डॉलर के मुकाबले रुपया 10 पैसे टूटा, 87.57 पर बंद

डॉलर के मुकाबले रुपया 10 पैसे टूटा, 87.57 पर बंद हुआ।

Published · By Bhanu · Category: Business & Economy
डॉलर के मुकाबले रुपया 10 पैसे टूटा, 87.57 पर बंद
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गुरुवार, 14 अगस्त, 2025 को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये में 10 पैसे की गिरावट दर्ज की गई। शुरुआती बढ़त को गंवाते हुए रुपया 87.57 (अस्थायी) के स्तर पर बंद हुआ। इससे पहले बुधवार को यह 87.47 पर बंद हुआ था। दिनभर के कारोबार में रुपया 87.39 से 87.67 के दायरे में रहा।

गिरावट के मुख्य कारण

विदेशी मुद्रा व्यापारियों ने बताया कि आयातकों की लगातार डॉलर की मांग, कच्चे तेल की बढ़ती कीमतें और विदेशी फंडों की निकासी ने रुपये पर दबाव बनाया। भारत और अमेरिका के बीच व्यापार शुल्क (टैरिफ) को लेकर जारी अनिश्चितता भी इस गिरावट का एक कारण रही। व्यापारियों के मुताबिक, निवेशक 15 अगस्त को होने वाली अमेरिका-रूस वार्ता से पहले 'इंतजार करो और देखो' की मुद्रा में हैं।

बाजार में अन्य गतिविधियां

  • कच्चे तेल: वायदा कारोबार में ब्रेंट क्रूड की कीमतें 0.49% बढ़कर 65.95 डॉलर प्रति बैरल हो गईं। पिछली गिरावट के बाद यह फिर से मजबूत हुआ है।
  • डॉलर इंडेक्स: दुनिया की छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की मजबूती मापने वाला डॉलर इंडेक्स 0.02% गिरकर 97.82 पर आ गया।
  • घरेलू शेयर बाजार: घरेलू शेयर बाजार में तेजी का रुख रहा। सेंसेक्स 57.75 अंक चढ़कर 80,597.66 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 11.95 अंक बढ़कर 24,631.30 पर बंद हुआ।
  • विदेशी निवेशक: एक्सचेंज के आंकड़ों के मुताबिक, बुधवार (13 अगस्त, 2025) को विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने भारतीय बाजारों से 3,644.43 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।

भारत की क्रेडिट रेटिंग में सुधार

घरेलू मैक्रोइकॉनोमिक मोर्चे पर, प्रमुख रेटिंग एजेंसी एसएंडपी (S&P) ने बुधवार, 13 अगस्त, 2025 को भारत की सॉवरेन क्रेडिट रेटिंग को लगभग 19 साल बाद 'बीबीबी' (BBB) में अपग्रेड कर दिया है। इसे 'स्थिर आउटलुक' (Stable Outlook) दिया गया है। एसएंडपी ने मजबूत आर्थिक वृद्धि, राजकोषीय समेकन (Fiscal Consolidation) के प्रति राजनीतिक प्रतिबद्धता और महंगाई पर नियंत्रण के लिए 'अनुकूल' मौद्रिक नीति को इस अपग्रेड का कारण बताया।

आर्थिक प्रभाव और भविष्य

एसएंडपी ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था पर अमेरिकी शुल्कों का प्रभाव 'प्रबंधनीय' होगा। एजेंसी के मुताबिक, अगर अमेरिकी निर्यात पर 50% का टैरिफ लगाया भी जाता है, तो यह विकास पर 'कोई खास असर' नहीं डालेगा। एसएंडपी ने बताया कि भारत व्यापार पर अपेक्षाकृत कम निर्भर है और इसकी लगभग 60% आर्थिक वृद्धि घरेलू खपत से आती है। यह रेटिंग अपग्रेड भारतीय कंपनियों के लिए अंतरराष्ट्रीय बाजारों में कर्ज लेने की लागत को कम करने में भी मदद करेगा। यह अपग्रेड अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत को "मृत अर्थव्यवस्था" कहे जाने के कुछ दिनों बाद आया है। ट्रंप ने 27 अगस्त से भारतीय वस्तुओं पर 50% का उच्चतम टैरिफ लगाया है।

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