ऑस्ट्रेलिया: डीपफेक न्यूड और ऑनलाइन पीछा करने वालों पर लगेगा अंकुश, सरकार लाएगी नया कानून
ऑस्ट्रेलियाई सरकार डीपफेक न्यूड और ऑनलाइन पीछा करने पर नया कानून लाएगी।


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क्या है नई पहल?
ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए घोषणा की है कि वह एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) द्वारा बनाई गई नग्न तस्वीरों (डीपफेक न्यूड) और ऑनलाइन पीछा करने (ऑनलाइन स्टॉकिंग) जैसी गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए नए कानून लाएगी। इन कानूनों का मकसद तकनीकी कंपनियों को ऐसे ऑनलाइन उपकरणों का दुरुपयोग रोकने के लिए मजबूर करना है जो गलत तरीके से नग्न तस्वीरें बनाते हैं या लोगों का पता लगाए बिना उनका पीछा करते हैं।
सरकार का रुख
सरकार ने एक बयान में कहा कि वह "घृणित तकनीकों" के खिलाफ नए कानून बनाने के लिए तकनीकी उद्योग के साथ मिलकर काम करेगी। हालांकि, इन कानूनों को लागू करने के लिए कोई निश्चित समय-सीमा अभी नहीं बताई गई है। संचार मंत्री अनीका वेल्स ने इस पहल पर जोर देते हुए कहा, "ऐसे ऐप्स और तकनीकों के लिए समाज में कोई जगह नहीं है जिनका इस्तेमाल केवल लोगों, खासकर हमारे बच्चों का अपमान करने, उन्हें शर्मिंदा करने और नुकसान पहुंचाने के लिए किया जाता है।"
'नूडिफाई' ऐप्स का बढ़ता खतरा
हाल के दिनों में 'नूडिफाई' ऐप्स की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है। ये एआई-आधारित टूल डिजिटल रूप से किसी भी व्यक्ति के कपड़ों को हटाकर उसकी नग्न तस्वीर बना सकते हैं। इन ऐप्स के कारण बच्चों को निशाना बनाने वाले 'सेक्सटॉर्शन' (यौन ब्लैकमेलिंग) घोटालों में भारी उछाल आया है। वेल्स ने स्पष्ट किया कि सरकार 'नूडिफाई' और ऑनलाइन पीछा करने वाले ऐप्स तक पहुंच को प्रतिबंधित करने के लिए "हर संभव उपाय" का इस्तेमाल करेगी। उन्होंने कहा कि इन ऐप्स पर रोक लगाने की जिम्मेदारी अब तकनीकी कंपनियों पर होगी।
सुरक्षा का दायरा और प्रभाव
मंत्री वेल्स ने कहा, "भले ही यह कदम एक झटके में इस तरह की अपमानजनक तकनीक की समस्या को खत्म न करे, लेकिन मौजूदा कानूनों और हमारे विश्व-अग्रणी ऑनलाइन सुरक्षा सुधारों के साथ मिलकर, यह ऑस्ट्रेलियाई लोगों की सुरक्षा में एक बड़ा बदलाव लाएगा।" एआई उपकरणों के बढ़ते प्रसार ने बच्चों को प्रभावित करने वाले दुर्व्यवहार के नए रूप पैदा किए हैं। इनमें दुनिया भर के विश्वविद्यालयों और स्कूलों में ऐसे घोटाले शामिल हैं, जहां किशोर अपने सहपाठियों की आपत्तिजनक तस्वीरें बनाते हैं।
वास्तविक जीवन के उदाहरण
'सेव द चिल्ड्रन' द्वारा किए गए हालिया सर्वेक्षण से पता चला है कि स्पेन में पांच में से एक युवा डीपफेक नग्न तस्वीरों का शिकार हुआ है, और इन तस्वीरों को उनकी सहमति के बिना ऑनलाइन साझा किया गया था। सरकार ने आश्वासन दिया कि किसी भी नए कानून का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना होगा कि वैध और सहमति-आधारित आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और ऑनलाइन ट्रैकिंग सेवाओं पर अनजाने में कोई नकारात्मक प्रभाव न पड़े।
पहले भी उठाए गए कड़े कदम
ऑस्ट्रेलिया इंटरनेट पर होने वाले नुकसान, खासकर बच्चों को निशाना बनाने वाले नुकसान को रोकने के वैश्विक प्रयासों में हमेशा सबसे आगे रहा है। देश ने नवंबर में 16 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए सोशल मीडिया पर प्रतिबंध लगाने वाले महत्वपूर्ण कानून पारित किए थे। यह फेसबुक, इंस्टाग्राम, यूट्यूब और एक्स (पहले ट्विटर) जैसी लोकप्रिय साइटों पर दुनिया की सबसे कड़ी कार्रवाई में से एक है।
चुनौतियां और समाधान
सोशल मीडिया दिग्गजों को, जो किशोर प्रतिबंध का पालन करने में विफल रहने पर 49.5 मिलियन ऑस्ट्रेलियाई डॉलर (लगभग 32 मिलियन अमेरिकी डॉलर) तक का भारी जुर्माना झेल सकते हैं, ने इन कानूनों को "अस्पष्ट", "समस्याग्रस्त" और "जल्दबाजी में" बताया है। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि सोशल मीडिया पर साइन अप करने के लिए लोग अपनी उम्र कैसे सत्यापित करेंगे। यह कानून इस साल के अंत तक लागू हो जाएगा। सरकार द्वारा कराए गए एक स्वतंत्र अध्ययन में इस सप्ताह पाया गया कि उम्र की जांच "निजी तौर पर, कुशलता से और प्रभावी ढंग से" की जा सकती है। अध्ययन की अंतिम रिपोर्ट में कहा गया है कि उम्र सुनिश्चित करने के लिए कई तरह की तकनीकें मौजूद हैं, लेकिन "कोई एक समाधान सभी परिस्थितियों के लिए उपयुक्त नहीं है।"