ताइवान में बड़ा सियासी घमासान: चीन समर्थक सांसदों को पद से हटाने के लिए वोटिंग जारी
ताइवान में चीन समर्थक सांसदों को हटाने के लिए मतदान जारी।


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क्या हुआ?
ताइवान में आज, 26 जुलाई, 2025 को एक महत्वपूर्ण मतदान हो रहा है। यहां के मतदाता यह तय कर रहे हैं कि क्या चीन समर्थक विपक्षी राष्ट्रवादी पार्टी (KMT) के लगभग एक-पांचवें सांसदों को उनके पद से हटा दिया जाए। ताइपे में चल रहे इस मतदान पर पूरी दुनिया की नजर है, क्योंकि इसके नतीजे स्वशासित द्वीप की विधायिका में शक्ति संतुलन को पूरी तरह से बदल सकते हैं।
घटना की जगह और समय
मतदान शनिवार (26 जुलाई, 2025) को ताइपे में शुरू हुआ और स्थानीय समयानुसार शाम 4 बजे बंद हो जाएगा। उम्मीद है कि परिणाम आज रात तक घोषित कर दिए जाएंगे।
ताइवान का मौजूदा राजनीतिक परिदृश्य
पिछले साल हुए राष्ट्रपति चुनाव में स्वतंत्रता समर्थक सत्तारूढ़ डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (DPP) ने जीत हासिल की थी। हालांकि, चीन समर्थक राष्ट्रवादी (KMT) और छोटी ताइवान पीपल्स पार्टी (TPP) के पास मिलकर विधायिका में बहुमत बनाने के लिए पर्याप्त सीटें हैं। KMT के पास 52 सीटें हैं, जबकि सत्तारूढ़ DPP के पास 51 सीटें हैं।
सांसदों को हटाने की वजह
सांसदों को हटाने का समर्थन करने वाले लोग इस बात से नाराज हैं कि KMT और उसके सहयोगी दलों ने प्रमुख कानूनों को रोक दिया है, खासकर रक्षा बजट को। उन्होंने ऐसे विवादास्पद बदलाव भी पारित किए हैं, जिन्हें कार्यकारी शक्ति को कम करने वाला और चीन के पक्ष में माना जा रहा है। चीन ताइवान को अपना ही क्षेत्र मानता है। विपक्षी दलों की इन कार्रवाइयों ने कुछ ताइवानी नागरिकों के मन में द्वीप की लोकतांत्रिक अखंडता और चीनी सैन्य खतरों को रोकने की उसकी क्षमता के बारे में चिंताएँ पैदा की हैं, जिसके कारण यह 'रिकॉल' (पद से हटाने की) मुहिम शुरू हुई।
अभूतपूर्व मुहिम
यह 'रिकॉल' चुनाव अभूतपूर्व पैमाने पर हो रहे हैं। आज 24 सांसदों को हटाने के लिए वोटिंग है, और इसके अलावा, 23 अगस्त को KMT के सात अन्य सांसदों को भी इसी तरह के मतदान का सामना करना पड़ेगा। हालांकि, KMT ने आरोप लगाया है कि सत्तारूढ़ दल विधायी बहुमत खोने के बाद राजनीतिक प्रतिशोध का सहारा ले रहा है। उनका कहना है कि यह 'रिकॉल' ताइवान की लोकतांत्रिक व्यवस्था को कमजोर कर रहा है और चुनौती दे रहा है।
आगे क्या होगा?
DPP को विधायी बहुमत हासिल करने के लिए कम से कम छह KMT सांसदों को पद से हटाने की जरूरत होगी। साथ ही, सत्तारूढ़ दल को परिणामों की घोषणा के तीन महीने के भीतर होने वाले सभी उपचुनाव जीतने होंगे। 'रिकॉल' पारित होने के लिए, चुनावी जिले के एक-चौथाई से अधिक योग्य मतदाताओं को इसके पक्ष में मतदान करना होगा, और समर्थन करने वालों की कुल संख्या विरोध करने वालों से अधिक होनी चाहिए। यदि KMT इन 'रिकॉल' चुनावों में अपनी सीटें खो देती है, तो पार्टी उपचुनावों के लिए नए उम्मीदवार खड़े कर सकती है और शायद सीटें वापस जीत भी सकती है।
चीन की प्रतिक्रिया
चीन के ताइवान मामलों के कार्यालय की प्रवक्ता झू फेंगलियन ने जून में कहा था कि ताइवान के राष्ट्रपति लाई चिंग-ते के प्रशासन के सत्ता में आने के बाद से, उन्होंने "एक-पक्षीय प्रभुत्व" हासिल करने की कोशिश की है और "लोकतंत्र" के बहाने "तानाशाही" का अभ्यास किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि लाई की सरकार ने विपक्षी दलों और जलडमरूमध्य संबंधों के विकास का समर्थन करने वालों को दबाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है।
ताइवान का पलटवार
इसके जवाब में, ताइवान की मुख्यभूमि मामलों की परिषद ने बुधवार (23 जुलाई, 2025) को कहा कि चीनी अधिकारियों और सरकारी मीडिया ने इस मतदान में खुले तौर पर हस्तक्षेप करने की कोशिश की है।