टीआरएफ को 'आतंकवादी' घोषित करना जायज: अमेरिकी समिति
अमेरिकी समिति ने टीआरएफ को आतंकवादी घोषित करने का समर्थन किया।


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क्या है खबर?
अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की विदेश मामलों की समिति (US House Foreign Affairs Committee) ने पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (Lashkar-e-Taiba) के मुखौटा संगठन द रेसिस्टेंस फ्रंट (The Resistance Front – TRF) को 'वैश्विक आतंकवादी संगठन' घोषित किए जाने का स्वागत किया है। समिति ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि जो भी नागरिकों का नरसंहार करते हैं, उन्हें न्याय का सामना करना ही पड़ता है।
टीआरएफ को क्यों किया गया घोषित?
पिछले हफ्ते अमेरिका ने द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF) को एक विदेशी आतंकवादी संगठन (Foreign Terrorist Organisation - FTO) और विशेष रूप से नामित वैश्विक आतंकवादी (Specially Designated Global Terrorist - SDGT) घोषित किया था। यह फैसला विशेष रूप से पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद लिया गया, जिसकी जिम्मेदारी टीआरएफ ने ली थी।
अमेरिकी समिति ने क्या कहा?
प्रतिनिधि ब्रायन मास्ट की अध्यक्षता वाली इस समिति ने X (पूर्व में ट्विटर) पर अपनी एक पोस्ट में कहा, "राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने इसे ठीक ही कहा है। द रेसिस्टेंस फ्रंट एक विदेशी आतंकवादी संगठन है और यह इस दर्जे का हकदार है।" समिति ने आगे कहा, "जब आप नागरिकों का नरसंहार करते हैं, तो आपको बख्शा नहीं जाता – आपको न्याय मिलता है। यह एक आतंकवादी हमला था – सीधा और स्पष्ट।"
न्यूयॉर्क टाइम्स पर टिप्पणी
समिति ने न्यूयॉर्क टाइम्स (New York Times) की एक पुरानी रिपोर्ट पर भी अपनी नाराजगी जाहिर की, जो पहलगाम हमले से जुड़ी थी। न्यूयॉर्क टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट का शीर्षक दिया था "कश्मीर में उग्रवादियों द्वारा कम से कम 24 पर्यटकों को गोली मारी गई।" इस पर अमेरिकी विदेश मामलों की समिति ने 22 अप्रैल को ही न्यूयॉर्क टाइम्स पर निशाना साधते हुए कहा था कि उन्होंने इस शीर्षक को "ठीक" कर दिया है। समिति ने "उग्रवादियों" शब्द को काटकर लाल और मोटे अक्षरों में "आतंकवादियों" लिख दिया था। समिति ने कहा था, "चाहे भारत हो या इज़राइल, आतंकवाद की बात आती है तो न्यूयॉर्क टाइम्स वास्तविकता से दूर रहता है।"
पहलगाम हमला और टीआरएफ का दावा
पहलगाम में 22 अप्रैल, 2025 को हुए आतंकी हमले में 26 नागरिकों की मौत हो गई थी। इस हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा के मुखौटा संगठन टीआरएफ ने ली थी। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने टीआरएफ के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की घोषणा करते हुए कहा था कि यह आतंकवाद का मुकाबला करने और पहलगाम हमले के लिए न्याय सुनिश्चित करने की अमेरिकी प्रतिबद्धता का हिस्सा है।
भारत की प्रतिक्रिया
भारत ने भी अमेरिका के इस फैसले का स्वागत किया है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने इसे भारत-अमेरिका आतंकवाद विरोधी सहयोग की एक "मजबूत पुष्टि" बताया था।