रैपिडो बंद, ऑटो यूनियन जीत गई? देखिए इस फैसले की असली कहानी!
बाइक टैक्सी बैन से 6 लाख लोग बेरोज़गार, सोशल मीडिया में बवाल


bhanu@chugal.com
बेंगलुरु की सड़कों पर ब्रेक लग गया है!
कर्नाटक हाई कोर्ट के फैसले ने बाइक टैक्सी सेवाओं को एक झटके में रोक दिया है।
रैपिडो, ओला और उबर जैसे बड़े ऑपरेटर अब 16 जून 2025 से अपनी सेवाएं नहीं दे पाएंगे।
🚫 "कोई राहत नहीं, आदेश का पालन जरूरी है!"
— कर्नाटक हाई कोर्ट
6 लाख से ज़्यादा लोगों पर पड़ी सीधी मार
इस फैसले से 600,000 से ज्यादा बाइक टैक्सी राइडर्स की रोज़ी-रोटी पर खतरा मंडरा गया है।
- 75% लोग इसे मुख्य आय स्रोत मानते थे
- औसत कमाई ₹35,000/माह
- बेंगलुरु में अकेले 1.5 लाख रैपिडो राइडर्स बेरोज़गार
⚠️ "इतनी बड़ी संख्या में बेरोजगारी, क्या ये फैसला सही है?"
ऑटो यूनियन की जीत या जनता की हार?
ऑटो यूनियन खुश है, लेकिन आम जनता भड़क गई है।
बाइक टैक्सी जहां ₹8-10 प्रति किमी में सुविधा दे रही थी, वहीं ऑटो रिक्शा ₹15 प्रति किमी लेते हैं।
- ऑटो यूनियनों ने 2019 से ही बाइक टैक्सी का विरोध किया था
- अब कहते हैं – "हमारी रोज़ी बच गई!"
🤔 "आम जनता की जेब कटे, पर ऑटो वालों की आमदनी बचे?"
सोशल मीडिया पर गुस्से का विस्फोट
#AntiCitizen ट्विटर पर ट्रेंड कर रहा है।
"हमारे मेट्रो प्रोजेक्ट्स लेट हैं, बसें कम हैं, अब बाइक टैक्सी भी बंद?
ये जनता के खिलाफ है!"
— टी. वी. मोहनदास पै, पूर्व CFO, Infosys
कुछ मीम्स और कमेंट्स सोशल मीडिया पर वायरल:
💬 "पॉलिसी ऐसी है जैसे पहले सड़क में गड्ढे करो, फिर बाइक टैक्सी बंद करो!"
💬 "Breaking: कर्नाटक सरकार ने Convenience और Common Sense पर भी बैन लगाया!"
डेटा जो सरकार को झकझोर दे
- बेंगलुरु में हर महीने 50 लाख से ज्यादा राइड्स
- राइडर्स को ₹700 करोड़ का भुगतान
- सरकार को ₹100 करोड़ GST
- 20 लाख+ मासिक ग्राहक
- 80% राइडर्स स्थानीय निवासी, कई महिलाएं भी शामिल
📉 "इतनी बड़ी Gig Economy को रातोंरात ठप करना समझदारी है?"
सरकार की दलील: "हम नियम नहीं बनाएंगे"
कर्नाटक सरकार का सीधा जवाब:
🚨 "हमने नीति के तहत निर्णय लिया है – बाइक टैक्सी के लिए कोई नियम नहीं बनाए जाएंगे।"
— कर्नाटक ट्रांसपोर्ट विभाग
13 अन्य राज्य पहले ही इस पर पॉलिसी बना चुके हैं।
नासकॉम ने भी सरकार से आग्रह किया कि वह दिल्ली, तेलंगाना और राजस्थान जैसे मॉडल अपनाए।
2016 से 2025 तक का सफर
- 2016: रैपिडो की एंट्री, तुरंत ‘गैरकानूनी’ घोषित
- 2021: EV-बेस्ड बाइक टैक्सी स्कीम लॉन्च
- 2024: स्कीम वापस ली गई, 'सेफ्टी' के नाम पर
- 2 अप्रैल 2025: कोर्ट का बैन ऑर्डर
- 13 जून 2025: स्टे की याचिका खारिज
ट्रेंड कर रहे है ये हैशटैग
#BikeTaxiBan
#RapidoBan
#AntiCitizen
#BengaluruTraffic
#GigEconomy
#LastMileConnectivity
अब क्या होगा?
जनता पूछ रही है –
"बेंगलुरु की ट्रैफिक, किराए और रोज़गार का हल क्या है?"
सुझाव वायरल हो रहे हैं:
"Bike टैक्सी को भी ऑटो जैसी RTO गाइडलाइंस के तहत चलाओ – येलो बोर्ड, KA रजिस्ट्रेशन, इंश्योरेंस – सब ठीक है। बैन क्यों?"
🚨 यह सिर्फ बाइक टैक्सी बैन नहीं है, यह है लोगों की आवाज़ को नजरअंदाज करने का मामला!
अब सरकार को तय करना है – नियम बनाएगी या रोज़गार छीनेगी?