नेपाल जेल से भागे 63 कैदी भारत में हिरासत में, कुछ ने खुद को भारतीय बताया
नेपाल जेल से भागे 63 कैदी भारत में हिरासत में, एक महिला भी शामिल।


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क्या हुआ?
नेपाल में जारी संकट के बीच भारत-नेपाल सीमा पर सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) ने नेपाल की जेलों से भागे हुए 63 कैदियों को पकड़ा है। एक दिन पहले यह संख्या 22 थी, जो अब बढ़कर 63 हो गई है। पकड़े गए लोगों में एक महिला भी शामिल है। यह जानकारी गुरुवार, 11 सितंबर 2025 को एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने दी।
कहां हुई गिरफ्तारी?
इन कैदियों को उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल से लगी नेपाल सीमा पर पकड़ा गया है। बिहार के किशनगंज में एक महिला कैदी को पकड़ा गया, जिसे बाद में पुलिस के हवाले कर दिया गया। अधिकारी ने बताया कि पश्चिम बंगाल सीमा पर एसएसबी द्वारा रोके गए कम से कम दो कैदियों को पश्चिम बंगाल पुलिस ने नेपाल के अधिकारियों को सौंप दिया है। नियम के अनुसार, एसएसबी संदिग्धों को पकड़ने के बाद स्थानीय पुलिस को सौंप देती है।
भारतीय होने का दावा
पकड़े गए कुछ कैदियों ने खुद को भारतीय बताया है। अधिकारी ने कहा, "उनके पास कोई दस्तावेज नहीं है, इसलिए हम उनकी पहचान सुनिश्चित कर रहे हैं। वे बता रहे हैं कि उन्हें नेपाल में अपराधों के लिए दोषी ठहराया गया था और वहीं की जेलों में रखा गया था।"
सुरक्षा बलों की कार्रवाई
एसएसबी, जो केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) का हिस्सा है, भारत-नेपाल की 1,751 किलोमीटर लंबी सीमा और भारत-भूटान की 699 किलोमीटर लंबी सीमा की निगरानी करती है। नेपाल के सशस्त्र पुलिस बल (एपीएफ) ने अपने समकक्ष एसएसबी के साथ भागे हुए कैदियों की एक सूची साझा की थी, जिसके आधार पर ये गिरफ्तारियां की गईं। नेपाल में कर्फ्यू लागू होने के बावजूद, एसएसबी और एपीएफ ने कई जगहों पर संयुक्त गश्त की है। एसएसबी ने सीमा चौकियों पर फंसे हुए लोगों की मदद के लिए हेल्प डेस्क भी स्थापित किए हैं।
खुली सीमा और चुनौती
भारत और नेपाल के बीच एक खुली सीमा है, और पड़ोसी देश के निवासियों को बिना वीजा या पासपोर्ट के भारत में प्रवेश की अनुमति है, बशर्ते उनके पास ड्राइविंग लाइसेंस या सरकार द्वारा जारी अन्य पहचान पत्र जैसे दस्तावेज हों। हालांकि, भागे हुए कैदियों के पास दस्तावेज न होने के कारण उनकी पहचान करना एक चुनौती बनी हुई है।