उत्तराखंड: उत्तरकाशी में फटा बादल, चार की मौत, कई लापता; घरों-होटलों में घुसा मलबा

उत्तरकाशी में बादल फटने से 4 की मौत, कई लापता; भारी तबाही।

Published · By Tarun · Category: Politics & Government
उत्तराखंड: उत्तरकाशी में फटा बादल, चार की मौत, कई लापता; घरों-होटलों में घुसा मलबा
Tarun
Tarun

tarun@chugal.com

उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में मंगलवार, 5 अगस्त 2025 की दोपहर एक बड़ा बादल फटने से भयानक तबाही मच गई। खीर गंगा नदी में अचानक आई बाढ़ के कारण अब तक चार लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि कई लोगों के बह जाने की आशंका है। बाढ़ का पानी धराली कस्बे में होटलों, घरों और बाजारों में घुस गया, जिससे भारी नुकसान हुआ है।

क्या हुआ?

यह घटना मंगलवार दोपहर करीब 1:45 बजे हुई। उत्तरकाशी जिले में समुद्र तल से 8,600 फीट की ऊंचाई पर स्थित धराली कस्बे को बादल फटने से आई बाढ़ ने अपनी चपेट में ले लिया। खीर गंगा नदी में पानी का बहाव इतना तेज था कि यह अचानक भयावह बाढ़ में बदल गया। उत्तरकाशी के जिला मजिस्ट्रेट प्रशांत आर्य ने बताया कि बाढ़ के कारण जान-माल का भारी नुकसान हुआ है। हर्षिल हेलीपैड के आसपास का क्षेत्र, जो एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है और जहां सेना व आईटीबीपी का शिविर भी है, वह भी बुरी तरह प्रभावित हुआ है।

तबाही का मंज़र

स्थानीय निवासियों द्वारा रिकॉर्ड किए गए वीडियो में पानी की विशाल लहरों को इलाके से गुजरते हुए और घरों, लोगों व रास्ते में आने वाली हर चीज़ को निगलते हुए देखा जा सकता है। वीडियो में लोग अपने परिचितों को जान बचाने के लिए भागने की चेतावनी देते हुए भी सुनाई दे रहे हैं, जबकि कुछ अन्य लोग आपदा वाले क्षेत्र में दोस्तों का हाल जानने के लिए लगातार फोन कर रहे थे। एक लोकप्रिय पर्यटन कस्बे का पूरा बाज़ार कुछ ही मिनटों में बह गया, जिससे वह जगह कीचड़ भरे नदी के किनारे जैसा दिख रही थी।

बचाव अभियान और हताहत

सेना के देहरादून में जनसंपर्क अधिकारी लेफ्टिनेंट कर्नल मनीष श्रीवास्तव के अनुसार, बचाव अभियान के पहले तीन घंटों में लगभग 20 लोगों को बचाया गया। हालांकि, एक ग्रामीण राजेश पंवार ने बताया कि लगभग 10-12 लोग मलबे में दबे हो सकते हैं और 20-25 होटल व होमस्टे बह गए हैं। राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF), सेना और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) की टीमों को तुरंत मौके पर भेजा गया ताकि युद्धस्तर पर बचाव अभियान चलाया जा सके।

प्रशासनिक कदम

जिला प्रशासन ने प्रभावित लोगों के लिए राहत शिविर स्थापित किए हैं। आस-पास के अस्पतालों को घायलों के इलाज के लिए एक अलग विंग आरक्षित रखने और चिकित्सा टीमों को बिस्तर, ऑक्सीजन और दवाओं के साथ तैयार रहने के निर्देश दिए गए हैं। खराब मौसम की स्थिति और अगले कुछ दिनों में भारी बारिश की आशंका को देखते हुए, प्रशासन ने 6 जुलाई को सभी स्कूलों को बंद करने की घोषणा की है। आपदा प्रबंधन अधिकारियों को चिलियाणीसौड़, भटवारी और डुंडा ब्लॉक में नदी के पास रहने वाले गांवों के लोगों को लाउडस्पीकर और सायरन का उपयोग करके सतर्क करने और उन्हें सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए कहा गया है। उत्तरकाशी में ट्रेकिंग परमिट भी अगले आदेश तक रद्द कर दिए गए हैं।

सरकारी प्रतिक्रिया

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हुई हानि पर दुख व्यक्त किया और प्रशासन को त्वरित बचाव व पुनर्वास सुनिश्चित करने का आदेश दिया। मुख्यमंत्री ने कहा, "मैं वरिष्ठ अधिकारियों के लगातार संपर्क में हूं, और स्थिति पर बारीकी से नज़र रखी जा रही है। मैं भगवान से सभी की सुरक्षा के लिए प्रार्थना करता हूं।" प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने भी मुख्यमंत्री धामी से बात की और स्थिति व बचाव अभियान का जायजा लिया। केंद्र सरकार ने राज्य को बचाव प्रयासों में हर संभव मदद का आश्वासन दिया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी ट्वीट कर लोगों के सकुशल होने की कामना की और कहा कि केंद्र व राज्य सरकार मिलकर काम कर रही हैं।

सेना का बयान

भारतीय सेना ने एक बयान में कहा, "हर्षिल के पास खीर गाड़ क्षेत्र के धराली गांव में एक बड़ा भूस्खलन हुआ, जिससे बस्ती से अचानक मलबा और पानी का बहाव शुरू हो गया।" सेना ने आगे कहा कि "इबेक्स ब्रिगेड के सैनिकों को तुरंत जुटाया गया और वे स्थिति का आकलन करने तथा बचाव अभियान चलाने के लिए प्रभावित स्थल पर पहुंच गए हैं। क्षति की सीमा का पता लगाया जा रहा है और राहत अभियान के दौरान अपडेट दिए जाएंगे। सेना इस प्राकृतिक आपदा के दौरान अपने नागरिकों के समर्थन में दृढ़ है।"

Related News