इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात में भारत की बड़ी छलांग, 40 अरब डॉलर के पार
भारत का इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात 40 अरब डॉलर के पार, 8 गुना वृद्धि।


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क्या है मुख्य बात?
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शनिवार (19 जुलाई, 2025) को घोषणा की कि भारत का इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात 40 अरब डॉलर (लगभग 3.3 लाख करोड़ रुपये) के आंकड़े को पार कर गया है। उन्होंने बताया कि पिछले 11 सालों में इस क्षेत्र में आठ गुना की शानदार वृद्धि दर्ज की गई है।
घरेलू उत्पादन में भी बड़ा उछाल
हैदराबाद में आईआईटी के 14वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए, वैष्णव ने यह भी रेखांकित किया कि देश में इलेक्ट्रॉनिक्स का घरेलू उत्पादन छह गुना बढ़ गया है। उन्होंने इस विकास दर को "अभूतपूर्व" बताया, जिसे हमारे देश के आकार के हिसाब से बहुत कम देशों ने देखा है। वैष्णव ने कहा कि यह दोहरे अंकों की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) है, जिससे कोई भी कंपनी ईर्ष्या करेगी।
सेमीकंडक्टर और बुलेट ट्रेन का भविष्य
भविष्य की योजनाओं पर बात करते हुए, केंद्रीय मंत्री ने बताया कि इस साल व्यावसायिक पैमाने पर पहली 'मेड इन इंडिया' सेमीकंडक्टर चिप का उत्पादन शुरू हो जाएगा। उन्होंने विश्वास जताया कि भारत आने वाले सालों में दुनिया के शीर्ष पांच सेमीकंडक्टर देशों में से एक बनने की राह पर है, जिसके लिए पूंजीगत उपकरणों और सेमीकंडक्टर के लिए आवश्यक सामग्री पर लगातार ध्यान दिया जा रहा है। अश्विनी वैष्णव ने देश की पहली बुलेट ट्रेन परियोजना की तेज प्रगति का भी जिक्र किया और उम्मीद जताई कि यह परियोजना अगस्त या सितंबर 2027 तक चालू हो जाएगी।
विकास का श्रेय और 4G की सफलता
रेल, सूचना एवं प्रसारण, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस उल्लेखनीय वृद्धि का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन को दिया। उन्होंने बताया कि भारत ने सिर्फ साढ़े तीन साल में अपना पूरा 4G टेलीकॉम स्टैक डिजाइन कर लिया। आज इसे लगभग 90,000 टेलीकॉम टावरों पर सफलतापूर्वक स्थापित किया जा चुका है, जो दुनिया के कई देशों के नेटवर्क से भी बड़ा है।