कर रहे हैं, जो पूरे देश में कमजोर आबादी के लिए पर्याप्त भोजन, स्वास्थ्य सेवा और सहायता सुनिश्चित करने में बनी हुई चुनौतियों को उजागर करता है।

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