CBI ने विदेशी नागरिकों को ठगने वाले 4 साइबर अपराधियों को किया गिरफ्तार

CBI ने विदेशी नागरिकों को ठगने वाले 4 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया।

Published · By Bhanu · Category: Politics & Government
CBI ने विदेशी नागरिकों को ठगने वाले 4 साइबर अपराधियों को किया गिरफ्तार
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केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए चार ऐसे लोगों को गिरफ्तार किया है, जो विदेशी नागरिकों को ठगने के लिए साइबर फ्रॉड सिंडिकेट चला रहे थे। ये गिरफ्तारियां दो अलग-अलग मामलों से जुड़ी हैं, जिनमें अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों का भी सहयोग लिया गया। यह कार्रवाई CBI के 'ऑपरेशन चक्र' का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य साइबर धोखाधड़ी के गिरोहों का भंडाफोड़ करना है।

दिल्ली हवाई अड्डे से हुई पहली गिरफ्तारी

CBI ने अर्जुन प्रकाश नाम के एक आरोपी को दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से गिरफ्तार किया। वह काठमांडू के लिए उड़ान भरने की कोशिश कर रहा था, तभी आव्रजन अधिकारियों की मदद से उसे रोका गया। अर्जुन प्रकाश मई में भंडाफोड़ हुए एक अंतरराष्ट्रीय साइबर धोखाधड़ी गिरोह के संबंध में वांछित था। CBI ने अमेरिका की फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (FBI), ब्रिटेन की नेशनल क्राइम एजेंसी (NCA) और माइक्रोसॉफ्ट कॉर्पोरेशन के साथ मिलकर नोएडा विशेष आर्थिक क्षेत्र से 'फर्स्टआईडिया' नाम के एक फर्जी कॉल सेंटर का पता लगाया था।

टेक-सपोर्ट घोटाले का खुलासा

यह कॉल सेंटर यूके, ऑस्ट्रेलिया और यूरोपीय संघ के देशों के नागरिकों को एक परिष्कृत तकनीकी सहायता (टेक-सपोर्ट) घोटाले के जरिए ठगने में शामिल था। छापे के दौरान आपत्तिजनक डिजिटल बुनियादी ढांचा जब्त किया गया था और एक मुख्य आरोपी को गिरफ्तार किया गया था, लेकिन अर्जुन प्रकाश, जो इस ऑपरेशन का कथित लाभार्थी था, फरार चल रहा था।

दूसरा मामला: वर्चुअल संपत्ति धोखाधड़ी

एक अन्य मामले में, CBI ने जिगर अहमद, यश खुराना और इंदर जीत सिंह बाली को गिरफ्तार किया है। ये तीनों 2023 से अमेरिकी नागरिकों को निशाना बनाने वाले "वर्चुअल एसेट समर्थित साइबर अपराध नेटवर्क" को चला रहे थे। इस ऑपरेशन को भी FBI के साथ मिलकर अंजाम दिया गया। आरोपियों ने पीड़ितों के कंप्यूटर सिस्टम और बैंक खातों तक अनधिकृत रिमोट एक्सेस हासिल कर लिया था।

40 मिलियन डॉलर की धोखाधड़ी

धोखाधड़ी करने वाले पीड़ितों को तकनीकी सहायता देने का बहाना करते थे और दावा करते थे कि उनके बैंक खातों में सेंध लग गई है या वे खतरे में हैं। इसके बाद वे पीड़ितों को $40 मिलियन (लगभग 330 करोड़ रुपये) की बड़ी रकम क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट में ट्रांसफर करने के लिए हेरफेर करते थे।

अमृतसर और दिल्ली में छापेमारी

CBI ने 18 अगस्त को यह मामला दर्ज किया था और कई जगहों पर तलाशी ली। तलाशी के दौरान अमृतसर में 'डिजिकैप्स द फ्यूचर ऑफ डिजिटल' नाम का एक अवैध कॉल सेंटर पकड़ा गया, जहां 34 लोग काम कर रहे थे। इस छापेमारी में 85 हार्ड डिस्क, 16 लैपटॉप और 44 मोबाइल फोन जब्त किए गए। इसके बाद 20 अगस्त को अमृतसर और दिल्ली में फिर से तलाशी अभियान चलाया गया, जिसके बाद तीनों आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। इस दौरान ₹54 लाख नकद, आठ इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और "आपत्तिजनक दस्तावेज" भी जब्त किए गए। यह कार्रवाई साइबर धोखाधड़ी सिंडिकेट के खिलाफ CBI के चल रहे 'ऑपरेशन चक्र' का हिस्सा है।

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