माइक्रोसॉफ्ट इंडिया प्रमुख की युवाओं को सलाह: AI टूल्स का इस्तेमाल सीखें
माइक्रोसॉफ्ट इंडिया प्रमुख ने युवाओं को AI टूल्स सीखने की सलाह दी।


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क्या कहा माइक्रोसॉफ्ट इंडिया प्रमुख ने?
माइक्रोसॉफ्ट इंडिया के अध्यक्ष पुनीत चंदोक ने हाल ही में युवाओं को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) टूल्स का अधिक से अधिक उपयोग करने और उनमें दक्षता हासिल करने की सलाह दी है। उन्होंने इसे "बेहद महत्वपूर्ण" बताया और जोर देकर कहा कि AI कौशल केवल किताबों या दूसरों को देखकर नहीं सीखा जा सकता, बल्कि इसके लिए इन टूल्स का व्यावहारिक उपयोग करना जरूरी है। उन्होंने इसकी तुलना जिम जाकर व्यायाम करने से की, जहाँ केवल देखने से कोई फिट नहीं हो सकता।
AI से दिमाग की क्षमता बढ़ती है, घटती नहीं
चंदोक ने एक हालिया MIT मीडिया लैब अध्ययन को खारिज कर दिया, जिसमें AI के संभावित संज्ञानात्मक परिणामों (cognitive consequences) और तंत्रिका लागतों (neural costs) पर चिंता जताई गई थी। उन्होंने कहा कि उनका मानना है कि AI नियमित और थकाऊ कामों को स्वचालित करके संज्ञानात्मक क्षमताओं को बढ़ाता है, न कि घटाता है। इससे उपयोगकर्ता मूल्य-बढ़ाने वाले और निर्णय-आधारित कार्यों पर ध्यान केंद्रित कर पाते हैं।
प्रैक्टिस ही है कुंजी
पुनीत चंदोक ने समझाया, "यह कुछ ऐसा नहीं है जिसे आप कक्षा में या थ्योरी पढ़कर सीख सकते हैं। मैं हमेशा मजाक में कहता हूं कि आप दूसरों को जिम जाते देखकर फिट नहीं हो सकते। आपको खुद जिम जाना होगा। AI टूल्स के साथ भी ऐसा ही है। आप दूसरों को इन्हें इस्तेमाल करते देखकर नहीं सीख सकते, आपको खुद इन टूल्स का उपयोग करना शुरू करना होगा।" उन्होंने पेशेवरों को AI टूल्स के साथ काम करना शुरू करने का आग्रह किया।
AI से पैदा हो रहे हैं नए रोजगार
चंदोक ने इस बात पर भी जोर दिया कि AI के साथ मिलकर नए करियर के रास्ते खुल रहे हैं, जैसे 'एजेंट मैनेजर' और 'प्रॉम्प्ट इंजीनियर'। उन्होंने कहा कि नौकरी के प्रोफाइल बदल रहे हैं और बदलती मांगों के अनुकूल होने के लिए निरंतर कौशल विकास (upskilling) बहुत जरूरी है।
भविष्य के लिए जरूरी हुनर
उन्होंने बताया कि भविष्य में कार्यस्थल पर सफलता के लिए कुछ खास कौशल बेहद महत्वपूर्ण होंगे। इनमें AI में दक्षता (AI fluency), डिजिटल एजेंट्स को बनाने और प्रबंधित करने की क्षमता, साथ ही लचीलापन (resilience), अनुकूलनशीलता (adaptability), फुर्ती (agility) और विकास की मानसिकता (growth mindset) शामिल हैं।
भारत में AI का बढ़ता बाजार
भारत तेजी से AI अपनाने के लिए एक महत्वपूर्ण बाजार के रूप में उभरा है। वैश्विक टेक कंपनियां, घरेलू कंपनियां और स्टार्टअप्स दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था में AI में भारी निवेश कर रहे हैं। एक हालिया रिपोर्ट 'इंडियाज AI लीप' के अनुसार, भारत AI इनोवेशन के लिए एक अनूठा मंच प्रदान करता है, जिसमें 700 मिलियन से अधिक इंटरनेट उपयोगकर्ता, उच्च मोबाइल पैठ और UPI जैसे मजबूत डिजिटल सार्वजनिक प्लेटफॉर्म हैं।
AI पेशेवरों का बड़ा टैलेंट पूल
रिपोर्ट के मुताबिक, भारत का घरेलू AI बाजार 2027 तक तीन गुना से अधिक बढ़कर 17 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है, जिससे यह विश्व स्तर पर सबसे तेजी से बढ़ती AI अर्थव्यवस्थाओं में से एक बन जाएगा। भारत में पहले से ही 600,000 से अधिक AI पेशेवर हैं, जिनकी संख्या 2027 तक दोगुनी होकर 1.25 मिलियन होने की उम्मीद है। भारत वैश्विक AI टैलेंट पूल का 16 प्रतिशत हिस्सा रखता है, जो अमेरिका के बाद दूसरे स्थान पर है।
विभिन्न क्षेत्रों में AI का प्रभाव
AI विभिन्न क्षेत्रों में क्रांति ला रहा है। यह वित्तीय सेवाओं में बीमा के समय को 70 प्रतिशत तक कम कर रहा है, खुदरा क्षेत्र में बिक्री दर को 10-15 प्रतिशत तक बढ़ा रहा है, मीडिया उत्पादन लागत को 80 प्रतिशत से अधिक घटा रहा है और उन्नत निदान व दूरस्थ परामर्श के माध्यम से स्वास्थ्य सेवा की पहुंच का विस्तार कर रहा है।