लोकसभा में चुनावी सूची पर बहस नहीं: किरेन रिजिजू
चुनावी सूची पर बहस नहीं, मामला SC में विचाराधीन: रिजिजू


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क्या हुआ
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने बुधवार (6 अगस्त 2025) को लोकसभा को बताया कि बिहार में विशेष मतदाता सूची संशोधन पर सदन में चर्चा नहीं हो सकती। उन्होंने इसका कारण बताया कि यह मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है और संसदीय नियम ऐसे मुद्दों पर बहस की अनुमति नहीं देते। विपक्षी सदस्यों के लगातार हंगामे के बीच उन्होंने यह बात कही। सदन ने विपक्ष के विरोध के बावजूद 'मर्चेंट शिपिंग बिल, 2024' भी पारित कर दिया।
मंत्री का बयान
दो बार के स्थगन के बाद दोपहर 2 बजे सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने मतदाता सूची संशोधन पर चर्चा की मांग जारी रखी। इस पर किरेन रिजिजू ने कहा कि लोकसभा के नियम ऐसी चर्चा की इजाजत नहीं देते। उन्होंने पूर्व लोकसभा अध्यक्ष बलराम जाखड़ के एक फैसले का हवाला देते हुए कहा कि चुनाव आयोग (ईसीआई) जैसे स्वायत्त निकाय के कामकाज और जिम्मेदारियों पर सदन में विचार-विमर्श नहीं किया जा सकता।
क्या आप इस सदन के नियमों को तोड़ना चाहते हैं और संविधान के प्रावधानों को फेंकना चाहते हैं?
विपक्ष का विरोध
कांग्रेस महासचिव (संगठन) के.सी. वेणुगोपाल ने संसद परिसर में पत्रकारों से बात करते हुए इस विशेष मतदाता सूची संशोधन को "निशाना बनाकर मतदाताओं को हटाने" का एक प्रयास बताया। वेणुगोपाल ने कहा, "चुनाव आयोग ने यह प्रणाली शुरू की है, वे (केंद्र सरकार) इसे सही ठहरा रहे हैं। तो फिर वे संसद में इस पर चर्चा से क्यों भाग रहे हैं? वे क्या छिपाना चाहते हैं? भारत की जनता जानना चाहती है कि यह विशेष संशोधन क्यों हो रहा है?" इससे पहले, इंडिया ब्लॉक के सांसदों ने कार्यवाही शुरू होने से पहले संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन भी किया।
'मर्चेंट शिपिंग बिल, 2024' पास
विपक्षी हंगामे के बीच ही लोकसभा ने 'मर्चेंट शिपिंग बिल, 2024' पारित कर दिया। इस बिल का उद्देश्य वाणिज्यिक जहाजों के स्वामित्व के लिए पात्रता मानदंडों का विस्तार करना और समुद्री दुर्घटनाओं की जांच का प्रावधान करना है। बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने विपक्षी सदस्यों के विरोध और नारेबाजी के बीच यह बिल पेश किया। यह कानून केंद्र सरकार को भारतीय या तटीय जल में जहाजों को जब्त करने और हिरासत में लेने का अधिकार देता है, यदि ऐसे जहाज कानूनी रूप से किसी राज्य का झंडा फहराने के हकदार नहीं हैं, या उन्होंने यह अधिकार खो दिया है, तो उन्हें "बिना राष्ट्रीयता वाले जहाज" माना जाएगा।
सदन में हंगामे का दौर
लोकसभा के सुबह के सत्र में भी इसी मुद्दे पर दो बार स्थगन देखा गया। सुबह 11 बजे सदन की बैठक शुरू होते ही, अध्यक्ष ओम बिरला ने कार्यवाही को दोपहर तक के लिए स्थगित कर दिया, यह कहते हुए कि विपक्ष सदन के उचित कामकाज में दिलचस्पी नहीं ले रहा है। दोपहर 12 बजे सदन की कार्यवाही फिर शुरू होने पर विपक्षी सदस्य वेल में आ गए, जिससे आसन पर बैठे दिलीप सैकिया को उन्हें अपनी सीटों पर लौटने का आग्रह करना पड़ा। सैकिया ने कहा, "आपके (विपक्षी सदस्यों के) कार्यों से पूरा देश दुखी है। आपको सदन में रचनात्मक चर्चा करनी चाहिए, कार्यवाही बाधित नहीं करनी चाहिए।" विरोध प्रदर्शन जारी रहने पर उन्होंने सदन को दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया। बिल पारित होने के बाद सदन को दिन भर के लिए स्थगित कर दिया गया।