संजू सुरेंद्रन की फिल्म 'खिड़की गाँव' का बुसान फिल्म फेस्टिवल में वर्ल्ड प्रीमियर

संजू सुरेंद्रन की फिल्म 'खिड़की गाँव' का बुसान में वर्ल्ड प्रीमियर।

Published · By Tarun · Category: Entertainment & Arts
संजू सुरेंद्रन की फिल्म 'खिड़की गाँव' का बुसान फिल्म फेस्टिवल में वर्ल्ड प्रीमियर
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फिल्मकार संजू सुरेंद्रन की फीचर फिल्म 'इफ ऑन अ विंटर्स नाइट (खिड़की गाँव)' का वर्ल्ड प्रीमियर प्रतिष्ठित बुसान इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में होने जा रहा है। इस फिल्म को फेस्टिवल के 'एशिया विजन' कैटेगरी में आधिकारिक तौर पर चुना गया है।

कब होगा फेस्टिवल

यह फेस्टिवल इस साल 17 सितंबर से 26 सितंबर तक आयोजित किया जाएगा।

फिल्म की कहानी और पृष्ठभूमि

यह फिल्म पूरी तरह से दिल्ली में शूट की गई है। एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, 'खिड़की गाँव' प्यार और महत्वाकांक्षा का एक काव्यात्मक चित्रण है, जो दिल्ली शहर के दिल और उसके जीते-जागते विरोधाभासों को खूबसूरती से दर्शाता है।

कौन हैं फिल्म से जुड़े लोग

इस फिल्म की कार्यकारी निर्माता (एग्जीक्यूटिव प्रोड्यूसर) पुरस्कार विजेता निर्देशक पायल कपाड़िया हैं। सिनेमैटोग्राफर (छायाकार) मनीष माधवन हैं, जिन्होंने दो बार सर्वश्रेष्ठ सिनेमैटोग्राफी के लिए केरल राज्य फिल्म पुरस्कार जीता है। रेखा राज ने इसकी पटकथा लिखी है, जो शहर की धड़कन के साथ-साथ एक अंतरंग कहानी बुनती है। फिल्म में रोशन अब्दुल रऊफ और भानुप्रिया के साथ जीतेश रायचेल, आर्थी के.बी. और शोभना शर्मा जैसे कलाकार भी हैं।

'खिड़की गाँव' नाम का महत्व

फिल्म का नाम और इसकी आत्मा दिल्ली के खिड़की गाँव से ली गई है। यह गाँव 14वीं शताब्दी का एक ऐतिहासिक स्थल है। कभी राजस्थानी प्रवासियों का ठिकाना रहा यह गाँव, आज चमकदार साकेत मॉल्स के ठीक सामने है, जहाँ वैश्विक उपभोक्तावाद अपनी चरम सीमा पर है। मध्ययुगीन अतीत और आधुनिक बाज़ार का यह विरोधाभास एक साथ महसूस किया जा सकता है – एक तरफ संकरी गलियों का एक जाल जहाँ हिंदू मंदिर, तुगलक-युग की मस्जिदें, अफ्रीकी प्रार्थना कक्ष, भारतीय ढाबे और अफगानी कैंटीन एक साथ मौजूद हैं; तो दूसरी तरफ रिटेल स्टोर, फूड कोर्ट और मल्टीप्लेक्स की शीशे वाली इमारतें। यह इलाका दिल्ली के कुछ महत्वपूर्ण कला और सांस्कृतिक स्थलों जैसे खोज (Khoj) और कम्युनिटी लाइब्रेरी प्रोजेक्ट (Community Library Project) का भी घर है, और यह शहर को आकार देने वाले विरोधाभासों का एक जीता-जागता प्रतीक है।

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