कैबिनेट का बड़ा फैसला: तेल कंपनियों को 30,000 करोड़ का मुआवजा, उज्ज्वला लाभार्थियों को मिलेगी ₹12,000 करोड़ की सब्सिडी
सरकार ने तेल कंपनियों को 30,000 करोड़ का मुआवजा दिया।


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केंद्र सरकार ने शुक्रवार, 8 अगस्त 2025 को कई अहम फैसले लिए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में घरेलू एलपीजी की बिक्री पर हुए नुकसान की भरपाई के लिए सरकारी तेल विपणन कंपनियों (OMCs) को 30,000 करोड़ रुपये का मुआवजा देने की मंजूरी दी गई है। इसके साथ ही, प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (PMUY) के लाभार्थियों के लिए भी 12,000 करोड़ रुपये की सब्सिडी को हरी झंडी मिल गई है।
तेल कंपनियों को क्यों मिल रहा मुआवजा?
सरकार का यह फैसला इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (IOC), भारत पेट्रोलियम (BP) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम (HP) जैसी तीन बड़ी सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों के लिए है। इन कंपनियों को घरेलू एलपीजी (रसोई गैस) की बिक्री में भारी नुकसान उठाना पड़ा था। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दिल्ली में मीडिया को बताया कि यह मुआवजा इन कंपनियों को कच्चे तेल और एलपीजी की खरीद, अपने कर्ज चुकाने और पूंजीगत खर्चों को बनाए रखने में मदद करेगा। इससे पूरे देश में एलपीजी सिलेंडरों की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित हो सकेगी। पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय इस मुआवजे का वितरण करेगा।
कैसे मिलेगी यह मदद?
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जानकारी दी कि यह 30,000 करोड़ रुपये का मुआवजा इन तेल कंपनियों को 12 किस्तों में दिया जाएगा। यह कदम इन कंपनियों की वित्तीय स्थिति को मजबूत करेगा और उन्हें ग्राहकों तक रसोई गैस पहुंचाने में आ रही चुनौतियों को कम करने में मदद करेगा।
उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को भी लाभ
कैबिनेट ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (PMUY) के तहत 12,000 करोड़ रुपये की सब्सिडी को भी मंजूरी दी है। इस फैसले से देश के 10.33 करोड़ परिवारों को सीधा लाभ मिलेगा। आधिकारिक बयान के अनुसार, प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को 14.2 किलोग्राम के सिलेंडर पर 300 रुपये प्रति सिलेंडर की सब्सिडी मिलेगी। यह सब्सिडी एक वर्ष में अधिकतम 9 रिफिल तक के लिए लागू होगी। 5 किलोग्राम के सिलेंडरों के लिए भी यह सब्सिडी आनुपातिक रूप से लागू होगी।
क्या है प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना?
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना की शुरुआत मई 2016 में की गई थी। इस योजना का मुख्य उद्देश्य देश के गरीब परिवारों की वयस्क महिलाओं को मुफ्त एलपीजी कनेक्शन उपलब्ध कराना है। 1 जुलाई की जानकारी के अनुसार, वर्तमान में भारत में 10.33 करोड़ से अधिक उज्ज्वला योजना कनेक्शन हैं। यह योजना ग्रामीण और गरीब परिवारों को स्वच्छ ईंधन उपलब्ध कराकर उनके स्वास्थ्य और जीवन स्तर में सुधार लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
भारत की एलपीजी निर्भरता
भारत अपनी कुल एलपीजी की जरूरत का लगभग 60% हिस्सा आयात करता है। ऐसे में वैश्विक कीमतों में उतार-चढ़ाव का सीधा असर देश में एलपीजी की कीमतों पर पड़ता है। सरकार का यह कदम उपभोक्ताओं और तेल कंपनियों दोनों पर इस बोझ को कम करने में मदद करेगा।