विश्व चैंपियन डी. गुकेश का बड़ा ऐलान: अब ज्यादा क्लासिकल टूर्नामेंट खेलूंगा
विश्व चैंपियन डी. गुकेश अब ज्यादा क्लासिकल टूर्नामेंट खेलेंगे।


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चेन्नई: मौजूदा विश्व शतरंज चैंपियन डी. गुकेश ने घोषणा की है कि वह इस साल के दूसरे हिस्से में अधिक क्लासिकल शतरंज टूर्नामेंट खेलेंगे। हाल ही में नॉर्वे में तीसरा स्थान हासिल करने वाले गुकेश ने कहा कि वह इस फॉर्मेट पर अपनी ऊर्जा केंद्रित करना चाहते हैं।
क्लासिकल शतरंज पर रहेगा खास जोर
गुकेश ने बताया कि उनका पिछला क्लासिकल टूर्नामेंट नॉर्वे में 26 मई से 6 जून तक हुआ था। उन्होंने इसे 'ठीक-ठाक' टूर्नामेंट बताया। 19 वर्षीय गुकेश ने कहा, "मैंने बहुत ज्यादा क्लासिकल टूर्नामेंट नहीं खेले हैं।" उन्होंने जनवरी में टाटा स्टील टूर्नामेंट में भी हिस्सा लिया था, जहां वह संयुक्त रूप से पहले स्थान पर रहे थे। इसे उन्होंने 'अच्छा' प्रदर्शन बताया। गुकेश ने आगे कहा कि वह साल के अगले हिस्से में और अधिक क्लासिकल इवेंट्स खेलने के लिए उत्सुक हैं।
रैपिड में शानदार प्रदर्शन, ब्लिट्ज में सुधार की गुंजाइश
गुकेश ने क्लासिकल और रैपिड फॉर्मेट में अपने खेल पर संतोष व्यक्त किया। हालांकि, उन्होंने माना कि उन्हें ब्लिट्ज फॉर्मेट में सुधार करने की जरूरत है। गुकेश ने कहा, "ज़ाग्रेब में मेरा हालिया रैपिड प्रदर्शन (पहला स्थान) अच्छा रहा। मुझे अभी भी ब्लिट्ज में कुछ गलतियों को सुधारना है। मुझे लगता है कि मैं अपने प्रदर्शन में सुधार कर रहा हूं।"
भारत में होने वाला शतरंज विश्व कप बेहद खास
गुकेश के मुताबिक, अक्टूबर में अहमदाबाद या गोवा में होने वाला शतरंज विश्व कप भारतीय शतरंज के लिए बहुत बड़ा इवेंट होगा। उन्होंने बताया, "शतरंज में ज्यादा नॉकआउट टूर्नामेंट नहीं होते। 2021 के बाद से विश्व कप सबसे बड़ा नॉकआउट टूर्नामेंट है। चेन्नई ओलंपियाड के बाद यह भारत में होने वाला एक बड़ा और भारतीय शतरंज के लिए महत्वपूर्ण टूर्नामेंट होगा।"
दिव्या देशमुख की जीत से मिली प्रेरणा
गुकेश ने हाल ही में बटुमी (जॉर्जिया) में महिला विश्व कप जीतने वाली दिव्या देशमुख की जीत को प्रेरणादायक बताया। उन्होंने कहा, "हम लगभग साथ-साथ ही बड़े हुए हैं, शायद आठ या नौ साल की उम्र से ही एक ही टूर्नामेंट में खेलते रहे हैं।" गुकेश ने आगे कहा, "दिव्या ने जिस तरह से विश्व कप जीता है, वह वास्तव में प्रेरणादायक है, क्योंकि यह जीतना कोई आसान टूर्नामेंट नहीं है, क्योंकि इसमें लगभग एक महीने तक खेलना पड़ता है। मैंने दो बार विश्व कप खेला है, इसलिए मैं जानता हूं कि यह कितना मुश्किल है।"
चेन्नई में एक कार्यक्रम के दौरान कही ये बातें
गुकेश ने ये बातें रविवार को चेन्नई में वेलम्मल नेक्सस द्वारा आयोजित एक सम्मान समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर कही। यह समारोह 19 वर्षीय पूर्व छात्र आशीष को सम्मानित करने के लिए आयोजित किया गया था, जिन्होंने माउंट एवरेस्ट फतह किया है।