यूरोप में राजनीतिक विज्ञापनों पर रोक लगाएगा मेटा
मेटा EU में राजनीतिक विज्ञापनों पर रोक लगाएगा, नए नियमों को बताया वजह।


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फेसबुक और इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म चलाने वाली कंपनी मेटा ने यूरोपीय संघ (EU) में एक बड़ा ऐलान किया है। कंपनी ने कहा है कि वह अक्टूबर 2025 की शुरुआत से EU में राजनीतिक, चुनावी और सामाजिक मुद्दों से जुड़े विज्ञापनों को अपने प्लेटफॉर्म पर दिखाना बंद कर देगी। मेटा ने इस कदम के पीछे EU के नए नियमों को वजह बताया है, जिनसे कानूनी अनिश्चितताएं और परिचालन संबंधी चुनौतियां पैदा हो रही हैं।
मेटा ने क्या कहा?
मेटा ने एक ब्लॉग पोस्ट में बताया कि यह एक मुश्किल फैसला है। कंपनी ने कहा कि यह निर्णय EU के 'पारदर्शिता और राजनीतिक विज्ञापन को लक्षित करने' (Transparency and Targeting of Political Advertising - TTPA) विनियमन के जवाब में लिया गया है, जो काफी परिचालन संबंधी चुनौतियां और कानूनी अनिश्चितताएँ पैदा करता है। मेटा के अनुसार, ये नए नियम विज्ञापनदाताओं और EU में काम करने वाले प्लेटफॉर्मों के लिए अकल्पनीय जटिलता और कानूनी अनिश्चितता पैदा करते हैं।
EU के नए नियम क्या हैं?
मेटा का यह फैसला गूगल की अल्फाबेट इकाई द्वारा पिछले नवंबर में किए गए इसी तरह के ऐलान के बाद आया है। यह दिखाता है कि बड़ी टेक कंपनियां EU के उन नियमों का विरोध कर रही हैं, जिनका मकसद उनकी शक्ति पर लगाम लगाना और उन्हें अधिक जवाबदेह व पारदर्शी बनाना है।
EU का TTPA विनियमन 10 अक्टूबर से लागू होगा। यह कानून गलत सूचनाओं और 27 देशों के इस समूह में चुनावों में विदेशी हस्तक्षेप की चिंताओं के कारण लाया गया है। इस EU कानून के तहत, बड़ी टेक कंपनियों को अपने प्लेटफॉर्म पर राजनीतिक विज्ञापनों को स्पष्ट रूप से लेबल करना होगा। उन्हें यह बताना होगा कि विज्ञापन के लिए किसने भुगतान किया, कितना भुगतान किया गया और किन चुनावों को लक्षित किया जा रहा है। इन नियमों का पालन न करने पर कंपनियों पर उनके वार्षिक कारोबार का 6% तक जुर्माना लग सकता है।
मेटा को क्यों आपत्ति?
मेटा का मानना है कि EU के ये नए नियम अंततः यूरोपीय लोगों को नुकसान पहुंचाएंगे। कंपनी ने कहा कि वैयक्तिकृत विज्ञापन विभिन्न प्रकार के विज्ञापनदाताओं के लिए महत्वपूर्ण हैं, जिनमें वे लोग भी शामिल हैं जो मतदाताओं को महत्वपूर्ण सामाजिक मुद्दों के बारे में सूचित करने के अभियानों में लगे हुए हैं। मेटा के अनुसार, TTPA जैसे नियम इन सेवाओं को प्रदान करने की उनकी क्षमता को काफी कमज़ोर करते हैं, जिससे न केवल विज्ञापनदाताओं की पहुंच की प्रभावशीलता पर असर पड़ता है, बल्कि मतदाताओं के लिए व्यापक जानकारी तक पहुंच भी प्रभावित होती है।