श्रीलंका सरकार ने सबरीमाला तीर्थयात्रा को दी आधिकारिक मान्यता
श्रीलंका ने सबरीमाला तीर्थयात्रा को आधिकारिक मान्यता दी।


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क्या हुआ
श्रीलंका सरकार ने केरल स्थित प्रसिद्ध सबरीमाला अयप्पा मंदिर की वार्षिक तीर्थयात्रा को अब आधिकारिक मान्यता दे दी है। यह फैसला श्रीलंका कैबिनेट की बैठक में लिया गया, जिसकी जानकारी 12 अगस्त, 2025 को जारी एक कैबिनेट बयान में दी गई। यह घोषणा सोमवार, 11 अगस्त, 2025 को कोलंबो में हुई कैबिनेट मीटिंग के बाद की गई।
सरकार का महत्वपूर्ण फैसला
इस फैसले के अनुसार, श्रीलंका से सबरीमाला की यह तीर्थयात्रा अब सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त मानी जाएगी। यह कदम उन हजारों श्रीलंकाई श्रद्धालुओं के लिए एक बड़ी राहत है जो हर साल इस पवित्र स्थल की यात्रा करते हैं। सरकार के इस कदम से धार्मिक यात्राओं को प्रोत्साहन मिलेगा और श्रद्धालुओं को अधिक सहूलियत मिलेगी।
क्यों लिया गया यह निर्णय
कैबिनेट के बयान में बताया गया है कि हर साल 15,000 से अधिक श्रीलंकाई नागरिक सबरीमाला अयप्पा मंदिर के दर्शन के लिए केरल जाते हैं। श्रीलंका के भक्त लंबे समय से, आमतौर पर 1 नवंबर से लेकर अगले साल 31 जनवरी तक, इस मंदिर में पूजा-अर्चना करते आ रहे हैं। इस लंबी चली आ रही परंपरा और श्रद्धालुओं की आस्था को देखते हुए ही सरकार ने यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया है।
तीर्थयात्रा और उसके पर्व
सबरीमाला अयप्पा मंदिर में वार्षिक तीर्थयात्रा एक विशेष अवधि में होती है। इस दौरान नवंबर और दिसंबर के महीनों में 'मंडल पूजा' उत्सव का आयोजन होता है। इसके बाद 'मकरविलक्कु' नामक एक और महत्वपूर्ण तीर्थयात्रा होती है, जो जनवरी में समाप्त होती है। तीर्थयात्रा का मौसम खत्म होने के बाद मंदिर को कुछ समय के लिए बंद कर दिया जाता है।