UAPA के तहत दर्ज सिर्फ 2 मामले रद्द: सरकार का संसद में जवाब
UAPA के तहत 5 साल में 8947 गिरफ्तारियां, सिर्फ 2 मामले रद्द।


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संसद को बुधवार (30 जुलाई, 2025) को यह जानकारी दी गई कि साल 2018 से 2022 के बीच, आतंकवाद रोधी सख्त कानून, गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत देश भर में दर्ज किए गए मामलों में से अदालतों ने सिर्फ दो केस रद्द किए हैं।
सरकार का बयान
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में यह आंकड़ा पेश किया। उन्होंने बताया कि यह जानकारी राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की नवीनतम 'क्राइम इन इंडिया' रिपोर्ट पर आधारित है।
आंकड़ों में UAPA के मामले
रिपोर्ट के अनुसार, 2018 से 2022 तक की पांच साल की अवधि में UAPA के तहत कुल 6,503 व्यक्तियों के खिलाफ आरोप-पत्र दाखिल किए गए थे। वहीं, इस कानून के तहत अपराधों के लिए 252 लोगों को दोषी ठहराया गया।
मंत्री द्वारा पेश किए गए पूरे देश के आंकड़ों से पता चला कि जिन दो UAPA मामलों को अदालतों ने रद्द किया, वे दोनों साल 2022 में केरल राज्य से संबंधित थे।
कुल गिरफ्तारियां
आंकड़ों के मुताबिक, साल 2018 से 2022 के बीच कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने UAPA के तहत कुल 8,947 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया।
किस राज्य में कितनी गिरफ्तारी
गिरफ्तारियों के मामले में जम्मू-कश्मीर सबसे ऊपर रहा, जहां इस दौरान 2,633 गिरफ्तारियां हुईं। इसके बाद उत्तर प्रदेश का स्थान है, जहां UAPA के तहत 2,162 गिरफ्तारियां दर्ज की गईं।
सालवार गिरफ्तारियों का विवरण
- 2018 में 1,421 गिरफ्तारियां
- 2019 में 1,948 गिरफ्तारियां
- 2020 में 1,321 गिरफ्तारियां
- 2021 में 1,621 गिरफ्तारियां
- 2022 में 2,636 गिरफ्तारियां