भारत-वियतनाम कोस्ट गार्ड समुद्री सुरक्षा पर करेंगे सहयोग
भारत और वियतनाम के कोस्ट गार्ड समुद्री सुरक्षा पर करेंगे सहयोग।


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भारत और वियतनाम के तटरक्षक बल (कोस्ट गार्ड) अब समुद्री अपराधों को रोकने, खोज और बचाव अभियान चलाने और समुद्री प्रदूषण से निपटने के लिए मिलकर काम करेंगे। यह फैसला दोनों देशों के बीच हुई एक महत्वपूर्ण उच्च-स्तरीय बैठक में लिया गया है।
क्या हुआ
बुधवार, 20 अगस्त 2025 को हनोई में भारतीय और वियतनामी तटरक्षक बलों के बीच छठी उच्च-स्तरीय बैठक हुई। यह बैठक तटरक्षक सहयोग के लिए 2015 में हुए समझौता ज्ञापन (एमओयू) के तहत आयोजित की गई थी।
बैठक का उद्देश्य
रक्षा मंत्रालय के अनुसार, बातचीत का मुख्य उद्देश्य समुद्री खोज और बचाव, कानून प्रवर्तन, समुद्री प्रदूषण से निपटने और क्षमता निर्माण के क्षेत्रों में सहयोग को मजबूत करना था। दोनों पक्षों ने विशेष रूप से अंतरराष्ट्रीय समुद्री अपराधों, जैसे तस्करी, मानव-तस्करी और अवैध मछली पकड़ने से निपटने पर जोर दिया।
प्रतिनिधि और चर्चा
इस बैठक की सह-अध्यक्षता भारतीय तटरक्षक बल के अतिरिक्त महानिदेशक आनंद प्रकाश बडोला और वियतनाम के तटरक्षक बल के उप-कमांडेंट मेजर जनरल वू ट्रुंग किएन ने की। प्रतिनिधिमंडलों ने हाल ही में हुए जहाज दौरों और पेशेवर आदान-प्रदान की समीक्षा की। उन्होंने एक-दूसरे के साथ बेहतर तालमेल बनाने के लिए संयुक्त पहल करने पर सहमति व्यक्त की। समुद्री सुरक्षा और पर्यावरण की रक्षा के लिए समन्वित खोज और बचाव अभियानों और संयुक्त प्रदूषण प्रतिक्रिया तंत्रों के महत्व पर भी प्रकाश डाला गया।
भविष्य की योजनाएँ
दोनों तटरक्षक बलों ने नियमित संस्थागत बातचीत, प्रशिक्षण कार्यक्रमों, सर्वोत्तम प्रथाओं के आदान-प्रदान और जहाज दौरों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने जोर देकर कहा कि ऐसे जुड़ाव से आपसी विश्वास और ऑपरेशनल तालमेल मजबूत होता है। रक्षा मंत्रालय ने बताया कि यह बातचीत क्षेत्रीय समुद्री सुरक्षा, संरक्षा और पर्यावरणीय स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए भारत और वियतनाम के साझा संकल्प को दर्शाती है।