मोदी-मार्कोस जूनियर वार्ता से भारत-फिलीपींस संबंध और गहरे होंगे: जयशंकर

जयशंकर ने कहा, मोदी-मार्कोस जूनियर वार्ता से भारत-फिलीपींस संबंध गहरे होंगे।

Published · By Tarun · Category: Politics & Government
मोदी-मार्कोस जूनियर वार्ता से भारत-फिलीपींस संबंध और गहरे होंगे: जयशंकर
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परिचय

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सोमवार (4 अगस्त, 2025) को फिलीपींस के राष्ट्रपति फर्डिनेंड आर. मार्कोस जूनियर से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने कहा कि 5 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मार्कोस जूनियर की बातचीत से दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय साझेदारी 'काफी गहरी' होगी। फिलीपींस के राष्ट्रपति ने सोमवार से भारत की अपनी पांच दिवसीय राजकीय यात्रा शुरू की है।

मुलाकात और आगामी कार्यक्रम

विदेश मंत्री जयशंकर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर अपनी और राष्ट्रपति मार्कोस जूनियर की मुलाकात की एक तस्वीर भी साझा की। उन्होंने पोस्ट किया, "दिल्ली में अपनी राजकीय यात्रा की शुरुआत में फिलीपींस के राष्ट्रपति मार्कोस जूनियर से मिलकर खुशी हुई। मुझे विश्वास है कि कल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उनकी बातचीत से हमारी द्विपक्षीय साझेदारी और मजबूत होगी।"

अपनी इस यात्रा के दौरान मार्कोस जूनियर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से भी मुलाकात करेंगे और प्रधानमंत्री मोदी के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे। वे दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत करने के लिए कई कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे।

यात्रा का विशेष महत्व

राष्ट्रपति मार्कोस जूनियर की यह भारत यात्रा भारत और फिलीपींस के राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर हो रही है। विदेश मंत्रालय ने 31 जुलाई को एक बयान में कहा था कि यह यात्रा दोनों नेताओं के लिए भविष्य में द्विपक्षीय सहयोग का मार्ग तय करने और आपसी हित के क्षेत्रीय व अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर बातचीत करने का अवसर है।

भारत-फिलीपींस के मजबूत संबंध

भारत और फिलीपींस के बीच राजनयिक संबंध नवंबर 1949 में स्थापित हुए थे। नवंबर 2024 में भारत-फिलीपींस राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ को चिह्नित करने के लिए आयोजित एक कार्यक्रम में जयशंकर ने कहा था कि दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंध लोकतांत्रिक मूल्यों, बहुलवादी लोकाचार और आर्थिक समानताओं पर आधारित हैं। उन्होंने यह भी कहा था कि दोनों देशों की दोस्ती वास्तव में 'स्थायी' है और अब यह 'उच्च कक्षा' में जाने के लिए तैयार है। जयशंकर ने इस बात पर भी जोर दिया था कि दोनों देश अंतरराष्ट्रीय कानून, नियमों और मानदंडों को बनाए रखने के लिए 'गहराई से प्रतिबद्ध' हैं।

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