अमेरिका-भारत व्यापार समझौते पर जल्द हो सकता है फैसला: ट्रंप का संकेत
भारत-अमेरिका व्यापार समझौते पर जल्द फैसला संभव: ट्रंप


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क्या हुआ?
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने संकेत दिया है कि भारत और अमेरिका के बीच लंबे समय से प्रतीक्षित अंतरिम व्यापार समझौते पर जल्द ही मुहर लग सकती है। ट्रंप के मुताबिक, इस प्रस्तावित समझौते से अमेरिकी कंपनियों को भारतीय बाजार में ज्यादा पहुंच मिल सकेगी, जैसा कि अमेरिका और इंडोनेशिया के बीच हुए व्यापार समझौते में हुआ है।
समझौते का मकसद
भारत और अमेरिका इस व्यापार समझौते को लेकर लगातार बातचीत कर रहे हैं। इस बातचीत का मुख्य मकसद दोनों देशों के बीच व्यापार शुल्क (टैरिफ) को 20 प्रतिशत से नीचे रखना है। राष्ट्रपति ट्रंप ने इंडोनेशिया के साथ हुए समझौते का उदाहरण देते हुए कहा, "हमने इंडोनेशिया के साथ एक समझौता किया है...हमें इंडोनेशिया में पूरी पहुंच मिली है।"
ट्रंप का बयान
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि उनका प्रशासन कुछ और व्यापार समझौतों की घोषणा करने वाला है, और इस संदर्भ में उन्होंने भारत का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि इंडोनेशिया के साथ हुए समझौते के तहत अमेरिका को उस देश में ऐसी पहुंच मिली है, जो पहले कभी नहीं थी। ट्रंप ने कहा, "शायद यह उस समझौते का सबसे बड़ा हिस्सा है...भारत भी मोटे तौर पर उसी रास्ते पर काम कर रहा है। हमें भारत तक पहुंच मिलने वाली है।"
टैरिफ को लेकर नया घटनाक्रम
वॉशिंगटन पहले ही कई देशों को उन पारस्परिक व्यापार शुल्क दरों का विवरण भेज चुका है, जो 1 अगस्त, 2025 से लागू होंगी। भारत को उम्मीद है कि वह इन पारस्परिक शुल्कों से बचने के लिए अमेरिका के साथ एक समझौता कर पाएगा।
भारत का रुख
हालांकि, भारत ने स्पष्ट किया है कि वह जल्दबाजी में किसी भी व्यापार समझौते में शामिल नहीं होगा। वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि भारत किसी भी समय सीमा के आधार पर कोई व्यापार समझौता नहीं करता है, और अमेरिका के साथ प्रस्तावित व्यापार समझौता तभी स्वीकार करेगा जब वह पूरी तरह से अंतिम रूप ले लेगा, ठीक से संपन्न हो जाएगा और राष्ट्रीय हित में होगा।
मुख्य मांगें और मुद्दे
भारत ने कृषि और डेयरी उत्पादों पर शुल्क रियायतों की अमेरिकी मांग पर अपना रुख कड़ा कर लिया है। अब तक, भारत ने डेयरी क्षेत्र में किसी भी मुक्त व्यापार समझौते में अपने किसी भी व्यापारिक साझेदार को कोई शुल्क रियायत नहीं दी है। नई दिल्ली 26 प्रतिशत के अतिरिक्त शुल्क को हटाने की मांग कर रही है। साथ ही, स्टील और एल्यूमीनियम (50 प्रतिशत) और ऑटो (25 प्रतिशत) क्षेत्रों पर लगने वाले शुल्कों में ढील देने की भी मांग की जा रही है।
टैरिफ का इतिहास
राष्ट्रपति ट्रंप ने 2 अप्रैल को भारत सहित कई देशों पर भारी शुल्क की घोषणा की थी। हालांकि, इसे जल्द ही 90 दिनों के लिए 9 जुलाई तक और बाद में 1 अगस्त तक के लिए टाल दिया गया था।
वर्तमान स्थिति
भारतीय वाणिज्य मंत्रालय की एक टीम प्रस्तावित व्यापार समझौते पर बातचीत के अगले दौर के लिए वॉशिंगटन में मौजूद है।