'उदयपुर फाइल्स' फिल्म पर दिल्ली HC में 30 जुलाई को सुनवाई
उदयपुर फाइल्स फिल्म पर दिल्ली HC में 30 जुलाई को सुनवाई होगी।


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दिल्ली हाई कोर्ट फिल्म "उदयपुर फाइल्स – कन्हैया लाल टेलर मर्डर" की रिलीज को केंद्र सरकार की मंजूरी देने के खिलाफ दायर याचिकाओं पर 30 जुलाई, 2025 को सुनवाई करेगा। इन याचिकाओं में केंद्र के इस फैसले को चुनौती दी गई है।
क्या है पूरा मामला?
ये याचिकाएं जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी और कन्हैया लाल हत्याकांड के आरोपी मोहम्मद जावेद ने दायर की हैं। सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को निर्देश दिया था कि वे फिल्म की रिलीज को केंद्र की मंजूरी के खिलाफ हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाएं, जिसके बाद ये याचिकाएं दिल्ली हाई कोर्ट में सूचीबद्ध की गईं।
कब होगी सुनवाई?
मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ 30 जुलाई, 2025 को इन याचिकाओं पर सुनवाई करेगी। सोमवार (28 जुलाई, 2025) को एक याचिकाकर्ता की ओर से स्थगन का अनुरोध किए जाने के बाद कोर्ट ने सुनवाई के लिए यह तारीख तय की। कोर्ट को यह भी बताया गया कि फिल्म के निर्माताओं ने केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (CBFC) में फिल्म के पुन: प्रमाणीकरण के लिए आवेदन किया है, और इस पर जल्द ही विचार होने की संभावना है।
सुप्रीम कोर्ट का पुराना रुख
इससे पहले, 25 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि फिल्म निर्माताओं की हाई कोर्ट के उस आदेश के खिलाफ अपील अब निष्फल हो गई है, जिसमें फिल्म की रिलीज पर रोक लगाई गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने यह टिप्पणी इसलिए की थी क्योंकि फिल्म निर्माताओं ने केंद्र सरकार द्वारा 21 जुलाई को दी गई मंजूरी को स्वीकार कर लिया था, जिसमें फिल्म के कुछ दृश्यों में छह कट और अस्वीकरण (डिस्क्लेमर) में बदलाव शामिल थे।
कन्हैया लाल हत्याकांड: एक नज़र
उदयपुर के टेलर कन्हैया लाल की जून 2022 में कथित तौर पर मोहम्मद रियाज और मोहम्मद गौस ने हत्या कर दी थी। हमलावरों ने बाद में एक वीडियो जारी किया था, जिसमें दावा किया गया था कि यह हत्या तत्कालीन भाजपा सदस्य नूपुर शर्मा के पैगंबर मोहम्मद पर विवादित बयानों के समर्थन में कन्हैया लाल द्वारा एक सोशल मीडिया पोस्ट साझा करने की प्रतिक्रिया थी। इस मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने की थी, और आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की धाराओं के साथ-साथ कड़े गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत भी मामला दर्ज किया गया था। इस मामले का ट्रायल जयपुर की विशेष NIA अदालत में चल रहा है।