जर्मनी का चीन पर बड़ा आरोप: 'लगातार आक्रामक हो रहा, सीमाएं बदलने की दे रहा धमकी'

जर्मनी ने चीन पर लगाया आक्रामक होने और सीमाएं बदलने का आरोप।

Published · By Bhanu · Category: World News
जर्मनी का चीन पर बड़ा आरोप: 'लगातार आक्रामक हो रहा, सीमाएं बदलने की दे रहा धमकी'
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क्या है मामला?

जर्मनी के विदेश मंत्री जोहान वाडेफहूल ने चीन पर बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि चीन 'लगातार आक्रामक' होता जा रहा है और एशिया-प्रशांत क्षेत्र में 'एकतरफा ढंग से' सीमाएं बदलने की धमकी दे रहा है। 18 अगस्त, 2025 को टोक्यो, जापान में अपने जापानी समकक्ष ताकेशी इवाया से बातचीत के बाद उन्होंने ये बातें कहीं।

चीन की 'आक्रामक' नीतियां

जोहान वाडेफहूल ने बताया कि चीन बार-बार खुले तौर पर मौजूदा स्थिति को बदलने और अपने पक्ष में सीमाओं को स्थानांतरित करने की धमकी देता है। उन्होंने चीन के इस व्यवहार का उदाहरण ताइवान जलडमरूमध्य और पूर्वी व दक्षिणी चीन सागर में दिया। जर्मनी के विदेश मंत्री की जापान यात्रा से पहले जारी एक बयान में भी कहा गया था कि चीन 'लगातार अपनी क्षेत्रीय सर्वोच्चता स्थापित कर रहा है और ऐसा करते हुए अंतरराष्ट्रीय कानून के सिद्धांतों पर भी सवाल उठा रहा है।' श्री वाडेफहूल ने यह भी कहा कि ताइवान जलडमरूमध्य और पूर्वी व दक्षिणी चीन सागर में चीन का बढ़ता आक्रामक व्यवहार यूरोप के लिए भी चिंता का विषय है, क्योंकि इससे वैश्विक सह-अस्तित्व के मूलभूत सिद्धांत खतरे में पड़ते हैं।

वैश्विक व्यापार और सुरक्षा पर असर

जर्मनी के विदेश मंत्री ने चेतावनी दी कि अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के इस संवेदनशील केंद्र (एशिया-प्रशांत) में किसी भी तरह की अशांति के वैश्विक सुरक्षा और विश्व अर्थव्यवस्था के लिए गंभीर परिणाम होंगे।

यूक्रेन युद्ध में रूस को चीन का समर्थन

टोक्यो में संयुक्त प्रेस बयान के दौरान, श्री वाडेफहूल ने यूक्रेन में रूसी युद्ध को चीन द्वारा दिए जा रहे समर्थन की भी आलोचना की। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि चीन के समर्थन के बिना, यूक्रेन के खिलाफ युद्ध संभव नहीं होता। उन्होंने बताया कि चीन, रूस को दोहरे उपयोग वाले सामानों का सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता है और रूस का सबसे बड़ा तेल व गैस खरीदार भी है।

यूक्रेन की सुरक्षा गारंटी पर जोर

श्री वाडेफहूल ने यूक्रेन की सुरक्षा गारंटी को "बेहद महत्वपूर्ण" बताया। उन्होंने यह बात अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की और यूरोपीय नेताओं के बीच वाशिंगटन में होने वाली वार्ता से पहले कही। उन्होंने जोर दिया कि एक न्यायपूर्ण और स्थायी शांति के लिए रूस को आखिरकार कार्रवाई करनी होगी। जब तक ऐसा नहीं होता, तब तक रूस पर दबाव बढ़ाना होगा, जिसमें यूक्रेन को दी जाने वाली सहायता में वृद्धि भी शामिल है। उन्होंने यह भी कहा कि यूक्रेन को युद्धविराम और शांति समझौते के बाद भी प्रभावी ढंग से अपना बचाव करने में सक्षम होना चाहिए, जिसके लिए मजबूत सुरक्षा गारंटी आवश्यक है।

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