तेजस्वी यादव को चुनाव आयोग का पत्र: एपिक कार्ड मांगा
तेजस्वी यादव के मतदाता सूची में नाम को लेकर विवाद गहराया।


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क्या है पूरा मामला?
बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता और राजद प्रमुख तेजस्वी यादव को चुनाव आयोग (ECI) ने एक पत्र लिखकर अपने मतदाता पहचान पत्र (EPIC) का विवरण देने को कहा है। यह कदम तब उठाया गया है, जब तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया था कि 1 अगस्त, 2025 को प्रकाशित मसौदा मतदाता सूची से उनका नाम गायब है। हालांकि, चुनाव आयोग का कहना है कि उनका नाम सूची में मौजूद है, लेकिन एक अलग एपिक नंबर के साथ।
तेजस्वी यादव का दावा
तेजस्वी यादव ने 2 अगस्त, 2025 को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया था कि जिस एपिक नंबर (RAB2916120) का उपयोग उन्होंने पिछले साल लोकसभा चुनाव में मतदान के लिए किया था, वह मसौदा मतदाता सूची से गायब है। उन्होंने पत्रकारों के सामने चुनाव आयोग की वेबसाइट पर अपना पुराना एपिक नंबर डालकर दिखाया कि वह अनुपस्थित है। यादव ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग भाजपा के एक प्रकोष्ठ के रूप में काम कर रहा है और सवाल उठाया कि अगर उनका नाम सूची में नहीं है तो वे आगामी विधानसभा चुनाव कैसे लड़ेंगे। तेजस्वी यादव दीघा विधानसभा क्षेत्र के मतदाता हैं, हालांकि वे राघोपुर विधानसभा सीट से विधायक हैं।
चुनाव आयोग की प्रतिक्रिया
तेजस्वी यादव के दावे के तुरंत बाद, 2 अगस्त, 2025 को चुनाव आयोग ने उनके दावों को "बेबुनियाद" बताया। आयोग ने मसौदा सूची का अंश प्रस्तुत किया जिसमें उनका नाम मौजूद था। हालांकि, भ्रम की स्थिति तब बनी जब चुनाव आयोग द्वारा दिखाया गया एपिक नंबर (RAB0456228) उस नंबर से अलग था जिसका दावा तेजस्वी यादव कर रहे थे।
ईआरओ का पत्र और जांच की मांग
3 अगस्त, 2025 को दीघा निर्वाचन क्षेत्र के निर्वाचक पंजीकरण अधिकारी (ERO) ने तेजस्वी यादव को पत्र लिखा। पत्र में कहा गया है, "जांच के बाद पाया गया कि आपका नाम मतदान केंद्र संख्या 204 (बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय का पुस्तकालय भवन) की क्रम संख्या 416 पर उल्लिखित है, जिसका एपिक नंबर RAB0456228 है।"
ईआरओ के पत्र में आगे कहा गया है, "आपके प्रेस कॉन्फ्रेंस के बयान के अनुसार, आपका एपिक नंबर RAB2916120 है। शुरुआती जांच के अनुसार, एपिक नंबर RAB2916120 आधिकारिक तौर पर जारी नहीं हुआ प्रतीत होता है। इसलिए, आपसे अनुरोध है कि उल्लिखित एपिक कार्ड (कार्ड की मूल प्रति सहित) का विवरण हमें प्रदान करें, ताकि इसकी पूरी तरह से जांच की जा सके।" हालांकि, इस जांच के लिए तेजस्वी यादव को एपिक कार्ड कब तक देना होगा, इसकी कोई समय सीमा नहीं बताई गई है।
राजद और विपक्षी दलों की प्रतिक्रिया
ईआरओ के पत्र पर प्रतिक्रिया देते हुए, राजद प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने कहा कि चुनाव आयोग भाजपा के इशारे पर काम कर रहा है और तेजस्वी यादव व INDIA ब्लॉक के अन्य नेताओं द्वारा मसौदा सूची के बारे में उठाए गए सवालों से ध्यान भटकाना चाहता है।
एनडीए की मांग
इस बीच, राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने चुनाव आयोग से तेजस्वी यादव के दो मतदाता पहचान पत्रों का संज्ञान लेने और उनके खिलाफ मामला दर्ज करने का आग्रह किया है। बिहार में भाजपा और उसके सभी सहयोगी दलों के प्रवक्ताओं ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में सवाल उठाया कि ये दो एपिक नंबर कहां से आए, यह देखते हुए कि एक व्यक्ति के पास दो मतदाता पहचान पत्र होना एक अपराध है।
चुनाव आयोग की ताजा जानकारी
चुनाव आयोग ने बताया कि 3 अगस्त, 2025 को दोपहर 3 बजे तक, बिहार में किसी भी राजनीतिक दल ने मसौदा सूची में नाम हटाने या जोड़ने के लिए उनसे संपर्क नहीं किया है। हालांकि, चुनाव आयोग को मतदाताओं से ऐसे 941 दावे और आपत्तियां मिली हैं।