गूगल का बड़ा ऐलान: अमेरिकी यूनिवर्सिटी को AI ट्रेनिंग के लिए देगा 1 अरब डॉलर
गूगल ने अमेरिकी यूनिवर्सिटी को AI ट्रेनिंग के लिए 1 अरब डॉलर देगा।


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सैन फ्रांसिस्को: टेक दिग्गज गूगल (अल्फाबेट की पैरेंट कंपनी) ने अमेरिकी विश्वविद्यालयों और गैर-लाभकारी संस्थानों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की ट्रेनिंग और टूल्स उपलब्ध कराने के लिए 1 अरब डॉलर (करीब 8300 करोड़ रुपये) देने का ऐलान किया है। यह पहल अगले तीन सालों तक जारी रहेगी।
क्या है यह पहल?
इस पहल के तहत, भाग लेने वाले शिक्षण संस्थानों को नकद फंडिंग के साथ-साथ कई संसाधन भी मिलेंगे। इसमें छात्रों को एआई की ट्रेनिंग के लिए क्लाउड कंप्यूटिंग क्रेडिट्स और एआई से जुड़े रिसर्च के लिए सहायता शामिल है। 1 अरब डॉलर की इस रकम में पेड एआई टूल्स का मूल्य भी शामिल है। उदाहरण के तौर पर, गूगल अपना एडवांस जेमिनी चैटबॉट कॉलेज छात्रों को मुफ्त में देगा।
किन यूनिवर्सिटी को मिलेगा फायदा?
फिलहाल, अमेरिका के 100 से अधिक विश्वविद्यालयों ने इस पहल से जुड़ने के लिए सहमति दी है। इनमें देश के कुछ सबसे बड़े सार्वजनिक विश्वविद्यालय सिस्टम जैसे टेक्सास ए एंड एम (Texas A&M) और यूनिवर्सिटी ऑफ नॉर्थ कैरोलिना (University of North Carolina) भी शामिल हैं।
गूगल का लक्ष्य क्या है?
गूगल का लक्ष्य है कि इस प्रोग्राम को अमेरिका के हर मान्यता प्राप्त गैर-लाभकारी कॉलेज तक पहुंचाया जाए। गूगल के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट जेम्स मान्याइका ने एक इंटरव्यू में बताया कि कंपनी अन्य देशों में भी इसी तरह की योजनाओं पर विचार कर रही है। हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि गूगल बाहरी संस्थानों को सीधे तौर पर कितनी फंडिंग देगा और कितना हिस्सा अपने क्लाउड और सब्सक्रिप्शन बिलों पर खर्च करेगा।
मुकाबला और फायदे
यह घोषणा ऐसे समय में हुई है, जब ओपनएआई (OpenAI), एंथ्रोपिक (Anthropic) और अमेज़ॅन (Amazon) जैसी गूगल की प्रतिद्वंद्वी कंपनियां भी शिक्षा के क्षेत्र में एआई को बढ़ावा देने के लिए ऐसी ही पहल कर रही हैं। जुलाई में माइक्रोसॉफ्ट (Microsoft) ने भी वैश्विक स्तर पर एआई शिक्षा को मजबूत करने के लिए 4 अरब डॉलर देने की प्रतिबद्धता जताई थी। दरअसल, टेक कंपनियों को उम्मीद है कि छात्रों को अपने प्रोडक्ट्स से परिचित कराकर, जब वे छात्र नौकरीपेशा बनेंगे, तो भविष्य में उन्हें बड़े व्यावसायिक सौदे हासिल करने में मदद मिलेगी।
AI के उपयोग पर सवाल और गूगल का रुख
शिक्षा में एआई की भूमिका को लेकर कुछ चिंताएं भी सामने आई हैं, जैसे कि नकल को बढ़ावा देना या छात्रों की महत्वपूर्ण सोच (क्रिटिकल थिंकिंग) को कम करना। इसी वजह से कुछ स्कूलों ने एआई पर प्रतिबंध लगाने पर विचार भी किया है। मान्याइका ने बताया कि इस साल की शुरुआत में अपनी शिक्षा पहल शुरू करने के बाद से गूगल को प्रशासकों की ओर से किसी विरोध का सामना नहीं करना पड़ा, लेकिन एआई से जुड़ी चिंताओं को लेकर अभी भी 'कई और सवाल' बाकी हैं।
मान्याइका ने कहा, "हम इन संस्थानों के साथ मिलकर यह सीखने की उम्मीद कर रहे हैं कि इन टूल्स का सबसे अच्छे तरीके से कैसे उपयोग किया जाए।" उन्होंने यह भी कहा कि इन जानकारियों से भविष्य में उत्पादों से जुड़े फैसलों को आकार देने में मदद मिलेगी।