भारत में कोयला उत्पादन बढ़ाना बेहद जरूरी: केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी

केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी ने कोयला उत्पादन बढ़ाने पर जोर दिया।

Published · By Tarun · Category: Business & Economy
भारत में कोयला उत्पादन बढ़ाना बेहद जरूरी: केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी
Tarun
Tarun

tarun@chugal.com

केंद्रीय मंत्री का बड़ा बयान

केंद्रीय कोयला और खान मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा है कि भारत में कोयला उत्पादन बढ़ाने का यह सही समय है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि देश के पास कोयले का पर्याप्त भंडार है और अभी तक इसके कुल भंडार का 10 प्रतिशत भी इस्तेमाल नहीं किया गया है। मंत्री ने सरकार के साथ सभी हितधारकों से इस क्षेत्र में और अधिक भागीदारी करने का आग्रह किया।

13वें दौर की नीलामी हुई शुरू

मंत्री किशन रेड्डी ने 21 अगस्त, 2025 को नई दिल्ली में वाणिज्यिक कोयला खदानों की 13वें दौर की नीलामी का शुभारंभ किया। इस मौके पर उन्होंने संभावित बोलीदाताओं से अपील की कि वे अपने आवंटित ब्लॉकों में उत्पादन समय से पहले ही शुरू करें। उन्होंने खनन क्षेत्र में विविधीकरण और उदारतापूर्वक निवेश करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।

उत्पादन बढ़ाने की अपील

अपने संबोधन में केंद्रीय मंत्री ने बताया कि भविष्य में बिजली की मांग बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि यही कारण है कि सरकार अधिक कोयला ब्लॉकों की नीलामी कर रही है, मंज़ूरी प्रक्रियाओं में तेजी ला रही है और उत्पादन शुरू करने में आने वाली बाधाओं को दूर करने पर ध्यान दे रही है।

देश की कोयला स्थिति और आयात में कमी

जी किशन रेड्डी ने जानकारी दी कि ताप विद्युत परियोजनाओं, सीमेंट उद्योगों और इस्पात उद्योगों सहित अन्य क्षेत्रों के लिए कोयले की पूरी मांग पर्याप्त रूप से पूरी की जा रही है। उन्होंने यह भी बताया कि साल-दर-साल आधार पर कोयले का आयात 9 प्रतिशत कम हुआ है, जिससे विदेशी मुद्रा में 65,000 करोड़ रुपये की बचत हुई है।

भारत के पास बड़ा कोयला भंडार

मंत्री ने दोहराया कि भारत के पास कोयले का विशाल भंडार है। उन्होंने कहा कि देश ने अभी तक अपने कुल कोयला भंडार के 10 प्रतिशत से भी कम का उपयोग किया है, जिससे भविष्य की ज़रूरतों के लिए पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित होती है।

नीलामी में शामिल खदानें

मंत्रालय ने बताया कि इस नवीनतम नीलामी दौर में कुल 14 कोयला खदानें शामिल की गई हैं। इनमें से 4 खदानें कोयला खदान (विशेष प्रावधान) अधिनियम, 2015 के तहत और 10 खदानें खान और खनिज (विकास) अधिनियम, 1957 के तहत प्रस्तावित की गई हैं। इसके अलावा, 12वें दौर की 3 खदानें भी इस बार नीलामी में रखी गई हैं। इन खदानों में से दस खदानें पूरी तरह से खोजी जा चुकी हैं और तत्काल विकास के लिए तैयार हैं, जबकि चार आंशिक रूप से खोजी गई हैं। ये खदानें झारखंड, छत्तीसगढ़, ओडिशा, आंध्र प्रदेश और मध्य प्रदेश राज्यों में फैली हुई हैं।

पिछले नीलामी के सफल आंकड़े

मंत्रालय ने यह भी बताया कि 2020 में खनन ढांचे की शुरुआत के बाद से, अब तक के बारह दौर की नीलामी में 134 से अधिक खदानों की नीलामी की जा चुकी है। इन नीलामी से 41,600 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश आकर्षित हुआ है और 3.5 लाख से अधिक नौकरियों का सृजन हुआ है।

Related News