गूगल प्ले और एंड्रॉयड ने भारतीय ऐप डेवलपर्स को दिए ₹4 लाख करोड़ का राजस्व, 35 लाख नई नौकरियां
गूगल प्ले और एंड्रॉयड ने भारतीय ऐप डेवलपर्स को ₹4 लाख करोड़ का राजस्व दिया।


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क्या है खबर?
गूगल ने हाल ही में बताया है कि साल 2024 में गूगल प्ले स्टोर और एंड्रॉयड इकोसिस्टम ने भारत में ऐप बनाने वाली कंपनियों और अर्थव्यवस्था के लिए कुल ₹4 लाख करोड़ का राजस्व पैदा किया है। इसके साथ ही, इस इकोसिस्टम ने देश में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से 35 लाख नई नौकरियों के अवसर भी पैदा किए हैं। यह जानकारी बुधवार, 23 जुलाई, 2025 को दी गई।
भारतीय डेवलपर्स की भूमिका
गूगल के अनुसार, भारतीय ऐप इकोसिस्टम दुनिया भर में गूगल प्ले पर सक्रिय डेवलपर्स की दूसरी सबसे बड़ी संख्या का प्रतिनिधित्व करता है। साल 2024 में इसने 10 लाख से अधिक डेवलपर नौकरियों का योगदान दिया है। एंड्रॉयड पर बेहतरीन एप्लिकेशन बनाने से, इस इकोसिस्टम ने भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था को और अधिक समावेशी और प्रभावशाली बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
एंड्रॉयड का व्यापक प्रभाव
एक सर्वे के मुताबिक, लगभग 72% भारतीय उपयोगकर्ताओं ने बताया कि उन्होंने पहली बार इंटरनेट का उपयोग एंड्रॉयड डिवाइस पर किया था। वहीं, लगभग 85% यूजर्स का कहना है कि उनका एंड्रॉयड फोन डिजिटल सार्वजनिक सेवाओं तक पहुंचने का मुख्य माध्यम है। 69% लोगों ने बताया कि उन्होंने पहली बार किसी एंड्रॉयड डिवाइस पर ऐप के माध्यम से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का उपयोग किया। एंड्रॉयड के ओपन-सोर्स होने के कारण, डिवाइस बनाने वाली कंपनियों को ₹25,200 करोड़ की अनुमानित बचत हुई है, जिससे डिवाइस अधिक किफायती बन पाए हैं।
गूगल I/O कनेक्ट इंडिया 2025 में नई पहलें
बेंगलुरु में आयोजित वार्षिक डेवलपर कॉन्फ्रेंस 'गूगल I/O कनेक्ट इंडिया 2025' में गूगल ने भारतीय डेवलपर और स्टार्ट-अप इकोसिस्टम का समर्थन करने के लिए कई नई पहलें और AI क्षमताएं पेश कीं। इनमें अपने हाई-परफॉरमेंस थिंकिंग मॉडल 'जेमिनी 2.5 फ्लैश' के डेटा प्रोसेसिंग का स्थानीयकरण, फ़ायरबेस स्टूडियो में नए एजेंटिक AI टूल, दुनिया के अग्रणी गेमिंग इंजन प्लेटफॉर्म 'यूनिटी' के साथ एक नया प्रशिक्षण कार्यक्रम और 'मेक-इन-इंडिया AI मॉडल' के विकास के लिए 3 इंडिया AI मिशन स्टार्ट-अप्स के साथ सहयोग शामिल है।
अग्रणी विशेषज्ञों की राय
गूगल डीपमाइंड में भारत और APAC के वरिष्ठ निदेशक डॉ. मनीष गुप्ता ने कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए कहा, "भारतीय डेवलपर्स भारत की सफलता की अगली कहानी लिख रहे हैं। वे AI क्षमताओं का उपयोग करके ऐसे वास्तविक दुनिया के एप्लिकेशन बना रहे हैं जो देश और दुनिया भर के लाखों व्यवसायों और लोगों तक पहुंच रहे हैं।" गूगल इंडिया की कंट्री मैनेजर प्रीति लोबाना ने कहा, "भारत के डेवलपर्स यह आकार दे रहे हैं कि दुनिया AI का उपयोग कैसे करेगी, और हमें उनके साथ खड़े होने पर गर्व है। हम भारत को दुनिया के लिए बड़े पैमाने पर निर्माण करने के लिए सर्वोत्तम उपकरण, सबसे खुले प्लेटफॉर्म और सबसे मजबूत समर्थन दे रहे हैं, जिससे व्यवसायों और स्टार्ट-अप्स में एक गहरा 'AI उत्पादकता छलांग' लग सके।"
भाषा प्रौद्योगिकी में साझेदारी
गूगल ने यह भी बताया कि वह आईआईटी बॉम्बे के 'भारतजेन' के साथ मिलकर स्वदेशी भारतीय भाषा के लिए ऑटोमैटिक स्पीच रिकॉग्निशन (ASR) और टेक्स्ट-टू-स्पीच (TTS) मॉडल विकसित कर रहा है। इसका उद्देश्य जेम्मा (हल्के, जनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ओपन मॉडल का एक सेट) को भारतीय संदर्भ में, विशेष रूप से कम प्रतिनिधित्व वाली भाषाओं और सरकारी अनुप्रयोगों के लिए अधिक उपयोगी बनाना है।