ब्रिटेन और OpenAI ने की बड़ी रणनीतिक साझेदारी, AI विकास में बड़ा निवेश
ब्रिटेन और OpenAI ने AI सुरक्षा शोध और बुनियादी ढांचे में साझेदारी की।


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लंदन: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की दिग्गज कंपनी OpenAI, जिसने चैटजीपीटी (ChatGPT) बनाया है, और ब्रिटेन की सरकार के बीच एक नई रणनीतिक साझेदारी हुई है। इस साझेदारी का मकसद AI सुरक्षा शोध को मजबूत करना और ब्रिटेन के AI बुनियादी ढांचे, जैसे कि डेटा सेंटरों में निवेश की संभावनाओं को खोजना है।
साझेदारी का मुख्य उद्देश्य
यह नई साझेदारी AI के क्षेत्र में ब्रिटेन को एक अग्रणी देश बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। इसका फोकस AI से जुड़े जोखिमों को समझने और उन्हें कम करने पर है, साथ ही यह सुनिश्चित करना है कि AI का विकास सुरक्षित और जिम्मेदार तरीके से हो।
ब्रिटेन का AI में बड़ा निवेश
ब्रिटेन सरकार ने AI के विकास के लिए कंप्यूटिंग इंफ्रास्ट्रक्चर में 1 बिलियन पाउंड (लगभग 10,500 करोड़ रुपये) का निवेश करने की योजना बनाई है। सरकार को उम्मीद है कि इस निवेश से अगले पांच सालों में सार्वजनिक कंप्यूट क्षमता में 20 गुना बढ़ोतरी होगी।
सरकारी प्रतिक्रिया और उम्मीदें
टेक्नोलॉजी के राज्य सचिव, पीटर काइल ने इस साझेदारी पर खुशी जताई। उन्होंने सोमवार को एक बयान में कहा, "AI हमारे देश में जरूरी बदलाव लाने में मौलिक होगा – चाहे वह राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा (NHS) को ठीक करना हो, अवसरों की बाधाओं को तोड़ना हो या आर्थिक विकास को बढ़ावा देना हो।" उन्होंने यह भी कहा कि OpenAI जैसी कंपनियों के बिना यह हासिल नहीं किया जा सकता, जो इस क्रांति को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आगे बढ़ा रही हैं। काइल के अनुसार, इस साझेदारी से OpenAI का अधिक काम ब्रिटेन में होगा।
OpenAI प्रमुख ने की तारीफ
OpenAI के प्रमुख सैम अल्टमैन ने ब्रिटेन सरकार की तारीफ की। उन्होंने कहा कि ब्रिटेन की सरकार पहली ऐसी सरकार है, जिसने अपनी "AI अवसर कार्य योजना" (AI Opportunities Action Plan) के माध्यम से इस तकनीक की क्षमता को पहचाना। यह योजना प्रधानमंत्री की ब्रिटेन को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस महाशक्ति बनाने की एक पहल है।
आगे की योजनाएं
इस साझेदारी के तहत, OpenAI अपने लंदन कार्यालय का आकार बढ़ा सकता है। कंपनी यह भी खोज करेगी कि वह न्याय, रक्षा, सुरक्षा और शिक्षा प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में AI का उपयोग कैसे कर सकती है।
वैश्विक प्रतिस्पर्धा में ब्रिटेन
बता दें कि अमेरिका, चीन और भारत AI विकास की दौड़ में सबसे आगे निकल रहे हैं, ऐसे में यूरोप पर इस दौड़ में शामिल होने का दबाव है। लेबर सरकार का मानना है कि AI उत्पादकता को प्रति वर्ष 1.5% तक बढ़ा सकता है, जिससे एक दशक में सालाना 47 बिलियन पाउंड (लगभग 63.37 बिलियन डॉलर) का अतिरिक्त आर्थिक लाभ हो सकता है।