शेयर बाजार में तेज गिरावट: सेंसेक्स, निफ्टी धड़ाम, बजाज फाइनेंस से निवेशकों को झटका
शेयर बाजार में भारी गिरावट, सेंसेक्स-निफ्टी धड़ाम, बजाज फाइनेंस को झटका।


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शेयर बाजार में बड़ी गिरावट
आज, शुक्रवार (25 जुलाई, 2025) को भारतीय शेयर बाजार में शुरुआती कारोबार में भारी गिरावट देखने को मिली। प्रमुख शेयर सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ही तेजी से नीचे गिरे। इस गिरावट के पीछे बजाज फाइनेंस के शेयरों में बड़ी गिरावट और विदेशी निवेशकों द्वारा लगातार की जा रही बिकवाली मुख्य वजहें रहीं। एशियाई बाजारों में कमजोर रुख का भी निवेशकों की धारणा पर नकारात्मक असर पड़ा।
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में 407.45 अंक टूटकर 81,776.72 पर आ गया। वहीं, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का 50 शेयरों वाला निफ्टी 144.3 अंक फिसलकर 24,917.80 के स्तर पर पहुंच गया।
किन शेयरों में आई ज्यादा गिरावट?
सेंसेक्स में शामिल कंपनियों में बजाज फाइनेंस के शेयरों को जून तिमाही के नतीजों की घोषणा के बाद लगभग 6 प्रतिशत का भारी नुकसान हुआ। बजाज फिनसर्व के शेयर भी 4 प्रतिशत से ज्यादा गिरे। इनके अलावा, टाटा स्टील, हिंदुस्तान यूनिलीवर, महिंद्रा एंड महिंद्रा, अल्ट्राटेक सीमेंट, पावर ग्रिड और मारुति जैसी कंपनियां भी घाटे में रहीं।
कुछ शेयरों ने दिखाई तेजी
हालांकि, इस गिरावट के बीच कुछ शेयर ऐसे भी रहे जिन्होंने बढ़त दर्ज की। इनमें एटरनल, आईसीआईसीआई बैंक, एचसीएल टेक और भारतीय स्टेट बैंक के शेयर शामिल थे।
विदेशी निवेशकों की बिकवाली जारी
एक्सचेंज से मिले आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने गुरुवार (24 जुलाई, 2025) को भारतीय इक्विटी से 2,133.69 करोड़ रुपये की निकासी की। हालांकि, घरेलू संस्थागत निवेशकों (DIIs) ने इसी दिन 2,617.14 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे।
क्या कहते हैं बाजार विशेषज्ञ?
जियोजित इन्वेस्टमेंट लिमिटेड के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी.के. विजयकुमार ने बताया, "बाजार का मौजूदा ढांचा कमजोर हो गया है। पिछले चार कारोबारी सत्रों में विदेशी संस्थागत निवेशकों द्वारा 11,572 करोड़ रुपये की लगातार बिकवाली बाजार पर दबाव बनाएगी।"
दुनिया भर के बाजारों का हाल
एशियाई बाजारों की बात करें तो जापान का निक्केई 225 इंडेक्स, शंघाई का SSE कंपोजिट इंडेक्स और हांगकांग का हैंग सेंग निचले स्तर पर कारोबार कर रहे थे। वहीं, दक्षिण कोरिया का कोस्पी हरे निशान में रहा। गुरुवार (24 जुलाई, 2025) को अमेरिकी बाजार मिले-जुले रुख के साथ बंद हुए थे।
भारत-ब्रिटेन व्यापार समझौते का असर
गुरुवार (24 जुलाई, 2025) को भारत और ब्रिटेन ने एक ऐतिहासिक मुक्त व्यापार समझौता (FTA) पर हस्ताक्षर किए। इस समझौते के तहत, अगले साल से 99 प्रतिशत भारतीय निर्यात यूके में शुल्क-मुक्त प्रवेश कर पाएगा, जबकि ब्रिटिश उत्पादों जैसे कारों और व्हिस्की पर शुल्क कम होगा। इस समझौते का लक्ष्य दुनिया की पांचवीं और छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच 56 अरब डॉलर के व्यापार को 2030 तक दोगुना करना है।
वी.के. विजयकुमार ने इस समझौते पर टिप्पणी करते हुए कहा, "भारत-ब्रिटेन एफटीए, जो किसी प्रमुख विकसित देश के साथ भारत का पहला व्यापक व्यापार समझौता है, के बाजार के नजरिए से दो निहितार्थ हैं। पहला, यह एफटीए दोनों देशों के बीच व्यापार को काफी बढ़ावा देगा, जिसे बाजार एक सकारात्मक कदम के रूप में देखेगा। दूसरा, यह एफटीए, भारत द्वारा अन्य देशों के साथ हस्ताक्षरित कई अन्य एफटीए के साथ मिलकर, भारत को एक ऐसे राष्ट्र के रूप में दर्शाता है जो मुक्त व्यापार के लिए प्रतिबद्ध है।" उन्होंने कहा कि यह समझौता ऐसे समय में आया है जब दुनिया टैरिफ युद्धों से जूझ रही है, जो सराहनीय है, और उम्मीद है कि इससे अमेरिका के साथ भी भारत के लिए निष्पक्ष व्यापार समझौता होने की संभावना बढ़ेगी। कपड़ा, चमड़ा, खाद्य प्रसंस्करण, ऑटोमोबाइल, फार्मास्यूटिकल्स और रत्न एवं आभूषण जैसे क्षेत्रों को इस एफटीए से लाभ मिलने की उम्मीद है, और ये क्षेत्र बाजार की निगरानी में रहेंगे।
वैश्विक तेल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड 0.39% बढ़कर 69.45 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया।
पिछले दिन का बाजार
गुरुवार को सेंसेक्स 542.47 अंक या 0.66% गिरकर 82,184.17 पर बंद हुआ था। निफ्टी भी 157.80 अंक या 0.63% टूटकर 25,062.10 पर सिमट गया था।