प्रत्यक्ष कर संग्रह में गिरावट: रिफंड और व्यक्तिगत आयकर में कमी बनी वजह
प्रत्यक्ष कर संग्रह में गिरावट: रिफंड और व्यक्तिगत आयकर में कमी।


bhanu@chugal.com
केंद्र सरकार का प्रत्यक्ष कर संग्रह इस वित्त वर्ष में 11 अगस्त 2025 तक घट गया है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, इस दौरान कुल प्रत्यक्ष कर संग्रह में 1.9% की कमी आई है, जबकि शुद्ध संग्रह में 3.9% की गिरावट दर्ज की गई है। इसकी मुख्य वजह ज्यादा रिफंड जारी होना और गैर-कॉर्पोरेट टैक्स संग्रह में कमी आना है।
मुख्य बातें
वित्त वर्ष 2025-26 में 11 अगस्त तक सकल प्रत्यक्ष कर संग्रह 7.99 लाख करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल की इसी अवधि के 8.14 लाख करोड़ रुपये से कम है। वहीं, शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह 6.64 लाख करोड़ रुपये दर्ज किया गया है, जबकि पिछले साल यह 6.91 लाख करोड़ रुपये था।
गैर-कॉर्पोरेट टैक्स में बड़ी गिरावट
सकल संग्रह में यह कमी मुख्य रूप से गैर-कॉर्पोरेट टैक्स श्रेणी से होने वाली आय में गिरावट के कारण है। इस श्रेणी में व्यक्तियों द्वारा भुगतान किया गया आयकर (Income Tax) भी शामिल है। इस वित्त वर्ष में अब तक गैर-कॉर्पोरेट टैक्स संग्रह 4.43 लाख करोड़ रुपये रहा है, जो पिछले वित्त वर्ष 2024-25 की समान अवधि के 4.83 लाख करोड़ रुपये से 8.3% कम है। इस श्रेणी में व्यक्तिगत करदाता, हिंदू अविभाजित परिवार (HUF), फर्में, व्यक्तियों के संघ (AoP), व्यक्तियों के निकाय (BoI), स्थानीय प्राधिकरण और कृत्रिम न्यायिक व्यक्ति शामिल होते हैं।
कॉर्पोरेट टैक्स में मामूली बढ़ोतरी
इसके विपरीत, सकल कॉर्पोरेट टैक्स संग्रह में इस वित्त वर्ष में मामूली बढ़ोतरी देखी गई है। यह 3.33 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है, जो पिछले साल की समान अवधि के 3.08 लाख करोड़ रुपये से थोड़ा अधिक है।
रिफंड ने बढ़ाई शुद्ध संग्रह की परेशानी
सकल संग्रह में गिरावट के साथ-साथ, रिफंड में हुई बढ़ोतरी ने शुद्ध संग्रह पर और दबाव डाला है। इस अवधि में रिफंड में 9.8% की वृद्धि हुई है। प्राइस वाटरहाउस एंड कंपनी एलएलपी (Price Waterhouse & Co LLP) के पार्टनर हितेश साहनी ने बताया कि "शुद्ध संग्रह में गिरावट मुख्य रूप से जारी किए गए रिफंड की अधिक मात्रा के कारण है, खासकर कॉर्पोरेट टैक्स के लिए।"
विशेषज्ञ की राय
साहनी ने यह भी कहा कि कर संग्रह में हमेशा एकतरफा वृद्धि नहीं होती। यह महीने-दर-महीने के आधार पर अधिक गतिशील होता है।