एयर इंडिया विमान हादसे पर अमेरिकी जाँच एजेंसी की चेतावनी
एयर इंडिया विमान हादसे पर अमेरिकी जाँच एजेंसी की चेतावनी।


tarun@chugal.com
अमेरिका की राष्ट्रीय परिवहन सुरक्षा बोर्ड (NTSB) की अध्यक्ष जेनिफर होमंडी ने शुक्रवार (18 जुलाई, 2025) को एयर इंडिया की उड़ान AI 171 के बोइंग ड्रीमलाइनर विमान दुर्घटना पर हालिया मीडिया रिपोर्टों को 'समय से पहले' और 'अटकलें भरी' बताया। यह दुर्घटना 12 जून को हुई थी, जिसमें 260 लोगों की दुखद मौत हो गई थी।
मुख्य बातें
होमंडी ने कहा कि इतनी बड़ी दुर्घटनाओं की जाँच में समय लगता है और NTSB, भारत के विमान दुर्घटना जाँच ब्यूरो (AAIB) की चल रही जाँच में पूरा सहयोग देता रहेगा। यह बयान AAIB द्वारा पिछले हफ्ते जारी की गई प्रारंभिक जाँच रिपोर्ट के बाद आया है। उस रिपोर्ट में 12 जून के हादसे से ठीक पहले कॉकपिट में 'भ्रम' की स्थिति और इंजन के ईंधन बंद करने वाले महत्वपूर्ण स्विच की स्थिति पर नए सवाल खड़े किए गए थे। अमेरिकी मीडिया रिपोर्टों में अटकलें लगाई जा रही थीं कि ईंधन नियंत्रण स्विच बंद कर दिए गए थे।
AAIB की अपील
यह भी गौरतलब है कि होमंडी का यह बयान AAIB की उस सार्वजनिक अपील के बाद आया है, जो गुरुवार (17 जुलाई) को जारी की गई थी। AAIB ने अपनी अपील में जनता और मीडिया से 'चुनिंदा और असत्यापित खबरों' को फैलाने से बचने का आग्रह किया था। नागरिक उड्डयन मंत्रालय के तहत काम करने वाले AAIB ने दोहराया कि एयर इंडिया दुर्घटना की जाँच 'AAIB नियमों और अंतरराष्ट्रीय प्रोटोकॉल के अनुसार पूरी तरह से और पेशेवर तरीके से' की जा रही है।
जाँच का उद्देश्य
ब्यूरो ने चेतावनी दी थी कि इस दुखद घटना ने लोगों का ध्यान खींचा है और उन्हें सदमा पहुँचाया है, लेकिन इस बात पर जोर दिया कि 'यह भारतीय विमानन उद्योग की सुरक्षा को लेकर जनता में चिंता या गुस्सा पैदा करने का समय नहीं है, खासकर निराधार तथ्यों के आधार पर'। AAIB ने अपनी अपील में यह भी कहा था कि 'मृत यात्रियों, विमान के चालक दल और जमीन पर मारे गए अन्य लोगों के परिवारों के नुकसान की संवेदनशीलता का सम्मान करना आवश्यक है'। AAIB ने मीडिया से ऐसी 'जल्दबाजी भरी कहानियाँ' न फैलाने की अपील की थी, जो जाँच प्रक्रिया की सत्यनिष्ठा को कमजोर कर सकती हैं।
ब्यूरो ने यह भी स्पष्ट किया कि उसकी जाँच और प्रारंभिक रिपोर्ट का उद्देश्य केवल 'क्या हुआ' यह बताना है। AAIB ने कहा कि इस स्तर पर 'किसी निश्चित निष्कर्ष पर पहुँचना बहुत जल्दबाजी होगी'। अंतिम रिपोर्ट तभी प्रकाशित की जाएगी जब जाँच पूरी हो जाएगी, जिसमें 'मूल कारणों और सिफारिशों' की पहचान भी शामिल होगी।